घोड़ों की मौत के मामले में सरकार ने पेश की रिपोर्ट, हाईकोर्ट को बताया जिम्मेदारों के खिलाफ की एफआईआर, अब 11 नवंबर को सुनवाई

घोड़ों की मौत के मामले में सरकार ने पेश की रिपोर्ट, हाईकोर्ट को बताया जिम्मेदारों के खिलाफ की एफआईआर, अब 11 नवंबर को सुनवाई

प्रेषित समय :15:05:25 PM / Tue, Oct 14th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित रैपुरा गांव लाए गए 57 घोड़ों में से 19 की मौत के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. यह मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट पहुंचा,  जहां पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट पेश की. सरकार ने बताया कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले में दिल्ली की वरिष्ठ अधिवक्ता रितिका गोयल पक्ष रखेंगी. जिसके लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सरकार की इस मांग को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 11 नवंबर को तय की है. कोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार और जिला प्रशासन से घोड़ों की मौत को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी थी. इसके पालन में जबलपुर कलेक्टर और घोड़ों के केयर टेकर की ओर से शपथ पत्र प्रस्तुत किया गयाए जिसमें मौत के कारणए उपचाररत घोड़ों की मेडिकल रिपोर्टए देखरेख और भोजन व्यवस्था से जुड़ी जानकारियां शामिल थीं.

यह याचिका जबलपुर की पशु प्रेमी सिमरन ईसर की ओर से दायर की गई थी. याचिका में कहा गया कि हैदराबाद निवासी सुरेश पाल गुड्डू हॉर्स पावर लीग के संचालक हैं. वे हैदराबाद रेस क्लब में घोड़ा रेस का आयोजन कराते थे और फिलिपींस में एक ऐप के जरिए उसकी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कराकर सट्टा लगवाते थे. फिलिपींस सरकार द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद सट्टा गतिविधियों को बंद कर दिया गया. इसके बाद गुड्डू ने अपने करीब 150 से अधिक घोड़ों की देखरेख बंद कर दी. चार माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला और घोड़ों को भोजन न मिलने से करीब 90 घोड़ों की मौत हो गई. साक्ष्य छिपाने के लिए मृत और बीमार घोड़ों को नियम विरुद्ध तरीके से हैदराबाद से जबलपुर लाकर पनागर के रायपुरा गांव में रखा गया.

19 घोड़ों की हो चुकी है मौत-

जानकारी के अनुसार ये घोड़े सड़क मार्ग से रायपुर निवासी सचिन तिवारी लेकर आए थे. जबलपुर पहुंचने के बाद भी घोड़ों की ठीक तरह से देखभाल नहीं की गई. न तो उन्हें पर्याप्त भोजन मिला और न ही समय पर उपचार. परिणामस्वरूप कई घोड़ों की एक के बाद एक मौत होती गई. सरकार की रिपोर्ट के अनुसारए हैदराबाद से कुल 57 घोड़े जबलपुर लाए गए थे, जबकि याचिकाकर्ता का दावा है कि अब तक 19 घोड़ों की मौत हो चुकी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-