इंदौर. आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (इंदौर) ने आज शुक्रवार 14 नवम्बर को श्री आस्था फाउंडेशन फार एजुकेशन सोसायटी में 200 करोड़ रुपये के आर्थिक गड़बड़ी मामले में जांच शुरू की और तलाशी अभियान में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किये हैं. यह कार्रवाई माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में की गई.
अगस्त 2025 में श्री अनिल संघवी द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई गई. शिकायत में आरोप था कि श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी, इंदौर के पदाधिकारियों द्वारा सोसायटी की निधियों का सुनियोजित दुरुपयोग कर चौकसे परिवार की निजी कंपनियों, ट्रस्टों और संस्थानों को भारी वित्तीय लाभ पहुँचाया गया.
ईओडबलू को जांच में ये गड़बडिय़ों मिलीं
छात्रों से एकत्रित 8.22 करोड़ हॉस्टल एवं बस फीस को कल्चुरी कॉन्ट्रैक्टर्स लिमिटेड के खातों में डायवर्ट किया गया.
-सोसायटी द्वारा विभिन्न बैंकों से लिए गए 2190 करोड़ रुपये और 12.15 करोड़ रुपये के ऋण का उपयोग एचके कल्चुरी एजुकेशन ट्रस्ट की देनदारियों को चुकाने में किया गया. डॉ रमेश बदलानी को बिना बोर्ड स्वीकृति के 30.16 करोड़ रुपये दर्शाकर लोन/कॉर्पस फंड के नाम पर अवैध रूप से लाभ पहुँचाया गया.
लक्की कंस्ट्रक्शन और स्विफ्ट कंस्ट्रक्शन जैसी कंपनियों को 42.21 करोड़ का भुगतान बिना प्रामाणिक दस्तावेजों के किया गया. एक अस्तित्वहीन संस्था वर्धमान को 2.25 करोड़ का संदिग्ध भुगतान किया गया. छात्रवृत्ति हेतु डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन द्वारा दी गई 49.74 लाख की राशि सीधे कल्चुरी कॉन्ट्रैक्टर्स लिमिटेड के खाते में ट्रांसफर की गई.
अहिल्या समूह को भूमि खरीदी के नाम पर 3.18 करोड़ दिए गए परंतु कोई संपत्ति नहीं प्राप्त हुई. अनन्जय फार्मास्युटिकल्स और संबद्ध संस्थाओं को दवा और किताबों की आड़ में 2.25 करोड़ का भुगतान किया गया. लगभग 600 कर्मचारियों में से मात्र 4 के पीएफ/ईएसआई पंजीयन पाए गए और शेष को नकद वेतन देकर नियमानुसार अंशदान से बचा गया. एलएनसीटीई यूनिवर्सिटी द्वारा मात्र मई 2025 में ?35 करोड़ नकद निकासी दर्शायी गईए जिसमें 20 करोड़ से अधिक फर्जी जर्नल एंट्रीज द्वारा गबन हुआ.
इन समस्त आरोपों की स्वतंत्र फॉरेंसिक ऑडिट में पुष्टि हुई जिसमें डमी लेनदेनए,फर्जी भुगतान, आय डायवर्जन, नकद निकासी और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की संभावित छेड़छाड़ सामने आई. उपरोक्त शिकायत एवं फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण क्रमांक 131/2025 के अंतर्गत दिनांक 12.09.2025 को एफआईआर दर्ज की गई. विवेचना में यह स्पष्ट पाया गया कि चौकसे परिवार द्वारा संचालित सोसायटी की विभिन्न इकाइयों के माध्यम से भारी स्तर पर वित्तीय गबन एवं अनुचित लाभ वितरण किया गया.
विवेचक द्वारा संस्था से केशबुक, बैलेंस शीट, भुगतान से संबंधित बिल एवं वाउचर्स आदि दस्तावेज माँगे गए, किंतु ये जानबूझकर उपलब्ध नहीं कराए गए. इससे यह संदेह उत्पन्न हुआ कि आरोपीगण महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नष्ट कर सकते हैं या छिपा सकते हैं. इसी क्रम में दिनांक 13 नवम्बर 2025 को माननीय न्यायालय, इंदौर से तलाशी वारंट प्राप्त किया गया. आज दिनांक 14 नवम्बर 2025 को इंदौर स्थित श्री आस्था फाउंडेशन के मुख्य कार्यालय ग्राम कनाडिया, सेवाकुंज हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर परिसर में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा साक्ष्य एकत्र करने हेतु तलाशी कार्यवाही प्रारंभ की गई है.
