छिंदवाड़ा. एमपी के छिंदवाड़ा में अमरवाड़ा स्थित रजौला गांव में गंदा पानी पीने से बीमार हुई 36 वर्षीय महिला की आज सुबह मौत हो गई. महिला दुर्गा चंद्रवंशी को परिजन शनिवार शाम जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे. मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया. उन्होंने अस्पताल के गेट पर शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया. गौरतलब है कि रजौला गांव में गंदा पानी पीने से पिछले दिनों 400 से अधिक लोग बीमार हुए थे. जिसके चलते कलेक्टर ने गांव में ही अस्थायी अस्पताल बनवाया था.
छिंदवाड़ा के सिंगोड़ी के पास स्थित रजौला गांव में गंदा पानी पीने से पिछले दिनों 400 से अधिक लोग बीमार हो गए थे. हालात इतने बिगड़े कि छिंदवाड़ा कलेक्टर ने खुद मोर्चा संभालते हुए गांव के पंचायत भवन में ही अस्थायी अस्पताल बनवाया थाए जहां दो दिनों तक ग्रामीणों का इलाज चला और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी गई. लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ. बीती शाम इसी बीमारी से पीडि़त दुर्गा चंद्रवंशी उम्र 36 वर्ष पति स्वर्गीय नरेश चंद्रवंशी निवासी रजौला को परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे.
इलाज के दौरान आज सुबह महिला की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा. उन्होंने जिला अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए. परिजनों का कहना है कि ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ ने इलाज के नाम पर 200 मांगे और लेने के बाद भी सही उपचार नहीं किया. पीडि़त के परिजन सागर चंद्रवंशी ने बताया किए हमने कई बार स्टाफ को बताया कि हम रजौला गांव से आए हैं जहां पानी की समस्या चल रही है. महिला के पेट में तेज दर्द हो रहा है लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया सिर्फ एक बोतल चढ़ाई और ध्यान नहीं दिया.
अस्पताल गेट पर शव रखकर किया विरोध-
महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के गेट पर ही शव रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने की कोशिश कीए लेकिन वे कलेक्टर से मिलने की मांग पर अड़े रहे. इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन डॉ रवि टांडेकर भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने परिजनों की बात सुनी, कहा अभी तक मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है. जब शिकायत आएगी तो जांच जरूर की जाएगी.
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