दिल्ली ब्लास्ट मामले बड़ी कार्रवाई, पठानकोट से सर्जन डॉ. रईस अहमद और हरियाणा से डॉ. प्रियंका हिरासत में

दिल्ली ब्लास्ट मामले बड़ी कार्रवाई, पठानकोट से सर्जन डॉ. रईस अहमद और हरियाणा से डॉ. प्रियंका हिरासत में

प्रेषित समय :15:19:11 PM / Sun, Nov 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

श्रीनगर/पठानकोट. दिल्ली लाल किला विस्फोट के सिलसिले में एक बड़े टेरर मॉड्यूल की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. इस मामले में पठानकोट के एक निजी मेडिकल कॉलेज से 45 वर्षीय कश्मीरी सर्जन और हरियाणा की एक महिला डॉक्टर को भी हिरासत में लिया गया है.

पठानकोट से सर्जन गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार, सबसे पहले पठानकोट के मामून छावनी के पास स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज से सर्जन डॉ. रईस अहमद भट्ट को हिरासत में लिया गया. डॉ. रईस जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है और पिछले दो साल से यहां कार्यरत था. एजेंसियों को शक है कि वह दिल्ली विस्फोट में शामिल मॉड्यूल के एक सदस्य के संपर्क में था.

जांच के केंद्र में अल फलाह यूनिवर्सिटी

केंद्रीय एजेंसियों की जांच में फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय एक महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभरा है. डॉ. रईस अहमद भट्ट पहले इसी विश्वविद्यालय में काम करता था. इस मामले के कई अन्य प्रमुख संदिग्ध भी इसी संस्थान से जुड़े पाए गए हैं. इससे पहले हरियाणा के नूंह जिले से भी दो डॉक्टरों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, जिनमें से एक इसी यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र है.

डॉ. उमर नबी के संपर्क में थीं डॉ. प्रियंका

इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए, दिल्ली ब्लास्ट के एक आरोपी डॉक्टर उमर नबी के फोन को ट्रेस करने के दौरान एनआईए की टीम ने हरियाणा की डॉक्टर प्रियंका शर्मा को हिरासत में लिया है. डॉ. प्रियंका शर्मा मूल रूप से हरियाणा के रोहतक जिले की निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में वह अनंतनाग जीएमसी में कार्यरत हैं और वहीं से एमबीबीएस लास्ट ईयर की स्टूडेंट हैं.

फोन ट्रेसिंग में पता चला है कि प्रियंका, आरोपी डॉ. उमर नबी के लगातार संपर्क में थीं. एनआईए ने प्रियंका का मोबाइल और सिम कार्ड जब्त कर लिया है और उन्हें आगे की फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. अब पूछताछ में यह पता लगाया जाएगा कि इस आतंकी साजिश में उनका क्या रोल है.

हिरासत से रिहा शख्स ने किया आत्मदाह का प्रयास

इस बीच, जैश टेरर मॉड्यूल मामले में ही कुलगाम के काजीगुंड निवासी 50 वर्षीय बिलाल अहमद वानी और उसके दो बेटों को पुलिस ने हिरासत में लिया था. आज बिलाल अहमद ने रिहा होने के बाद आत्मदाह का प्रयास किया. उन्हें गंभीर हालत में जीएमसी अनंतनाग ले जाया गया, जहाँ से हालत नाजुक देखते हुए उन्हें श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में रेफर कर दिया गया. बिलाल के दो बेटों (जसीर बिलाल और नवील वानी) को पांच दिन पहले इसलिए हिरासत में लिया गया था, क्योंकि वे मामले में पहले से गिरफ्तार डॉ. मुजफ्फर राथर और डॉ. अदील राथर के पड़ोसी हैं.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-