हनीट्रेप में व्यापारियों को फंसाकर वसूली करने पर इंदौर में टीआई को एसआई और एएसआई को आरक्षक बनाया

हनीट्रेप में व्यापारियों को फंसाकर वसूली करने पर इंदौर में टीआई को एसआई और एएसआई को आरक्षक बनाया

प्रेषित समय :13:52:46 PM / Sat, Oct 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में अनाज कारोबारी को हनीट्रेप में फंसा कर लाखों रुपये वसूलने वाले टीआई (निरीक्षक) और एएसआई (सहायक उपनिरीक्षक) को पुलिस आयुक्त ने कड़ी सजा सुनाई है. दोनों का डिमोशन कर दिया गया है. टीआई को दो वर्ष के लिए एसआई (उपनिरीक्षक) और एएसआई को पांच साल के लिए आरक्षक बनाया गया है.

मामला एमआईजी थाना का है. नीमच के अनाज कारोबारी रवि अग्रवाल ने हनीट्रैप में फंसा कर रुपये वसूलने के आरोप लगाए थे. रवि को प्रिया चौहान नामक युवती के जरिए फंसाया और अवैध रुप से हिरासत में रखा. सिपाही गोविंद द्विवेदी ने प्रिया के भाई साहिल के साथ मिलकर रवि से करीब 30 लाख रुपये की वसूली की.

तत्कालीन पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने परदेशीपुरा के तत्कालीन एसीपी भूपेंद्रसिंह से इसकी जांच करवाई. गोविंद द्विवेदी को आरोप प्रमाणित पाए जाने पर पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया. टीआई अजय वर्मा और एएसआई धीरज शर्मा के विरुद्ध जोन-1 के डीसीपी विनोद कुमार मीणा से जांच करवाई. डीसीपी ने भी दोनों की मिलीभगत सिद्ध की और रिपोर्ट पुलिस आयुक्त संतोष कुमारसिंह को सौंप दी. आयुक्त ने शुक्रवार को अजय वर्मा को दो साल के लिए निरीक्षक से उपनिरीक्षक और एएसआई धीरज शर्मा को पांच साल के लिए आरक्षक बना लिया.

15 दिन में पांचवीं सजा

आयुक्त ने भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों को पांचवी सजा सुनाई है. चार को सेवा से बर्खास्त कर चुके हैं. आयुक्त ने एएसआई रंजना खांडे, एएसआई कलमसिंह, एएसआई रामअवतार दीक्षित और एसआई विकास की पुलिस से छुट्टी कर दी थी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-