क्रिप्टो बाजारों में मंगलवार को सतर्कता का माहौल रहा, जब बिटकॉइन की कीमत 1.14 लाख डॉलर (लगभग 1 करोड़ रुपये) के नीचे आ गई. अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नीति घोषणा से पहले निवेशकों ने नए सौदों से दूरी बनाते हुए मुनाफावसूली को प्राथमिकता दी. सोमवार को बिटकॉइन ने संक्षिप्त रूप से 1.15 लाख डॉलर का स्तर छुआ था, लेकिन मंगलवार तक इसमें लगभग 1.37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
CoinMarketCap के अनुसार, बिटकॉइन इस समय 1,13,800 डॉलर (करीब 1 करोड़ रुपये) पर कारोबार कर रहा था, जबकि एथेरियम (Ethereum) में 3.41 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 4,100 डॉलर (लगभग 3.6 लाख रुपये) के आसपास बना रहा. भारतीय एक्सचेंजों पर भी यही प्रवृत्ति रही — बिटकॉइन लगभग 1 करोड़ रुपये और एथेरियम 3.6 लाख रुपये के आसपास ट्रेड कर रहे थे.
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट किसी नकारात्मक संकेत के बजाय “सावधानीपूर्ण इंतज़ार” को दर्शाती है. निवेशक इस सप्ताह फेड की ब्याज दर नीति, अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और चीन-अमेरिका व्यापार वार्ताओं से जुड़े अपडेट का इंतज़ार कर रहे हैं.
Mudrex के सीईओ एडुल पटेल ने कहा, “बिटकॉइन का रेंज-बाउंड रहना दर्शाता है कि बाजार फिलहाल बड़ी हलचल से पहले संतुलन बना रहा है. फियर-ग्रीड इंडेक्स ‘न्यूट्रल’ स्तर पर लौट आया है, जो स्थिरता का संकेत देता है. साथ ही, कई सार्वजनिक कंपनियां फिर से बिटकॉइन जमा करना शुरू कर चुकी हैं — जैसे कि स्ट्रैटेजी फर्म ने हाल ही में 43.4 मिलियन डॉलर (लगभग 382.7 करोड़ रुपये) के बिटकॉइन खरीदे हैं.”
Pi42 के सह-संस्थापक और सीईओ अविनाश शेखर के अनुसार, क्रिप्टो बाजार एक “परिवर्तनकारी मोड़” पर है. उन्होंने कहा, “संरचनात्मक रूप से क्रिप्टो की नींव मज़बूत है, लेकिन अगली तेजी का समय और गति वैश्विक नीतियों और निवेशक विश्वास पर निर्भर करेगी.”
दूसरी ओर, CoinSwitch Markets Desk की रिपोर्ट बताती है कि क्रिप्टो की समग्र दिशा अब भी मैक्रो-इकोनॉमिक फैक्टर्स पर टिकी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया, “अगर फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो उधार लेने की लागत घटेगी और बाजार में तरलता बढ़ेगी, जिससे क्रिप्टो संपत्तियों को गति मिल सकती है. हाल में एथेरियम ने दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 4,200 डॉलर को छुआ और ETH ETF में तीन दिनों की गिरावट के बाद फिर से निवेश प्रवाह शुरू हुआ.”
Altcoins के मोर्चे पर भी हलचल सीमित रही.
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बाइनेंस कॉइन (BNB) 1,138 डॉलर (करीब 1 लाख रुपये) पर रहा,
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एक्सआरपी (XRP) 2.62 डॉलर (करीब ₹231) पर,
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सोलाना (SOL) 200 डॉलर (करीब ₹17,670) के स्तर पर स्थिर रहा,
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जबकि डॉजकॉइन (DOGE) में 4.17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 0.19 डॉलर (करीब ₹17.60) पर पहुंच गया.
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, वर्तमान परिदृश्य “मुनाफा वसूली और नीतिगत प्रतीक्षा” के बीच का चरण है. संस्थागत निवेशक फिर से बाजार में सक्रिय हो रहे हैं, जिससे दीर्घकालिक दृष्टि सकारात्मक बनी हुई है. हालांकि अल्पकालिक रूप से निवेशक जोखिम कम करने की रणनीति अपना रहे हैं.
फेडरल रिज़र्व की बैठक से पहले क्रिप्टो बाजारों में यह सतर्क रुख कोई नई बात नहीं है. ऐतिहासिक रूप से, फेड की ब्याज दरों में परिवर्तन का सीधा असर बिटकॉइन जैसी जोखिम-आधारित संपत्तियों पर पड़ता है. यदि दरों में कटौती होती है, तो निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ती है — जिससे क्रिप्टो बाजार को नई ऊर्जा मिल सकती है.
दूसरी ओर, यदि फेड “दर स्थिर” रखने का फैसला करता है, तो बिटकॉइन कुछ समय तक इसी सीमित दायरे में रह सकता है. कई विश्लेषकों का अनुमान है कि अगले कुछ हफ्तों में बिटकॉइन की कीमत 1.10 लाख से 1.18 लाख डॉलर के बीच घूम सकती है, जब तक कि कोई बड़ा मैक्रो संकेत नहीं आता.
कुल मिलाकर, बाजार फिलहाल “संयमित आशावाद” की स्थिति में है — जहां दीर्घकालिक निवेशक इसे एक अवसर के रूप में देख रहे हैं, जबकि अल्पकालिक ट्रेडर सतर्क रहना पसंद कर रहे हैं.
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय क्रिप्टो निवेशकों को “सावधानी और स्थिरता के साथ दीर्घकालिक दृष्टि” अपनाने की आवश्यकता है. बाजार में उतार-चढ़ाव अस्थायी हो सकता है, लेकिन ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट इकोसिस्टम की बुनियादी मजबूती बरकरार है.
बिटकॉइन की हालिया गिरावट बाजार की कमजोरी नहीं, बल्कि नीति अनिश्चितता के दौर में निवेशकों की सतर्कता का प्रतीक है. जैसे ही फेड का निर्णय और वैश्विक आर्थिक संकेत स्पष्ट होंगे, क्रिप्टो बाजार एक बार फिर नई दिशा पकड़ सकता है — फिलहाल, निवेशक “इंतज़ार और नाप-तौल” के मूड में हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-



