नई दिल्ली. भारत-भूटान रेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार ने 4000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है. भारत-भूटान रेल परियोजना चार साल में पूरी होगी. कोकराझार से गेलपु (भूटान) 69 किलोमीटर की रेल लाइन पर 3546 करोड़ खर्च होंगे. साथ ही बंगाल के बानरहाल से समत्से (भूटान) 20 किमी लंबी रेलवे लाइन पर 577 करोड़ खर्च होंगे.
भारत और भूटान के बीच रेल कनेक्टिविटी को मजबूती देने के लिए सरकार ने दो बड़े प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं. इन पर कुल 4,033 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पहला प्रोजेक्ट कोकराझार (असम) से गालेफू (भूटान) तक नई रेल लाइन बनाने का है.
इसकी लंबाई 69 किलोमीटर होगी और इस पर 3,456 करोड़ रुपये खर्च होंगे. दूसरा प्रोजेक्ट बनरहाट (भारत) से समत्से (भूटान) तक 20 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बनाने का है. इस पर 577 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इन दोनों रेल लाइनों के बनने से भारत-भूटान के बीच संपर्क और मजबूत होगा. भारत-भूटान के बीच व्यापार और पर्यटन को नई रफ्तार मिलेगी और सीमा क्षेत्रों के लोगों को भी बड़ा फायदा होगा.
भारत-भूटान के रिश्ते होंगे और मजबूत
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत और भूटान के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं. भारत, भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसके अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारतीय बंदरगाह अहम भूमिका निभाते हैं. भूटान के समत्से और गालेफू बड़े एक्सपोर्ट-इंपोर्ट (श्वङ्गढ्ढरू) हब हैं,जो भारत-भूटान की करीब 700 किलोमीटर लंबी सीमा को जोड़ते हैं.
भारत ने भरोसा दिया है कि भूटान के इन आर्थिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही और आसान होगी. रेल मंत्री ने कहा कि भारत और भूटान को जोडऩे वाली कोकराझार (असम) से गालेफू (भूटान) तक नई रेल लाइन बनाने का काम शुरू हो रहा है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 3,456 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे पूरा करने में 4 साल लगेंगे.
ये है डिटेल्स
रूट की लंबाई: 69 किलोमीटर
भूटान का इलाका: सरपांग जिला
भारत का इलाका: असम के कोकराझार और चिरांग जिले
कुल स्टेशन: 6
बड़े पुल: 29
छोटे पुल: 65
महत्वपूर्ण ब्रिज: 2
वायडक्ट (लंबा ऊंचा पुल): 2
रूब्स (रेलवे अंडरब्रिज): 39
रोब्स (रेलवे ओवरब्रिज): 1
गुड्स शेड (माल लोडिंग-प्वाइंट): 2




