पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्ज़िट पोल परिणाम बुधवार को जारी किए गए, जिनमें ज़्यादातर एजेंसियों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को स्पष्ट बढ़त दी है. टुडेज़ चाणक्य ने एनडीए को लगभग 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया है, जबकि महागठबंधन (एमजीबी) को मात्र 77 सीटों के आस-पास रखा गया है. वहीं, एक्सिस माय इंडिया ने थोड़ी सधी हुई भविष्यवाणी करते हुए एनडीए को 121 से 141 सीटों की संभावना बताई है, और महागठबंधन को 98 से 118 सीटों के बीच रखा है.
इन एग्ज़िट पोल के नतीजों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. सत्ता पक्ष भाजपा-जदयू समर्थक कार्यकर्ताओं ने जश्न की तैयारियां शुरू कर दी हैं, वहीं विपक्षी खेमे में संदेह और असंतोष का माहौल देखा जा रहा है. भाजपा ने पटना में 501 किलो लड्डू का ऑर्डर दिया है, जो संभावित जीत के उत्सव की ओर इशारा करता है.
राज्य भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि “बिहार की जनता ने सुशासन और विकास के पक्ष में मतदान किया है. एनडीए दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगा.” वहीं, जदयू के नेता राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया कि “महागठबंधन की हार तय है. जनता ने रोजगार, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर एनडीए के काम को सराहा है.”
दूसरी ओर, कांग्रेस और राजद नेताओं ने एग्ज़िट पोल के नतीजों को “जनता के निर्णय से पहले की प्रायोजित कहानी” बताया है. कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि “एग्ज़िट पोल अक्सर सत्ता पक्ष के प्रचार उपकरण बन जाते हैं. वास्तविक परिणाम इससे अलग होंगे.” आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी कहा कि “जनता ने इस बार बेरोज़गारी और महंगाई के खिलाफ वोट दिया है, और असली तस्वीर 15 नवंबर को साफ़ होगी.”
टुडेज़ चाणक्य के मुताबिक, बिहार के कई प्रमुख क्षेत्रों — मिथिलांचल, सीमांचल, मगध-पाटलिपुत्र — में एनडीए ने बढ़त बनाई है. विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र में महिलाओं और प्रथम बार वोट डालने वाले युवाओं ने एनडीए के पक्ष में मतदान किया है. रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं का वोट प्रतिशत निर्णायक रहा, क्योंकि उनमें से बड़ी संख्या ने “सुशासन और सुरक्षा” को प्राथमिकता दी.
एक्सिस माय इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 67 प्रतिशत मतदान के साथ बिहार ने इस बार रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की. इस बार दो चरणों में हुए चुनाव में किसी भी बूथ पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी — जो बिहार के चुनावी इतिहास में पहली बार हुआ है. चुनाव आयोग ने इसे “शांतिपूर्ण और पारदर्शी चुनाव” करार दिया है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2020 के चुनाव में एनडीए को 125 और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं. इस बार, यदि एग्ज़िट पोल के नतीजे सही साबित हुए, तो एनडीए के लिए यह बड़ी वापसी होगी. भाजपा का सीट शेयर इस बार जदयू से अधिक रहने की उम्मीद है. यह परिस्थिति राज्य की सत्ता संतुलन में बदलाव ला सकती है.
वहीं, विपक्षी गठबंधन महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दलों) के लिए यह परिणाम एक झटका साबित हो सकते हैं. चुनाव अभियान के दौरान तेजस्वी यादव ने बेरोज़गारी, महंगाई, और भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाया था. उन्होंने दावा किया था कि “बदलाव की लहर” पूरे राज्य में है. लेकिन एग्ज़िट पोल के मुताबिक, यह लहर एनडीए के पक्ष में गई दिख रही है.
पॉलस्ट्रैट, मेट्राइज़, पीपल्स इनसाइट, और डीएनए सर्वे जैसी एजेंसियों ने भी एनडीए को 140 से 170 सीटों के बीच बढ़त दिखाई है. केवल जर्नो मिरर नामक एजेंसी ने महागठबंधन को मामूली बढ़त दी है, लेकिन अन्य सभी सर्वे इसे खारिज करते हैं.
भाजपा नेता संजय जायसवाल ने कहा कि “बिहार में भाजपा की नीतियों पर जनता ने विश्वास जताया है. विपक्ष ने केवल आरोप लगाए, लेकिन कोई ठोस दृष्टि नहीं दी.” वहीं, जदयू प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने कानून व्यवस्था, शिक्षा और ग्रामीण विकास में अभूतपूर्व काम किया है, जनता ने इसका प्रतिफल दिया है.”
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एग्जिट पोल केवल रुझान दिखाते हैं, अंतिम तस्वीर मतगणना के बाद ही सामने आएगी. बीते वर्षों में कई बार एग्ज़िट पोल के अनुमान गलत साबित हुए हैं. 2015 और 2020 में भी कई एजेंसियों ने महागठबंधन या एनडीए को बड़ी बढ़त दिखाई थी, लेकिन अंतिम नतीजे उससे अलग आए थे.
फिर भी, इस बार माहौल थोड़ा अलग है. राजनीतिक विश्लेषक नलिन वर्मा का कहना है कि “बिहार की जनता ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर इस बार विकास और स्थिरता पर वोट किया है. यही एनडीए की जीत का आधार बन सकता है.”
कांग्रेस सांसद अजय कुमार ने कहा कि “अगर एनडीए 140 से अधिक सीटें जीतता है तो यह ईवीएम और वोटर लिस्ट की धांधली के कारण होगा.” वहीं, झारखंड के एक मंत्री ने चुनाव आयोग से अपील की कि “एग्ज़िट पोल जैसे सर्वे मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं, इन्हें नियंत्रित किया जाना चाहिए.”
फिलहाल बिहार की सियासत में जोश और अनिश्चितता दोनों मौजूद हैं. एक तरफ एनडीए खेमे में ढोल-नगाड़ों की तैयारी है, दूसरी ओर महागठबंधन के कार्यालयों में रणनीतिक बैठकें चल रही हैं. जनता अब 15 नवंबर का इंतजार कर रही है, जब वास्तविक नतीजे सामने आएंगे और यह तय होगा कि एग्जिट पोल की भविष्यवाणियाँ कितनी सटीक साबित होती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-



