चुनाव आयोग की घोषणा : बिहार की तरह 12 राज्यों में एसआईआर, आज रात से वोटर लिस्ट फ्रीज होगी

चुनाव आयोग की घोषणा : बिहार की तरह 12 राज्यों में एसआईआर, आज रात से वोटर लिस्ट फ्रीज होगी

प्रेषित समय :17:03:02 PM / Mon, Oct 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. देश के 12 राज्यों में विशेष इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) होगा. इसकी घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. उन्होंने बताया कि आज रात से ही इन राज्यों में वोटर लिस्ट फ्रीज हो जाएगी.

उन्होंने बताया कि एसआईआर का दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है. इस चरण में मतदाता सूची के अपडेशन, नए वोटरों के नाम जोडऩे और त्रुटियों को सुधारने का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हमने एसआईआर की शुरुआत बिहार से की थी. यहां स्ढ्ढक्र कामयाब रहा. इसे लेकर राज्य में जीरो शिकायते मिलीं.

बिहार में एसआईआर कामयाब रहा

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि नतीजा सबके सामने है. बिहार में स्ढ्ढक्र कामयाब रहा. दूसरे फेज में 12 राज्यों और ञ्ज की वोटर लिस्ट अपडेट करेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मैं छठ की सभी को खासकर बिहार के 7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन करता हूं. बिहार में एसआईआर के बाद देश के सभी 36 स्टेट इलेक्शन कमिश्नरों के साथ 2 बैठक आयोजित की.

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक

आयोग ने एसआईआर लागू करने की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ हाल ही में दो बैठकें की हैं. कई सीईओ ने अपनी पिछली एसआईआक के बाद जारी की गई वोटर लिस्ट संबंधित राज्यों की वेबसाइट्स पर डाल दी है. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 2008 की वोटर लिस्ट है. वहां 2008 में एसआईआर हुई थी. उत्तराखंड में, अंतिम बार स्ढ्ढक्र 2006 में हुई थी वहां तब की वोटर लिस्ट अब राज्य सीईओ की वेबसाइट पर है. बिहार में भी हाल में वोटर वैरिफिकेशन हुआ है. फाइनल डेटा एक अक्टूबर को जारी किया गया.

मतदाता सूची को अपडेट करना मकसद

आयोग का दावा है कि उनका पूरा ध्यान केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल, असम और पुडुचेरी पर है, जहां मई 2026 तक चुनाव होने हैं. स्ढ्ढक्र का उद्देश्य मतदाता सूचियों में दोहरे मतदाताओं को हटाना और यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता भारतीय नागरिक है. ऐसी समीक्षा 2 दशक बाद हो रही है, क्योंकि शहरीकरण और माइग्रेशन बढऩे से इसकी जरूरत महसूस हुई. यहां हालात ऐसे आंध्र प्रदेश में 2003-2004 5.5 करोड़ मतदाता थे, अब 6.6 करोड़ हैं. उत्तर प्रदेश में 2003 में 11.5 करोड़ थे, अब 15.9 करोड़ हैं. दिल्ली में 2008 में 1.1 करोड़ थे, अब 1.5 करोड़ हैं. बैठक में तय हुआ कि बीएलओ हर मतदाता के घर जाकर प्री फील्ड फॉर्म पहुंचाएंगे. इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर तक 18 वर्ष के हर मतदाता को शामिल माना जाएगा. देशभर में 99 करोड़ 10 लाख मतदाता हैं. इनमें से बिहार 8 करोड़ मतदाताओं की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. 2002 से 2004 के बीच स्ढ्ढक्र में 70 करोड़ मतदाता दर्ज हुए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि 21 करोड़ मतदाताओं को ही जरूरी दस्तावेज देने होंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-