कोलकाता। क्रिकेट की दुनिया की निगाहें एक बार फिर ईडन गार्डन्स पर टिक गई हैं, जहां भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच गुरुवार से पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा। लेकिन इस मुकाबले से पहले टीम इंडिया के एक खिलाड़ी ने चुपचाप सुर्खियां बटोर ली हैं — वाशिंगटन सुंदर। युवा ऑलराउंडर पर कोच गौतम गंभीर का पूरा भरोसा है, और इस टेस्ट में उनकी भूमिका न केवल रणनीतिक बल्कि प्रतीकात्मक भी मानी जा रही है। यह मुकाबला उस दौर की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें गंभीर का टेस्ट नेतृत्व और टीम की नई सोच की परीक्षा होगी।
ईडन गार्डन्स की यह पिच हमेशा से रहस्यमयी रही है — कभी तेज़ गेंदबाज़ों को मदद देती है, तो कभी स्पिनरों को करिश्मा दिखाने का मौका। इस बार की सतह पर हल्की दरारें और सूखी घास का मिश्रण दिखाई दे रहा है, जो मैच के आगे बढ़ने के साथ स्पिनरों को फायदा पहुँचा सकता है। इसी वजह से टीम प्रबंधन ने सुंदर पर दांव लगाया है, जो बल्ले और गेंद दोनों से टीम को संतुलन दे सकते हैं।
वाशिंगटन सुंदर के लिए यह मुकाबला एक अवसर भी है और चुनौती भी। वह पिछले कुछ समय से चोटों और चयन की अनिश्चितताओं के बीच संघर्ष कर रहे थे। लेकिन उनकी फिटनेस में सुधार और घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन ने उन्हें फिर से टेस्ट टीम में जगह दिलाई है। नेट्स में उनके प्रदर्शन ने कप्तान रोहित शर्मा और कोच गंभीर दोनों को प्रभावित किया है। बुधवार को अभ्यास सत्र के दौरान उन्होंने लगभग 10 ओवर की गेंदबाजी की और गेंद को शानदार तरीके से टर्न कराया।
कोच गंभीर की रणनीति इस बात पर केंद्रित दिख रही है कि ईडन की धीमी सतह पर स्पिनरों का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। ऐसे में सुंदर का रोल केवल एक स्पिन विकल्प का नहीं, बल्कि टीम के "स्मार्ट ऑलराउंडर" का है। उनके पास वह नियंत्रण और वैरिएशन है जो किसी भी बल्लेबाजी क्रम को दबाव में डाल सकता है।
पूर्व ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह की इस मैदान से जुड़ी यादें भी इस मैच के रोमांच को और बढ़ा रही हैं। भज्जी ने यहीं 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक हैट्रिक ली थी। उस मैच के बाद से ईडन स्पिनरों के लिए जादुई स्थान बन गया। लेकिन अब जब वाशिंगटन सुंदर उसी पिच पर गेंद थामेंगे, तो कई लोगों को हरभजन की छवि उनके भीतर दिखेगी — एक शांत चेहरे वाला लेकिन धारदार गेंदबाज़।
हरभजन ने खुद भी हाल ही में सोशल मीडिया पर लिखा था — “ईडन गार्डन्स एक ऐसा मैदान है, जहां कोई अदृश्य शक्ति मेरे साथ रहती है। यहां गेंदबाजी करते हुए मैंने हमेशा एक अजीब आत्मविश्वास महसूस किया।” उनकी 46 विकेट्स और हैट्रिक आज भी इस मैदान की दीवारों पर दर्ज हैं, भले ही उनकी तस्वीर अब स्टेडियम की सीढ़ियों में कहीं छिपी रह गई हो।
वाशिंगटन सुंदर के लिए यह भावनात्मक विरासत कम नहीं है। कोलकाता की हवा में क्रिकेट की कहानी बसती है, और सुंदर अब इस परंपरा का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की गेंदबाजी इस टेस्ट में तीन स्तंभों पर टिकेगी — जसप्रीत बुमराह की रफ्तार, मोहम्मद सिराज की सटीकता और सुंदर की स्पिन। जहां बुमराह शुरुआती विकेट दिलाने की कोशिश करेंगे, वहीं सुंदर को मिडिल ओवरों में नियंत्रण बनाकर बल्लेबाजों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का काम सौंपा गया है।
