जबलपुर । एमपी जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का विस्तारीकरण में करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए। इसके बाद भी शहर से लगातार एयर कनेक्टिविटी घट रही है। लिहाजा इस मामले में सोमवार को एक बार फिर से एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उड़ानें नहीं तो 500 करोड़ क्यों खर्च किए। हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि जबलपुर को सेकंड हैंड ट्रीटमेंट् आखिर क्यों दे रहे हो।
कोर्ट ने हवाई सेवाओं के घटने को लेकर यही कहा कि एयरपोर्ट के विकास पर 500 करोड़ रुपए खर्च करने का औचित्य क्या है। कोर्ट ने इसे शहर के साथ श्दूसरे दर्जे का व्यवहार बताते हुए राज्य सरकार को फटकार भी लगाई। मामले पर अगली सुनवाई अब 6 नवंबर को होगी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के द्वारा दायर की याचिका दायर की है। राज्य सरकार जबलपुर के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार क्यों कर रही है। अगर इसी तरह की स्थिति रहीए तो राजधानी के आला-अधिकारियों का जबलपुर ट्रांसफर कर देंगे, जिसके बाद ही खराब कनेक्टिविटी का अधिकारियों का सामना करना पड़ेगा। जनहित याचिका पर सुनवाई करते कहा कि करोड़ों रुपए खर्च कर एयरपोर्ट का विस्तार किया गया, लेकिन कई उड़ानें बंद कर दी गईं और वर्तमान में केवल इंडिगो एयरलाइंस ही संचालन कर रही है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी करते हुए कहाण्ण्ण् श्आपने इतना पैसा क्यों खर्च किया घ्ए रीवा जैसे छोटे शहर से ज्यादा उड़ानें वहां से हैंए जबकि जबलपुर में केवल 5 उड़ानें ही हैं। जबलपुर को हमेशा दूसरे दर्जे में क्यों रखा जाता है, क्या इसलिए कि यहां प्रशासनिक मुख्यालय नहीं है। कोर्ट ने कहा कि अभी भोपाल-इंदौर से जो फ्लाइट चल रही है, उसे क्या न जबलपुर से चलाया जाए। केंद्र सरकार फ्लाइट्स बढ़ाने के लिए मीटिंग करें और विमान कंपनियांए राज्य सरकार और याचिकाकर्ता के वकीलों के साथ बैठकर मीटिंग कर समस्या का समाधान करे। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि विमानन निदेशालय ने हाल ही में एक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया है, ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या बढ़ाई जा सके। हालांकि कोर्ट ने पाया कि यह आरएफपी जबलपुर से संबंधित नहीं है बल्कि अधिकतर उड़ानें इंदौर से जुड़ी हैं। इंडिगो एयरलाइंस की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि नवंबर से दो नई उड़ानें शुरू करने का प्रस्ताव है। इस पर कोर्ट ने सुझाव दिया कि उड़ानों का समय इस तरह तय किया जाए कि एक सुबह दफ्तर खुलने से पहले और दूसरी शाम को बंद होने के बाद होए ताकि व्यवसायिक यात्रियों और पर्यटकों दोनों को सुविधा मिले। मामले पर अब अगली सुनवाई 6 नवंबर के लिए तय की गई है।
जबलपुर की घटती एयर कनेक्टिविटी पर हाईकोर्ट की टिप्पणी, कहा, यही स्थिति रही तो अधिकारियों का जबलपुर ट्रांसफर करेंगे
प्रेषित समय :21:38:56 PM / Mon, Oct 13th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर




