AajKaDin: 3 नवम्बर 2025, संपूर्ण वर्ष प्रदोष व्रत संपूर्ण सुख प्रदान करता है!

AajKaDin: 3 नवम्बर 2025, संपूर्ण वर्ष प्रदोष व्रत संपूर्ण सुख प्रदान करता है!

प्रेषित समय :21:38:05 PM / Sun, Nov 2nd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* सोम प्रदोष व्रत - 3 नवम्बर 2025, सोमवार
* प्रदोष पूजा मुहूर्त - 05:54 पीएम से 08:28 पीएम
* त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - 3 नवम्बर 2025 को 05:07 एएम बजे
* त्रयोदशी तिथि समाप्त - 4 नवम्बर 2025 को 02:05 एएम बजे

शिवकृपा प्राप्त करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है.
भोलेनाथ जब प्रसन्न होते हैं तो समस्त दोष समाप्त कर परम प्रसन्नता, परम सुख प्रदान करते हैं, प्रदोष व्रत-पूजा बहुत ही सरल है क्योंकि भोलेनाथ एकमात्र देव हैं जो पवित्र मन से की गई पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं.
शिवोपासना में दुर्लभ मंत्र और कीमती पूजा सामग्री की जरूरत नहीं है, सच्चे मन से  शिवमंत्र जाप करें और शिवलिंग पर सर्वसुलभ पवित्र जल चढ़ाएं.  
सुख का अहसास कराता है- शांत मन और दुख का कारण है- अशांत मन, शिवोपासना से तुरंत मानसिक शांति प्राप्त होती है.
प्रदोष व्रत में दिनभर निराहार रहकर सायंकाल पवित्र स्नान करने के बाद श्वेत वस्त्रों में शांत मन से भगवान शिव का पूजन किया जाता है.जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार के दोष मिट जाते  है.
इस व्रत के प्रमुख देवता शिव हैं इसलिए उनके साथ-साथ शिव परिवार की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है.
विभिन्न दिनों के प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता है....
सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से ऋण-रोग से मुक्ति मिलती है, बुधवार के दिन यह व्रत करने सर्व कामना सिद्धि होती है, बृहस्पतिवार के प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है, शुक्रवार प्रदोष व्रत से सौभाग्य की वृद्धि होती है, शनिवार प्रदोष व्रत से संतान सुख की प्राप्ति होती है, रविवार के दिन प्रदोष व्रत हमेशा स्वस्थ रखता है, संपूर्ण वर्ष प्रदोष व्रत संपूर्ण सुख प्रदान करता है!
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग - 3 नवम्बर 2025
शक सम्वत1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना कार्तिक, पूर्णिमान्त महीना कार्तिक, वार सोमवार, पक्ष शुक्ल, तिथि त्रयोदशी - 02:05 एएम (4 नवम्बर 2025) तक, नक्षत्र उत्तर भाद्रपद - 03:05 पीएम तक, योग हर्षण - 07:40 पीएम तक, करण कौलव - 03:40 पीएम तक, द्वितीय करण तैतिल - 02:05 एएम (4 नवम्बर 2025) तक, सूर्य राशि तुला, चन्द्र राशि मीन, राहुकाल 08:07 एएम से 09:31 एएम, अभिजित मुहूर्त 11:56 एएम से 12:41 पीएम
दैनिक चौघड़िया - 3 नवम्बर 2025
* दिन का चौघड़िया
अमृत - 06:43 से 08:07
काल - 08:07 से 09:31
शुभ - 09:31 से 10:55
रोग - 10:55 से 12:19
उद्वेग - 12:19 से 01:42
चर - 01:42 से 03:06
लाभ - 03:06 से 04:30
अमृत - 04:30 से 05:54
* रात्रि का चौघड़िया
चर - 05:54 से 07:30
रोग - 07:30 से 09:06
काल - 09:06 से 10:43
लाभ - 10:43 से 12:19
उद्वेग - 12:19 से 01:55
शुभ - 01:55 से 03:31
अमृत - 03:31 से 05:08
चर - 05:08 से 06:44 
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-