AajKaDin: 31 अक्टूबर 2025, जगत की माता- जगद्धात्री की आराधना का शुभ अवसर!

AajKaDin: 31 अक्टूबर 2025, जगत की माता- जगद्धात्री की आराधना का शुभ अवसर!

प्रेषित समय :21:31:48 PM / Thu, Oct 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* जगद्धात्री पूजा - 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार
* नवमी तिथि प्रारम्भ - 30 अक्टूबर 2025 को 10:06 एएम बजे
* नवमी तिथि समाप्त - 31 अक्टूबर 2025 को 10:03 एएम बजे

* धर्मधारणा के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी, जगत की माता- जगद्धात्री की आराधना का शुभ अवसर है.
* देवी जगद्धात्री, देवी त्रिपुरा सुंदरी के ही विभिन्न स्वरूपों में से एक हैं, जिसका भावार्थ है- जगत की माता.
* जगत का पालन करनेवाली जगद्धात्री देवी का स्वरूप आदर्श माता का है- शान्त, उदार और सशक्त.
* सिंह पर सवार, लाल वस्त्रों से विभूषित, कर-कमलों में शङ्ख, चक्र, धनुष और बाण धारण करनेवाली देवी जगद्धात्री के त्रिनेत्र हैं.
* अठारहवीं शताब्दी में राजा कृष्णचन्द्र राय ने यह पूजा सार्वजनिक रूप से आयोजित करना शुरू किया था, तब शारदीय नवरात्रि में आवश्यक विधि-विधान से पूजा नहीं कर पाने के कारण, उन्होंने पश्चात्ताप-स्वरूप कार्तिक मास में देवी त्रिपुरा सुंदरी की पूजा जगद्धात्री स्वरूप में की थी!
हर इच्छा पूर्ण करती है... अक्षय नवमी!
* धर्मधारणा के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष नवमी... अक्षय नवमी क्योंकि हर इच्छा पूर्ण करती है इसलिए इसे इच्छा नवमी भी कहते हैं!
* इच्छा नवमी के अवसर पर आंवला का विशेष महत्व है... इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा... आंवला के सानिध्य में भोजन और दान-पुण्य का अनंत फल प्राप्त होता है.
* अक्षय नवमी को आंवला पूजन से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पारिवारिक-शांति, उत्तम-आयु एवं संतान-सुख की वृद्धि होती है.
* अक्षय नवमी को ही भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध से पूर्व तीन वनों की परिक्रमा की थी, इसीलिए आज भी श्रद्धालु अक्षय नवमी पर... अत्याचार के विरुद्ध न्याय की विजय के लिए मथुरा-वृन्दावन की परिक्रमा और श्रीकृष्ण मंदिर में पूजा-दर्शन करते हैं.
* इस अवसर पर आंवले का पौधा लगाने से ज्यों-ज्यों आंवला बढ़ता है त्यों-त्यों सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है. 
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग - 31 अक्टूबर 2025
* अक्षय नवमी - 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार
* अक्षय नवमी शुभ समय - 06:41 से 10:03
* नवमी तिथि प्रारम्भ - 30 अक्टूबर 2025 को 10:06 एएम बजे
* नवमी तिथि समाप्त - 31 अक्टूबर 2025 को 10:03 एएम बजे 

शक सम्वत 1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना कार्तिक, पूर्णिमान्त महीना कार्तिक, वार शुक्रवार, पक्ष शुक्ल, तिथि नवमी - 10:03 एएम तक, नक्षत्र धनिष्ठा - 06:51 पीएम तक, योग वृद्धि - 04:32 एएम (1 नवम्बर 2025) तक, करण कौलव - 10:03 एएम तक, द्वितीय करण तैतिल - 09:43 पीएम तक, सूर्य राशि तुला, चन्द्र राशि मकर - 06:48 एएम तक. राहुकाल 10:54 एएम से 12:19 पीएम, अभिजित मुहूर्त 11:56 एएम से 12:41 पीएम
दैनिक चौघड़िया - 31 अक्टूबर 2025
* दिन का चौघड़िया
चर - 06:41 से 08:06
लाभ - 08:06 से 09:30
अमृत - 09:30 से 10:54
काल - 10:54 से 12:19
शुभ - 12:19 से 01:43
रोग - 01:43 से 03:07
उद्वेग - 03:07 से 04:31
चर - 04:31 से 05:56
* रात्रि का चौघड़िया
रोग - 05:56 से 07:32
काल - 07:32 से 09:07
लाभ - 09:07 से 10:43
उद्वेग - 10:43 से 12:19
शुभ - 12:19 से 01:55
अमृत - 01:55 से 03:30
चर - 03:30 से 05:06
रोग - 05:06 से 06:42 
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-