-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 6367472963)
* गणाधिप संकष्टी चतुर्थी - 8 नवम्बर 2025, शनिवार
* संकष्टी के दिन चन्द्रोदय - 08:25 पीएम
* चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 8 नवम्बर 2025 को 07:32 एएम बजे
* चतुर्थी तिथि समाप्त - 9 नवम्बर 2025 को 04:25 एएम बजे
* श्रीगणेश की शुभदृष्टि से समस्त कष्ट, नष्ट होते हैं और इसीलिए संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है.
* प्रतिमाह पूर्णिमा के पश्चात आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी पुकारते हैं. संकट से मुक्ति मिलने को ही संकष्टी कहते हैं.
* भगवान श्रीगणेश के भक्त संकष्टी चतुर्थी के अवसर पर सूर्योदय से चन्द्रोदय तक उपवास रखते हैं.
* धर्मधारणा है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से सभी तरह के विघ्नों से मुक्ति मिल जाती है.
* श्रद्धालु संकष्टी चतुर्थी का कठोर व्रत करते हैं जिसमे केवल फलों, वनस्पति उत्पादों आदि का ही उपयोग किया जाता है.
* श्रद्धालु चन्द्रमा के दर्शन करने के पश्चात व्रत खोलते हैं.
॥ श्रीगणेश आरती ॥
सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची.
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची.
सर्वांगी सुन्दर उटि शेंदुराची.
कण्ठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति.
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती॥
रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा.
चन्दनाची उटि कुंकुमकेशरा.
हिरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा.
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया॥
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति.
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती॥
लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बन्धना.
सरळ सोण्ड वक्रतुण्ड त्रिनयना.
दास रामाचा वाट पाहे सदना.
संकटी पावावे निर्वाणीरक्षावे सुरवरवन्दना॥
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति.
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती॥
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग - 8 नवम्बर 2025
शक सम्वत1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना कार्तिक, पूर्णिमान्त महीना मार्गशीर्ष, वार शनिवार, पक्ष कृष्ण, तिथि तृतीया - 07:32 एएम तक, क्षय तिथि चतुर्थी - 04:25 एएम (9 नवम्बर 2025) तक, नक्षत्र मृगशिरा - 10:02 पीएम तक, योग शिव - 06:32 पीएम तक, करण विष्टि - 07:32 एएम तक, द्वितीय करण बव - 05:54 पीएम तक, क्षय करण बालव - 04:25 एएम (9 नवम्बर 2025) तक, सूर्य राशि तुला, चन्द्र राशि वृषभ - 11:14 एएम तक, राहुकाल 09:33 एएम से 10:56 एएम, अभिजित मुहूर्त 11:57 एएम से 12:41 पीएम
दैनिक चौघड़िया - 8 नवम्बर 2025
* दिन का चौघड़िया
काल - 06:46 से 08:09
शुभ - 08:09 से 09:33
रोग - 09:33 से 10:56
उद्वेग - 10:56 से 12:19
चर - 12:19 से 01:42
लाभ - 01:42 से 03:05
अमृत - 03:05 से 04:28
काल - 04:28 से 05:51
* रात्रि का चौघड़िया
लाभ - 05:51 से 07:28
उद्वेग - 07:28 से 09:05
शुभ - 09:05 से 10:42
अमृत - 10:42 से 12:19
चर - 12:19 से 01:56
रोग - 01:56 से 03:33
काल - 03:33 से 05:10
लाभ - 05:10 से 06:47
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- किया गया पुरुषार्थ सार्थक होगा. शासन सत्ता का सहयोग रहेगा. पारिवारिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. शिक्षा और प्रतियोगिता के क्षेत्र में किया गया श्रम सार्थक होगा.
उपाय:- भगवती दुर्गा को लाल चुनरी अर्पित करें.
वृष राशि:- आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. संतान के दायित्व की पूर्ति होगी. किसी कार्य के संपन्न होने से आपके प्रभाव तथा वर्चस्व में वृद्धि होगी. रिश्तों में मधुरता आएगी.
उपाय:- मस्तक पर हल्दी का तिलक लगाएं.
मिथुन राशि:- स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है. बुध के मार्गी होने से पारिवारिक दायित्व की पूर्ति होगी. व्यावसायिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा.
उपाय:- शिव परिवार की पूजा करें.
कर्क राशि:- संतान के दायित्व की पूर्ति होगी. आार्थिक पक्ष मजबूत होगा. उपहार या सम्मान में वृद्धि होगी. रिश्तों में निकटता आएगी. रचनात्मक प्रयास फलीभूत होंगे.
उपाय:- भगवान कार्तिकेय की पूजा करें.
सिंह राशि:- पारिवारिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. महिला राजनेता का सहयोग मिलेगा. निजी संबंध प्रगाढ़ होंगे. उपहार या सम्मान में वृद्धि होगी. जीविका के क्षेत्र में प्रगति होगी.
उपाय:- भगवान श्रीगणेश की पूजा कर घर से निकलें.
कन्या राशि:- बुध के मार्गी होने से आत्मबल में वृद्धि होगी. सामाजिक कायोर् में रुचि लेंगे. आर्थिक और व्यावसायिक पक्ष मजबूत होगा. उपहार या सम्मान में वृद्धि होगी.
उपाय:- पूजा स्थान पर पानी से भरा तांबे का कलश रखें. …
तुला राशि:- स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है. भागदौड़ रहेगी. पारिवारिक कायोर् में रुचि लेंगे. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. रचनात्मक कार्यों में प्रगति होगी.
उपाय:- पक्षियों के लिए छत पर दाना डालें.
वृश्चिक राशि:- ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा. उपहार या सम्मान में वृद्धि होगी. सामाजिक कार्यों में रुचि लेंगे. व्यक्ति विशेष का सहयोग रहेगा. रिश्तों में मधुरता आएगी.
उपाय:- घर के बाहर हल्दी से स्वस्तिक बनाएं.
धनु राशि:- शासन सत्ता का सहयोग मिलेगा. किसी कार्य के संपन्न होने से आपके प्रभाव तथा वर्चस्व में वृद्धि होगी.सामाजिक कायोर् में रुचि लेंगे. मधुर संबंध बनेंगे.
उपाय:- किसी कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस में पानी डालें.
मकर राशि:- पारिवारिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. गृह उपयोगी वस्तुओं में वृद्धि होगी, लेकिन जीवनसाथी के कारण तनाव रहेगा. वाणी पर संयम रखें.
उपाय:- हल्दी, केसर और चंदन मिलाकर लक्ष्मीजी को तिलक लगाएं.
कुम्भ राशि:- व्यावसायिक योजना फलीभूत होगी. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. रिश्तों में मधुरता आएगी. रचनात्मक कार्यों में मन लगाएं.
उपाय:- भगवान श्रीगणेश की पूजा कर घर से निकलें.
मीन राशि:- पारिवारिक जीवन सुखमय होगा. धन, यश, कीर्ति में वृद्धि होगी. सामाजिक कार्यों में रुचि लेंगे. किसी कार्य के संपन्न होने से आपके प्रभाव में वृद्धि होगी.
उपाय:- गुरु को पीले वस्त्र भेंट करें.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

