लोकतंत्र के महासमर में बिहार: पहले चरण में बंपर वोटिंग, लालू ने 'रोटी' से मांगा बदलाव;NDA ने 'शतक' का दावा किया

लोकतंत्र के महासमर में बिहार: पहले चरण में बंपर वोटिंग

प्रेषित समय :19:28:27 PM / Thu, Nov 6th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में आज, 6 नवंबर को, राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर हुए मतदान में मतदाताओं ने भारी उत्साह दिखाया. शाम 5 बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, 60.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में बंपर वोटिंग की ओर इशारा करता है. चुनाव आयोग (ECI) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बेगूसराय ज़िले ने सबसे अधिक 67.32 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की, जिसके बाद गोपालगंज (64.96%) और मुजफ्फरपुर (64.63%) का स्थान रहा. राजधानी पटना में भी मतदान की गति तेज़ हुई और यहाँ 55.02% वोटिंग हुई. इस उच्च मतदान दर ने दोनों प्रमुख गठबंधनों – सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन (INDIA bloc) – के लिए जीत के दावों और चिंता दोनों को बढ़ा दिया है.

यह चरण दोनों गठबंधनों के लिए 'करो या मरो' जैसा है, क्योंकि इसमें विपक्षी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव सहित डेढ़ दर्जन से अधिक शीर्ष नेताओं का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है. NDA की ओर से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित नीतीश कुमार सरकार के कई महत्वपूर्ण मंत्री चुनावी मैदान में हैं, जिनकी किस्मत आज ईवीएम में कैद हो गई है.

इस चरण में मुख्य रूप से तीन पक्षों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाला महागठबंधन (INDIA) और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी.

उत्साह और दावे

मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद, राजनीतिक गलियारों में दावों और प्रतिदावों का दौर शुरू हो गया. दोनों प्रमुख गठबंधनों ने अपने-अपने पक्ष में 'बंपर वोटिंग' होने का दावा किया.

  • एनडीए का 'शतक' दावा: बिहार के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने मतदाताओं, प्रशासन और चुनाव आयोग को शांतिपूर्ण मतदान के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने दावा किया कि मतदान में पिछले चुनाव के मुकाबले 4-5% की वृद्धि हुई है, जो बदलाव की लहर दिखाती है. चौधरी ने अपने प्रतिनिधियों से मिली रिपोर्टों के आधार पर बड़ा दावा करते हुए कहा कि "एनडीए 121 सीटों में से लगभग 100 सीटें जीतने जा रहा है, और यह 2010 के परिणामों को तोड़ने के लिए तैयार है." उन्होंने यहां तक कहा कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव और लालू यादव के पूरे परिवार को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा.

  • महागठबंधन ने जताई बदलाव की उम्मीद: विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख और महागठबंधन के उप मुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरे मुकेश सहनी ने भी 'बंपर वोटिंग' होने की बात स्वीकारी. उन्होंने एएनआई से कहा, "बिहार में बदलाव की लहर है. बंपर वोटिंग हो रही है. मुझे उम्मीद है कि बिहार में परिवर्तन होगा और महागठबंधन की सरकार बनेगी."

मतदान का जिला-वार विश्लेषण

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, शाम 5 बजे तक ज़िलावार मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय अंतर देखने को मिला:

जिला मतदान प्रतिशत (शाम 5 बजे तक)
बेगूसराय 67.32% (सर्वाधिक)
गोपालगंज 64.96%
मुजफ्फरपुर 64.63%
पटना 55.02%
शेखपुरा 52.36% (सबसे कम)

सबसे अधिक मतदान बेगूसराय में हुआ, जबकि सबसे कम मतदान शेखपुरा में दर्ज किया गया. राजधानी पटना में भी मतदान की गति धीमी ही रही.

दिग्गजों का भाग्य ईवीएम में बंद

इस चरण में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव सहित दोनों गठबंधनों के कई प्रमुख नेताओं का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया है. एनडीए की ओर से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित नीतीश कुमार सरकार के कई मंत्रियों की साख दांव पर लगी है.

इस चरण के मतदान के बाद, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने शाम 7:30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने की घोषणा की है, जिसमें मतदान के अंतिम आंकड़ों और विस्तृत जानकारी के साझा किए जाने की उम्मीद है. चुनाव परिणाम 14 नवंबर, 2025 को घोषित किए जाएंगे.

लालू का 'रोटी' प्रेम और परिवर्तन का आह्वान

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद, जो अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की उम्मीद कर रहे हैं, ने मतदान के बीच एक भावनात्मक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए बदलाव का आह्वान किया. उन्होंने "रोटी" का सादृश्य (analogy) देते हुए कहा कि "तवे पर रोटी को पलटना जरूरी होता है, वरना वह जल जाती है, ठीक उसी तरह शासन में भी परिवर्तन आवश्यक है." लालू प्रसाद का यह प्रतीकात्मक संदेश सीधे तौर पर मतदाताओं से सत्ता परिवर्तन की अपील करता है, जिससे यह चुनाव केवल नीतियों का नहीं, बल्कि नेतृत्व परिवर्तन की आकांक्षा का भी बन गया है.

उप मुख्यमंत्री पर हमला, सियासत में उबाल

पहले चरण के मतदान के दौरान, लखीसराय से चौथी बार चुनाव लड़ रहे उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के काफिले पर कथित हमले की खबर ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया. सिन्हा ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के समर्थकों ने उनके काफिले की एक कार पर हमला किया, गोबर और चप्पलें फेंकी, और अत्यंत पिछड़े वर्ग (EBC) के मतदाताओं को धमकाने की कोशिश की. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर भी त्वरित कार्रवाई न करने का आरोप लगाया. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने इस घटना को महागठबंधन के अराजक तत्वों की निराशा बताया और दावा किया कि मतदान के रुझान एनडीए के पक्ष में 75% सीटों पर आगे होने का संकेत दे रहे हैं. इस घटना ने सत्तारूढ़ दल को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष पर हमलावर होने का नया मौक़ा दे दिया है.

छोटे दलों के लिए ऊँचा दांव

इस चरण में दोनों गठबंधनों के छोटे घटकों के लिए भी दांव ऊँचा है. वामपंथी दल CPI(ML) के लिए यह चरण अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह जिन 20 सीटों पर लड़ रही है, उनमें से 10 इसी चरण में हैं और इनमें से छह सीटें उसके पास पहले से थीं. NDA के भीतर सीट बंटवारे को लेकर नाराज़गी के बावजूद, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की 29 सीटों में से 10 पर इस चरण में वोटिंग हुई है, जिनमें से पिछली बार NDA ने केवल एक सीट जीती थी. JDU ने LJP(RV) को उसकी विधानसभा में मौजूदा प्रतिनिधित्व की कमी के बावजूद इतनी अधिक सीटें दिए जाने पर असंतोष व्यक्त किया था.

यह पहला चरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी सम्राट चौधरी के नेतृत्व वाले NDA तथा तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर पेश करता है. 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में, इन 121 सीटों पर NDA और महागठबंधन के बीच लगभग बराबरी का मुकाबला हुआ था, जहाँ महागठबंधन ने 61 और NDA ने 59 सीटें जीती थीं. अब जबकि ये सभी दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है, पूरे राज्य की राजनीतिक दिशा अब 14 नवंबर को आने वाले मतगणना परिणामों पर टिकी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-