नई दिल्ली. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी के मध्य प्रदेश के पचमढ़ी दौरे से पहले राज्य की राजनीति में अचानक बयानबाजी का तूफान आ गया है. कांग्रेस के रणनीतिकारों के लिए पचमढ़ी का यह दौरा जहां भविष्य की रणनीति और संगठनात्मक पुनर्गठन के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, वहीं राहुल गांधी ने अपने इस दौरे से ठीक पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर एक ऐसा तीखा हमला बोला है जिसने राज्य के राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ा दी है. यह हमला सीधे तौर पर राज्य के बच्चों से जुड़े एक बेहद संवेदनशील मुद्दे पर केंद्रित था, जब उन्होंने आरोप लगाया कि "एमपी सरकार ने बच्चों की थाली तक चुरा ली."
यह बयान आज शनिवार, 08 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में तब सामने आया जब राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. यह वीडियो कथित तौर पर मध्य प्रदेश के एक सरकारी स्कूल से संबंधित था, जिसमें बच्चों को मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) रद्दी अखबारों या फर्श पर परोसा जा रहा था. इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश पैदा किया था और राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं. राहुल गांधी ने इस घटना को "भारत के भविष्य के लिए शर्मनाक" बताते हुए भाजपा सरकार पर जोरदार प्रहार किया.
उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में स्पष्ट रूप से मौजूदा भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा, "20 साल से ज्यादा की भाजपा सरकार, और बच्चों की थाली तक चुरा ली गई. इनका 'विकास' बस छलावा है, सरकार में आने का असली राज तो 'व्यवस्था' है." उन्होंने आगे कहा कि "शर्म आनी चाहिए ऐसे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को जो देश के बच्चों, भारत के भविष्य का इस दुर्दशा से पालन-पोषण कर रहे हैं." यह बयान केवल एक राजनीतिक हमला नहीं था, बल्कि यह गरीबों और वंचितों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता पर सीधा सवाल था, जिसने तुरंत एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया.
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब वह जल्द ही मध्य प्रदेश के शांत और सुरम्य हिल स्टेशन पचमढ़ी के लिए रवाना होने वाले हैं. उनका यह दौरा आगामी राजनीतिक चुनौतियों और राज्य में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की दिशा में रणनीति बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पचमढ़ी में राहुल गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और राज्य इकाई के पदाधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श करेंगे. इस बैठक का मुख्य एजेंडा न केवल पिछले चुनावों की समीक्षा करना होगा, बल्कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और भविष्य की रणनीति पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा.
हालांकि, विपक्षी दलों द्वारा बच्चों के भोजन जैसी संवेदनशील राष्ट्रीय योजना में कथित कुप्रबंधन के मुद्दे को उठाना एक गंभीर राजनीतिक चाल है. भाजपा ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए इसे कांग्रेस की "हताशा की राजनीति" बताया है. मध्य प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें तथ्यों की पूरी जानकारी नहीं है. प्रवक्ता ने दावा किया कि राज्य सरकार ने मिड-डे मील योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित की है और यदि कहीं कोई अनियमितता हुई है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी ने 'बच्चों की थाली' जैसा भावनात्मक मुद्दा उठाकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं. पहला, उन्होंने ग्रामीण और गरीब मतदाताओं के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव बनाने की कोशिश की है, जो मिड-डे मील जैसी सरकारी योजनाओं पर निर्भर हैं. दूसरा, उन्होंने सत्तारूढ़ दल की 'कुशासन' की छवि को मजबूत करने का प्रयास किया है, खासकर स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी क्षेत्रों में.
राहुल गांधी का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके पचमढ़ी दौरे से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा और उत्साह भरने का काम करेगा. यह उन्हें जमीनी स्तर पर सरकार को घेरने के लिए एक मजबूत राजनीतिक मुद्दा प्रदान करता है. अब देखना यह होगा कि भाजपा इस संवेदनशील मुद्दे पर राहुल गांधी के हमले का मुकाबला किस रणनीति से करती है और क्या राहुल गांधी अपने पचमढ़ी प्रवास के दौरान मध्य प्रदेश से जुड़े ऐसे ही अन्य ज्वलंत मुद्दों को उठाते हैं, जो राज्य की राजनीति को और गर्माहट देंगे. राजनीतिक पंडितों की निगाहें अब पचमढ़ी में होने वाली गुप्त बैठकों पर टिकी हैं, जहां से मध्य प्रदेश कांग्रेस के भविष्य की दिशा तय हो सकती है. फिलहाल, दिल्ली से चला 'थाली चोरी' का यह तीर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और राजनीतिक हलकों में गहरी चोट करता दिख रहा है.
राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के “भारत जोड़ो न्याय यात्रा” के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है, जिसके तहत वे देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर स्थानीय मुद्दों पर जनता से संवाद कर रहे हैं. पचमढ़ी, जो कि मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण इलाका है, उनके इस अभियान का अगला पड़ाव है. राहुल गांधी के पहुंचने से पहले ही पार्टी कार्यकर्ता पूरे जोश में तैयारियों में जुट गए हैं. शहर और आसपास के क्षेत्रों में कांग्रेस के झंडे, पोस्टर और बैनर लगाए जा रहे हैं, जिन पर “न्याय की आवाज़ राहुल गांधी” और “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई” जैसे नारे लिखे हैं.
भाजपा की ओर से इस बयान का कड़ा प्रतिवाद किया गया है. राज्य के गृहमंत्री ने राहुल गांधी पर झूठ फैलाने और जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का यह बयान तथ्यों से परे है. मध्य प्रदेश सरकार ने गरीबों और बच्चों के लिए जो योजनाएँ चलाई हैं, वे पूरे देश में मिसाल हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ‘लाडली लक्ष्मी’ और ‘पोषण आहार’ जैसी योजनाओं से लाखों बच्चों का जीवन बदला है.”