तलाशी के मुख्य उद्देश्य
मूल लेखा‑पुस्तकें (Original Ledgers)—कैशबुक, फीस रजिस्टर, लोन रजिस्टर, भुगतान रजिस्टर आदि.
बैंकिंग रिकॉर्ड—बैंक पासबुक, चेक बुक, बैंक स्टेटमेंट, RTGS/NEFT रिकॉर्ड.
फॉरेंसिक रूप से संदिग्ध दस्तावेज—बिल, वाउचर, जर्नल एंट्री से जुड़े मूल रिकॉर्ड.
इलेक्ट्रॉनिक डेटा—कंप्यूटर हार्ड डिस्क, सर्वर बैकअप, अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर, CCTV रिकॉर्ड.
हॉस्टल/फीस संबंधित रिकॉर्ड—फीस संग्रह रजिस्टर, रसीद पुस्तिकाएँ, UPI/ऑनलाइन भुगतान डेटा.
छात्रवृत्ति एवं सरकारी अनुदान का उपयोग—DME / Ayushman योजना की वास्तविक प्राप्ति और व्यय की फाइलें.
कंस्ट्रक्शन एवं सप्लायर भुगतान का सत्यापन—लक्की कंस्ट्रक्शन, स्विफ्ट कंस्ट्रक्शन आदि के बिल, साइट निरीक्षण दस्तावेज.
भूमि खरीद और ट्रस्ट लेनदेन का सत्यापन—अहिल्या समूह व अन्य के साथ किए गए समझौते, रजिस्ट्री, पेमेंट शीट.
नकद निकासी से संबंधित प्रमाण—कैश पेमेंट रजिस्टर, कैशियर लॉगबुक, सुरक्षा लॉग.
PF/ESI रिकॉर्ड—कर्मचारियों के वास्तविक नाम, उपस्थिति, वेतन, बैंक भुगतान विवरण.
वर्तमान तलाशी कार्यवाही का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संस्था की आर्थिक गतिविधियों से संबंधित सभी मूल दस्तावेज एवं डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित किए जाएँ, ताकि ₹200 करोड़ से अधिक की अनियमितताओं से संबंधित जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत विधिक कार्यवाही की जा सके.
मूल लेखा‑पुस्तकें (Original Ledgers)—कैशबुक, फीस रजिस्टर, लोन रजिस्टर, भुगतान रजिस्टर आदि.
बैंकिंग रिकॉर्ड—बैंक पासबुक, चेक बुक, बैंक स्टेटमेंट, RTGS/NEFT रिकॉर्ड.
फॉरेंसिक रूप से संदिग्ध दस्तावेज—बिल, वाउचर, जर्नल एंट्री से जुड़े मूल रिकॉर्ड.
इलेक्ट्रॉनिक डेटा—कंप्यूटर हार्ड डिस्क, सर्वर बैकअप, अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर, CCTV रिकॉर्ड.
हॉस्टल/फीस संबंधित रिकॉर्ड—फीस संग्रह रजिस्टर, रसीद पुस्तिकाएँ, UPI/ऑनलाइन भुगतान डेटा.
छात्रवृत्ति एवं सरकारी अनुदान का उपयोग—DME / Ayushman योजना की वास्तविक प्राप्ति और व्यय की फाइलें.
कंस्ट्रक्शन एवं सप्लायर भुगतान का सत्यापन—लक्की कंस्ट्रक्शन, स्विफ्ट कंस्ट्रक्शन आदि के बिल, साइट निरीक्षण दस्तावेज.
भूमि खरीद और ट्रस्ट लेनदेन का सत्यापन—अहिल्या समूह व अन्य के साथ किए गए समझौते, रजिस्ट्री, पेमेंट शीट.
नकद निकासी से संबंधित प्रमाण—कैश पेमेंट रजिस्टर, कैशियर लॉगबुक, सुरक्षा लॉग.
PF/ESI रिकॉर्ड—कर्मचारियों के वास्तविक नाम, उपस्थिति, वेतन, बैंक भुगतान विवरण.
वर्तमान तलाशी कार्यवाही का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संस्था की आर्थिक गतिविधियों से संबंधित सभी मूल दस्तावेज एवं डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित किए जाएँ, ताकि ₹200 करोड़ से अधिक की अनियमितताओं से संबंधित जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत विधिक कार्यवाही की जा सके.

