सरफराज खान के लिए टीम इंडिया का दरवाजा बंद, अश्विन हुए हैरान बीसीसीआई के चयन पर उठाए गंभीर सवाल

सरफराज खान के लिए टीम इंडिया का दरवाजा बंद, अश्विन हुए हैरान बीसीसीआई के चयन पर उठाए गंभीर सवाल

प्रेषित समय :20:48:14 PM / Wed, Oct 22nd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के चयनकर्ताओं द्वारा युवा बल्लेबाज सरफराज खान को दक्षिण अफ्रीका 'ए' के खिलाफ आगामी घरेलू रेड-बॉल सीरीज के लिए इंडिया 'ए' टीम से बाहर करने के फैसले ने क्रिकेट जगत में एक बड़ा तूफान खड़ा कर दिया है. 22 अक्टूबर 2025 को, जब सोशल मीडिया इस निर्णय के खिलाफ आलोचनाओं से भरा हुआ था, तब पूर्व दिग्गज स्पिनर और क्रिकेट पंडित रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर सामने आकर इस मसले पर खुलकर बात की. अश्विन ने न केवल सरफराज के प्रति अपनी 'पीड़ा' व्यक्त की, बल्कि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इंडिया 'ए' टीम से बाहर किया जाना, इस प्रतिभाशाली बल्लेबाज के लिए राष्ट्रीय टीम के दरवाजे स्थायी रूप से बंद होने का कठोर संकेत हो सकता है.

बीसीसीआई ने मंगलवार को साउथ अफ्रीका 'ए' के खिलाफ होने वाली दो मैचों की सीरीज के लिए 15 सदस्यीय इंडिया 'ए' टीम की घोषणा की, जिसमें सरफराज खान का नाम नदारद था. सरफराज की अनदेखी ने तत्काल व्यापक आलोचना को जन्म दिया. हालाँकि, अश्विन ने इस आलोचना में शामिल होते हुए भी एक कड़वी सच्चाई सामने रखी. उन्होंने बीसीसीआई के इस चयन प्रक्रिया को 'भ्रम' से भरा हुआ बताया और चयनकर्ताओं के बीच 'संचार की कमी' पर गंभीर सवाल उठाए.

अश्विन ने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि चयन और संचार में तालमेल होना बहुत ज़रूरी है. उन्होंने अतीत के दो प्रमुख उदाहरण दिए, जहाँ सुब्रमण्यम बद्रीनाथ और मनोज तिवारी जैसे खिलाड़ियों को इंडिया 'ए' टीम से यह कहकर बाहर कर दिया गया था कि "हमने आपको काफी देख लिया है, अब हम नए चेहरों को आज़माना चाहते हैं, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर हम आपको सीधे भारतीय टीम में चुनेंगे." अश्विन ने तर्क दिया कि यदि चयन का यही मानदंड है, तो मौजूदा इंडिया 'ए' टीम में 'भ्रम' दिखाई देता है.

उन्होंने पूछा, "यदि आप कहते हैं कि हमने सरफराज को इंडिया 'ए' में बहुत देख लिया है, तो अभिमन्यु ईश्वरन को क्यों चुना गया, जो पहले ही इंडिया 'ए' के लिए पर्याप्त खेल चुके हैं?" अश्विन ने कहा कि ईश्वरन को छोड़कर, टीम में शामिल हर्ष दुबे और मानव सुथार जैसे बाकी खिलाड़ी 'भविष्य की योजनाओं' के अनुरूप दिखते हैं. लेकिन सरफराज के मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलता.

सरफराज खान ने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत के लिए डेब्यू किया था, जहाँ उन्होंने अपनी पहली ही उपस्थिति में दोनों पारियों में अर्धशतक जड़कर सनसनी फैला दी थी. उन्होंने कुल मिलाकर भारत के लिए छह टेस्ट मैच खेले, जिनमें 371 रन बनाए. इसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ उनकी पिछली सीरीज में आया एक शतक भी शामिल है. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद उनके आखिरी दो टेस्ट मैचों में उनका प्रदर्शन फीका रहा, जहाँ उन्होंने एक डक सहित केवल 21 रन बनाए. इसके बावजूद, वह भारतीय क्रिकेट की योजनाओं में बने हुए थे.

अश्विन ने इस बात पर जोर दिया कि सरफराज ने राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए हर संभव प्रयास किया है. उन्होंने बताया कि सरफराज ने इंडिया 'ए' टीम के लिए इंग्लैंड दौरे पर 92 रन की शानदार पारी खेली थी. इसके अलावा, उन्होंने अपने फिटनेस मानकों को सुधारने के लिए गर्मियों में 17 किलोग्राम वज़न कम किया था, जिसके बाद उन्होंने प्री-डोमेस्टिक सीज़न बुची बाबू टूर्नामेंट में लगातार दो शतक जमाए थे. चोट के कारण दिलीप ट्रॉफी से बाहर रहने के बाद, उन्होंने फिटनेस टेस्ट भी पास कर लिया था. इन सब प्रयासों के बावजूद, दक्षिण अफ्रीका 'ए' सीरीज के लिए उनका चयन न होना अश्विन को निराश और बेख़बर कर गया.

अश्विन ने कहा, "जब मैं सरफराज के चयन न होने की जाँच करता हूँ, तो मुझे कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलता है. मैं बहुत दुखी हूँ और उसके लिए बुरा महसूस कर रहा हूँ." उन्होंने कल्पना की कि यदि वह चयनकर्ता होते, तो सरफराज को क्या कहते? "उसने अपना वज़न कम किया है, वह लगातार रन बना रहा है, उसने अपनी पिछली टेस्ट सीरीज़ में एक शतक भी बनाया है."

अश्विन ने सरफराज के लिए 'कठोर वास्तविकता' सामने रखी. उन्होंने कहा कि इंडिया 'ए' टीम से बाहर होना लगभग "दरवाजा बंद हो जाने" जैसा है. उन्होंने तर्क दिया, "अगर मैं सरफराज खान होता, तो मैं यही सोचता. उसे इंडिया 'ए' टीम से हटा दिया गया है. यह शाब्दिक रूप से ऐसा है जैसे दरवाजा बंद कर दिया गया है. अब वह कहाँ प्रदर्शन करेगा? अब अगर वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो वे कहेंगे कि वह केवल फर्स्ट क्लास क्रिकेट के लिए ही अच्छा है. तो अब उसे इंडिया 'ए' के लिए नहीं चुना जाएगा. वह कहाँ जाकर अपनी साख साबित करेगा? वह कहाँ दिखाएगा कि उसने सुधार किया है?"

अश्विन ने निष्कर्ष निकाला कि इस तरह का गैर-चयन किसी व्यक्ति विशेष के निर्णय को दर्शाता है, "चाहे वह प्रबंधन की तरफ से हो या चयन समिति की तरफ से," कि "अब हम उसे (सरफराज को) नहीं देख रहे हैं." इस पूरे घटनाक्रम ने भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और युवा, प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के मनोबल पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एक गहरी बहस को जन्म दे दिया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-