फरीदाबाद के बल्लभगढ़ स्थित अग्रवाल कॉलेज में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक जागरूकता कार्यक्रम में विदेशी नर्तिकाओं के बेली डांस प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। इस कार्यक्रम में 16 देशों की महिला मॉडल और नर्तिकाओं ने हिस्सा लिया। कलाकारों में भारत, रूस, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, मिस्र, न्यूज़ीलैंड, एस्टोनिया, कोरिया और अमेरिका की प्रतिभाएं शामिल थीं।
कार्यक्रम की शुरुआत मॉडल और नर्तिकाओं के रैंप वॉक और स्टेज पर प्रस्तुतियों से हुई। एक विदेशी मॉडल ने हरियाणवी घाघरा पहनकर ‘52 गज का दामन’ गीत पर रैंप वॉक किया, जिसे देखने के लिए छात्रों और मेहमानों ने उत्साहपूर्वक तालियां बजाईं। सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा था, लेकिन कजाखस्तान की एक नर्तिका के लाल रंग की ड्रेस में बेली डांस प्रदर्शन के दौरान माहौल बदल गया। छात्रों में उत्साह चरम पर पहुंच गया और कई छात्र स्टेज के पास जाने लगे। कुछ लड़के एक-दूसरे के कंधों पर चढ़कर नाचने लगे, जिससे कार्यक्रम में हड़कंप मच गया।
इस दौरान कॉलेज प्रशासन और पुलिस कर्मियों को भीड़ को नियंत्रण में रखने में कठिनाई हुई। मौके पर मौजूद महिला पुलिस अधिकारी छात्रों को शांत करने और बैठने का प्रयास करती दिखीं। इस घटना के बाद जिला उपायुक्त विक्रम सिंह और संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश दुग्गल, जो कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल थे, उठकर कार्यक्रम स्थल से चले गए।
वीडियो वायरल होने के बाद अभिवक्ता एकता मंच ने प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की। हरियाणा अभिवक्ता एकता मंच के महासचिव कैलाश शर्मा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक सह-शैक्षणिक कॉलेज है, जहां लड़कों और लड़कियों के सामने इस तरह का नृत्य होना अनुचित है।
कार्यक्रम में छात्रों की हंसी-खुशी और उत्साह तो देखने लायक था, लेकिन अनियंत्रित माहौल और सुरक्षा चुनौतियों ने आयोजन के महत्व को भी छाया में डाल दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो को 24 घंटे से भी कम समय में 1 लाख 3 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है। कार्यक्रम के दौरान नृत्य, फैशन शो और अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कॉलेज में उत्सव जैसा माहौल बनाया, लेकिन एक ही प्रस्तुति ने पूरे कार्यक्रम का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
विदेशी नर्तिकाओं का यह प्रदर्शन कुछ के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मनोरंजन का माध्यम था, वहीं कुछ लोगों के लिए यह विवाद और बहस का कारण बन गया। कॉलेज प्रशासन ने हालांकि तुरंत किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों में और अधिक नियंत्रण और दिशा-निर्देश लागू करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जा रहा है।
इस घटना ने यह साफ कर दिया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं को आमंत्रित करना और विविधता को बढ़ावा देना एक ओर महत्वपूर्ण पहल है, वहीं छात्रों और दर्शकों की भावनाओं और सांस्कृतिक संवेदनाओं का सम्मान करना भी उतना ही जरूरी है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