दक्षिण अफ्रीका की टीम में एइडन मार्कराम, डीन एल्गर और कीगन पीटरसन जैसे खिलाड़ी हैं जो धीमी पिचों पर संघर्ष करते देखे गए हैं। अगर सुंदर गेंद को सही एंगल से स्पिन कराने में सफल रहे, तो इन बल्लेबाजों के लिए रन बनाना कठिन हो जाएगा।
सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं, सुंदर से बल्लेबाजी में भी बड़ी उम्मीदें हैं। सातवें नंबर पर उनका आना टीम को गहराई देता है। पिछले कुछ महीनों में उन्होंने घरेलू स्तर पर कई अर्धशतक लगाए हैं और उनका बचावात्मक खेल काफी मजबूत हुआ है। कोच गंभीर का मानना है कि "सुंदर अब केवल एक पार्ट-टाइम स्पिनर नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद ऑलराउंडर हैं जो किसी भी परिस्थिति में योगदान दे सकते हैं।”
ईडन गार्डन्स की पिच की एक और खासियत है — यह अक्सर पहले दो दिन बल्लेबाजों के लिए मददगार रहती है, लेकिन तीसरे दिन से सतह टूटने लगती है और स्पिन का असर बढ़ता है। ऐसे में सुंदर का उपयोग कब और कैसे किया जाता है, यह मैच की दिशा तय कर सकता है।
क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि यह टेस्ट न केवल भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज़ की शुरुआत है, बल्कि यह “गंभीर युग” की भी पहली परीक्षा है। गंभीर अपने समय में एक साहसी ओपनर और स्पष्ट विचारों वाले खिलाड़ी रहे हैं। कोच के रूप में वह रणनीति और अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। सुंदर जैसे खिलाड़ी, जो शांत, संयमी और बुद्धिमान हैं, उनके खेल दृष्टिकोण से पूरी तरह मेल खाते हैं।
गंभीर ने अभ्यास सत्र के बाद कहा, “हमारे लिए यह मैच सिर्फ़ एक जीत नहीं, बल्कि हमारी नई पहचान की शुरुआत है। सुंदर जैसे खिलाड़ी इस पहचान का प्रतीक हैं — संतुलित, समझदार और टीम की ज़रूरतों को समझने वाले।”
इस बीच, ईडन गार्डन्स में दर्शकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बुधवार शाम तक लगभग सभी टिकट बिक चुके थे। कोलकाता का दर्शक वर्ग क्रिकेट से गहराई से जुड़ा हुआ है। यहां का हर मैच इतिहास का एक हिस्सा बन जाता है — और यह टेस्ट भी इससे अलग नहीं होने वाला।
टीम इंडिया के खिलाड़ी नेट्स पर लंबे समय तक पसीना बहाते दिखे। बुमराह और सिराज ने नई गेंद से धार दिखाई, जबकि सुंदर और अक्षर पटेल ने स्पिन अभ्यास में गेंद को शानदार टर्न कराया। बल्लेबाजों में विराट कोहली, शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर ने लय में बल्लेबाजी की।
हालांकि, दक्षिण अफ्रीकी टीम भी कमज़ोर नहीं है। उनके पास कागिसो रबाडा और मार्को यानसन जैसे तेज़ गेंदबाज हैं जो भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा ले सकते हैं। लेकिन घरेलू परिस्थितियों और ईडन के अनुभव को देखते हुए भारत को स्पष्ट बढ़त मानी जा रही है।
जैसे-जैसे मैच की घड़ी नज़दीक आ रही है, सभी निगाहें उस क्षण पर टिक गई हैं जब वाशिंगटन सुंदर गेंद लेकर रन-अप शुरू करेंगे। क्या वह ईडन के इतिहास में अपना नाम जोड़ पाएंगे? क्या वह हरभजन सिंह की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे?
इन सवालों के जवाब तो अगले कुछ दिनों में मिलेंगे, लेकिन इतना तय है कि यह मैच केवल भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका नहीं, बल्कि एक नई क्रिकेट सोच बनाम पुरानी परंपरा का संगम होगा। और इस संगम के केंद्र में होंगे — वाशिंगटन सुंदर, जिनसे टीम इंडिया की नई उम्मीदें जुड़ी हैं।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