राहुल गांधी का यह आरोप ऐसे समय में आया है जब प्रदेश में राजनीतिक हलचल पहले से ही तेज़ है. अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, और कांग्रेस पार्टी राज्य में अपनी स्थिति मज़बूत करने के लिए लगातार जनसभाएँ और संपर्क अभियान चला रही है. राहुल गांधी का पचमढ़ी दौरा भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी इस दौरे के दौरान न केवल स्थानीय जनता से संवाद करेंगे, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में जाकर जनसभाएँ भी करेंगे.
पचमढ़ी और उसके आसपास के क्षेत्र आदिवासी बहुल हैं और यहाँ कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता है. राहुल गांधी की इस यात्रा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिल रहा है. स्थानीय कांग्रेस नेता का कहना है, “राहुल जी का यह दौरा जनता को यह याद दिलाने का मौका देगा कि कांग्रेस हमेशा गरीबों, किसानों और बच्चों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही है. एमपी में भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और कुपोषण की स्थिति चिंताजनक है, और राहुल जी इस पर जनता की आवाज़ बनकर सामने आ रहे हैं.”
इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को “चुनावी प्रोपेगेंडा” बताया है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के पास न कोई मुद्दा बचा है न कोई दृष्टिकोण, इसलिए वह झूठे आरोपों का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को पहले यह बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में मध्य प्रदेश में क्या उपलब्धियाँ थीं. जनता को गुमराह करने से कुछ हासिल नहीं होगा.”
राहुल गांधी के पचमढ़ी आगमन से पहले कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक डिजिटल अभियान भी शुरू किया है. ट्विटर (एक्स), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर “#RahulInPachmarhi” और “#MPKiAwaaz” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि यह अभियान सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दों पर जनता को जागरूक करने का प्रयास है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के लिए एक अवसर है कि वह राज्य में फिर से जनाधार मजबूत करे. पिछले कुछ वर्षों में भाजपा के लगातार शासन और संगठनात्मक ताकत के सामने कांग्रेस को कई बार संघर्ष करना पड़ा है. ऐसे में राहुल गांधी का सीधा जनसंवाद कांग्रेस के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
विश्लेषक यह भी मानते हैं कि राहुल गांधी का “बच्चों की थाली तक चुरा ली” वाला बयान भावनात्मक असर डालने वाला है. यह बयान गरीब वर्ग, किसानों और मजदूरों के बीच सहानुभूति पैदा कर सकता है, जो राज्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. हालांकि, भाजपा इस मुद्दे को राहुल गांधी की “राजनीतिक नौसिखियापन” बताकर पलटवार कर रही है.
पचमढ़ी में सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए हैं. स्थानीय प्रशासन ने बताया कि राहुल गांधी के दौरे के दौरान कड़ी निगरानी रखी जाएगी और भीड़ नियंत्रण के विशेष उपाय किए गए हैं. कांग्रेस नेताओं के अनुसार, हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक पचमढ़ी पहुँचने वाले हैं, जिससे इलाके में राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्म हो गया है.
राहुल गांधी के भाषणों की शैली और जनता से जुड़ाव की उनकी कोशिशें हाल के महीनों में चर्चा का विषय रही हैं. उनके बयानों में सामाजिक न्याय, युवाओं के अधिकार और संस्थागत भ्रष्टाचार पर सीधा हमला देखने को मिलता है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि पचमढ़ी के बाद राहुल गांधी मध्य प्रदेश के अन्य जिलों का भी दौरा करेंगे, जहाँ वे किसानों, शिक्षकों और बेरोजगार युवाओं से सीधा संवाद करेंगे.
एक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, “राहुल गांधी अब केवल नेता के रूप में नहीं बल्कि जनता के साथी के रूप में अपनी छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका फोकस भावनात्मक जुड़ाव और जनता के मुद्दों पर सच्ची बातचीत पर है. यह नया राजनीतिक तरीका उन्हें पुराने राजनीतिक भाषणों से अलग करता है.”
हालांकि भाजपा के रणनीतिकार इस दौरे को ज़्यादा महत्व देने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि “राहुल गांधी जहाँ भी जाते हैं, वहां मीडिया का ध्यान तो मिलता है लेकिन ज़मीनी असर नहीं होता.”
पचमढ़ी दौरे के दौरान राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और स्थानीय विधायक मौजूद रहेंगे. यात्रा के बाद राहुल गांधी भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं, जिसमें वे मध्य प्रदेश सरकार की नीतियों पर विस्तृत प्रतिक्रिया देंगे और आगामी चुनावों की दिशा में पार्टी की रणनीति साझा करेंगे.
राहुल गांधी का यह बयान — “एमपी सरकार ने बच्चों की थाली तक चुरा ली” — अब राज्य की राजनीति में एक प्रतीकात्मक नारा बन चुका है. इस वाक्य ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है और दोनों दल अब इसे अपने-अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश में जुटे हैं. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पचमढ़ी की इस सभा के बाद राज्य की राजनीति किस दिशा में मुड़ती है — क्या यह कांग्रेस के लिए नई ऊर्जा का स्रोत बनेगी या भाजपा इसे एक और “राजनीतिक नाटक” कहकर निपटा देगी.
एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “हम नेताओं के वादे बहुत सुन चुके हैं. अगर राहुल गांधी सच में बदलाव लाना चाहते हैं, तो उन्हें यह साबित करना होगा कि उनकी बातों में दम है.”
फिलहाल, पचमढ़ी न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र बना हुआ है बल्कि मध्य प्रदेश की राजनीति का नया रणक्षेत्र भी. राहुल गांधी का यह दौरा आने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस के स्वर और रणनीति दोनों को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

