मुंबई. देश में एक तरफ जहां वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर कई आयोजन हो रहे हैं. तो वहीं मुंबई में इसको लेकर एक नया सियासी बवाल देखने को मिल रहा है. समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी द्वारा धार्मिक कारणों से वंदे मातरम का पाठ करने से इनकार करने के बाद, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर राष्ट्रीय गीत का किया. बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए आजमी ने अपने घर से शरबत पीने के लिए भेजा था.
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने वंदे मातरम को गाने से इंकार कर दिया था. भारतीय जनता पार्टी ने उनके मुंबई स्थित घर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया है. अबू आजमी ने कहा है, जिसको गाना है, वो गाये उनको नहीं गाना है. इस बयान के बाद बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए और भारत माता की तस्वीर लेकर प्रदर्शन करने पहुंच गए.
अबू आजमी के घर के बाहर बीजेपी ने किया प्रदर्शन
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा सहित कई नेताओं ने अबू आजमी के घर के बाहर वंदे मातरम् का गायन किया. इस कार्यक्रम में देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई, जिसके बाद मुंबई पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए. जैसे ही इलाके में वंदे मातरम के नारे गूंजने लगे, आजमी के आवास के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई. तनाव बढऩे से रोकने के लिए पुलिस बैरिकेड्स लगाए गए, जबकि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हुए हैं.
आजमी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को भिजवाया शरबत
भारतीय जनता पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता अबू आजमी के घर के बाहर एकत्रित हुए थे. यहां वंदे मातरम् का गायन होना था. इसके लिए सपा नेता को भी आमंत्रित किया गया था. हालांकि वे इसमें शामिल नहीं हुए. उन्होंने सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए शरबत जरूर भिजवाया.
पाकिस्तान चले जाएं आजमी- बीजेपी एमएलए
बीजेपी विधायक राज के पुरोहित ने आज़मी के रुख की आलोचना करते हुए कहा, यह प्रतीकात्मक है. वंदे मातरम् गाया जाना चाहिए और देश का सम्मान किया जाना चाहिए. अगर आपको देश से प्यार नहीं है, तो पाकिस्तान चले जाइए. आप यहीं रहते हैं और यहीं के विधायक हैं.
बचाव में ये बोले आजमी
अबू आजमी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि वे भारत का सम्मान करते हैं, लेकिन उनका धर्म कुछ खास इबादत की इजाजत नहीं देता है. इस्लाम अपनी माँ का सम्मान करने को बहुत महत्व देता है, लेकिन यह उनके सामने सजदा करने की इजाज़त नहीं देता है. उन्होंने कहा, वंदे मातरम गाना अनिवार्य करना सही नहीं है क्योंकि हर किसी की मान्यताएं अलग-अलग होती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

