एमपी में ठंड की जोरदार दस्तक, तोड़ा रिकॉर्ड भोपाल जबलपुर और इंदौर में पारा लुढ़का सर्द हवाओं से जनजीवन प्रभावित

एमपी में ठंड की जोरदार दस्तक, तोड़ा रिकॉर्ड भोपाल जबलपुर और इंदौर में पारा लुढ़का सर्द हवाओं से जनजीवन प्रभावित

प्रेषित समय :19:17:23 PM / Sat, Nov 8th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. मध्य प्रदेश में सर्दी ने इस सीजन की शुरुआत में ही अपनी रंगत दिखाना शुरू कर दिया है. राजधानी भोपाल, औद्योगिक नगरी इंदौर और संस्कारधानी जबलपुर सहित प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में नवंबर के शुरुआती हफ्तों में इतनी ठंड दर्ज नहीं की गई थी. ठंडी हवाओं और गिरते तापमान ने लोगों को समय से पहले ही रजाई-स्वेटर निकालने पर मजबूर कर दिया है.

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जबलपुर में शुक्रवार की रात न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से करीब 5 डिग्री कम है. वहीं, भोपाल में पारा 10.2 डिग्री और इंदौर में 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में कई स्थानों पर तापमान एकल अंक में पहुँच गया है, जिससे सर्दी का असर और अधिक महसूस हो रहा है.

स्थानीय मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर. के. सोनी ने बताया कि यह ठंड उत्तरी भारत से आने वाली हवाओं के कारण बढ़ी है. उन्होंने कहा, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हुई है, जिसके चलते उत्तरी हवाएँ मध्य भारत तक पहुँच रही हैं. इस कारण प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान में अचानक गिरावट आई है.

जबलपुर में सुबह के समय धुंध की परत छाई रही. शहर के कई हिस्सों में दृश्यता 100 मीटर से भी कम हो गई, जिससे सुबह की ट्रैफिक पर असर पड़ा. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मुख्य बाजार क्षेत्रों में यात्रियों को सर्द हवाओं से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ा. दूध और सब्जी बेचने वाले छोटे व्यापारी भी ठंड से कांपते नजर आए.

भोपाल में भी ठंड का असर साफ दिखाई दिया. राजधानी के तालाब किनारे और पुराने शहर के इलाके में सुबह-सुबह कोहरा छाया रहा. लोग मोटे ऊनी कपड़ों में लिपटे दिखे. चाय और कॉफी की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई. नगर निगम ने सार्वजनिक स्थानों पर रात में अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए हैं.

इंदौर में तापमान में अचानक गिरावट ने स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा दिया है. अस्पतालों में सर्दी, खांसी और जुकाम के मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक इज़ाफा हुआ है. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि सुबह और रात के समय बाहर निकलने से बचें तथा पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें.

प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी सर्दी का असर गहराई तक पहुँच चुका है. किसानों ने बताया कि खेतों में काम करना मुश्किल हो गया है. हालांकि कई इलाकों में यह ठंड रबी फसलों के लिए फायदेमंद भी मानी जा रही है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, गेहूं और चना जैसी फसलों के लिए वर्तमान तापमान अनुकूल है, जिससे उत्पादन बेहतर हो सकता है.

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है. विभाग का कहना है कि अगले 3 से 4 दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. कुछ जिलों — खासकर बैतूल, खजुराहो, रीवा और छतरपुर — में पारा 7 डिग्री तक भी जा सकता है.

सर्द हवाओं के चलते आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. स्कूल जाने वाले बच्चे और कामकाजी लोग सुबह की ठंड से परेशान हैं. जबलपुर के कई निजी स्कूलों ने सुबह की शिफ्ट का समय बदल दिया है. नगर शिक्षा अधिकारी ने बताया कि छोटे बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों के समय में अस्थायी बदलाव किया गया है. ठंड और कोहरे के चलते बसों की आवाजाही में भी दिक्कतें आ रही हैं.

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह ठंड फिलहाल मौसमी असामान्यता का संकेत नहीं है, बल्कि सर्दी के मौसम की शुरुआती तीव्रता है. इस बार मानसून की वापसी देर से हुई थी, इसलिए ठंड का आगमन भी एकदम अचानक महसूस हो रहा है. आने वाले दिनों में तापमान धीरे-धीरे स्थिर होगा, डॉ. सोनी ने कहा. इधर, ठंड के असर से बिजली की खपत में भी इज़ाफा देखने को मिला है. जबलपुर और भोपाल विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, रात के समय हीटर और गीजर के उपयोग से बिजली की मांग लगभग 15 प्रतिशत बढ़ गई है.

जनजीवन के साथ-साथ पर्यटन पर भी इस ठंड का असर पड़ रहा है. जबलपुर के भेड़ाघाट, इंदौर के राजवाड़ा और भोपाल के बड़े तालाब पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. हालांकि कई पर्यटक इसे विंटर चार्म के रूप में भी देख रहे हैं. दिल्ली और मुंबई से आए पर्यटकों ने कहा कि मध्य प्रदेश की यह ठंड यहां की प्राकृतिक खूबसूरती के साथ एक अलग अनुभव देती है.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस मौसम में सावधानी बरतें. ठंड के कारण बच्चों और बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टरों ने बताया कि सुबह व्यायाम करने वाले लोग अत्यधिक ठंडी हवा में खुली जगहों पर कसरत से बचें.

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यदि हवाओं की दिशा उत्तर से बनी रहती है तो आने वाले सप्ताह में पारा और गिर सकता है. दिसंबर की शुरुआत तक प्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक पहुँचने की संभावना जताई जा रही है.

प्रदेश के नागरिकों के लिए नवंबर की यह ठंड एक अप्रत्याशित अनुभव बन गई है. सुबह-सुबह धुंध में लिपटी सड़कों, चाय की भाप और अलाव के चारों ओर बैठे लोगों का दृश्य अब हर शहर में आम हो गया है. जबलपुर के निवासी मोहित वर्मा ने कहा, इतनी ठंड नवंबर में तो पिछले कई सालों से नहीं देखी. ऐसा लग रहा है जैसे जनवरी पहले ही आ गई हो.

फिलहाल मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि आने वाले दिनों में तापमान में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा. मध्य प्रदेश इस समय सर्दी के अपने सबसे तीव्र दौर में प्रवेश कर रहा है, जहाँ न केवल मौसम का मिजाज बदल गया है बल्कि लोगों की दिनचर्या भी पूरी तरह सर्द हवाओं के हवाले हो गई है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-