दिल्ली कार विस्फोट मामले में बड़ा खुलासा: आत्मघाती हमलावर के सहयोगी के साथ 9mm के कारतूस और विदेशी साजिश के सुराग

दिल्ली कार विस्फोट मामले में बड़ा खुलासा: आत्मघाती हमलावर के सहयोगी के साथ 9mm के कारतूस और विदेशी साजिश के सुराग

प्रेषित समय :21:26:36 PM / Sun, Nov 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार बम विस्फोट की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता मिली है. इस आतंकी हमले की साजिश में कथित रूप से शामिल एक कश्मीरी निवासी अमीर राशिद अली को एनआईए ने रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया.

यह वही शख्स है जिसके नाम पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई हुंडई आई20 कार पंजीकृत थी, और वह कथित 'आत्मघाती हमलावर' डॉ. उमर उन नबी का अहम साथी था.एनआईए ने अपने बयान में पुष्टि की कि जम्मू-कश्मीर के पंपोर के सांबूरा निवासी अमीर राशिद अली ने पुलवामा के रहने वाले उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकवादी हमले को अंजाम देने की साजिश रची थी.

जांच में पता चला है कि अली कार की खरीद में मदद करने के लिए दिल्ली आया था, जिसे बाद में विस्फोटक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया गया. इस धमाके में 10 से अधिक लोग मारे गए थे और 32 घायल हुए थे.

जांच में अन्य बड़े खुलासे

9mm के कारतूस बरामद: दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने रविवार को बताया कि विस्फोट स्थल से तीन कारतूस— दो ज़िंदा और एक खाली— 9mm कैलिबर के बरामद हुए हैं. यह कारतूस आम नागरिकों के इस्तेमाल के लिए प्रतिबंधित हैं, जो इस घटना के गहरे आतंकी साजिश की ओर इशारा करता है.

  • आत्मघाती हमलावर की पहचान: फोरेंसिक डीएनए टेस्टिंग से यह पुष्टि हो चुकी है कि कार चलाने वाला मृत ड्राइवर उमर उन नबी ही था, जो पुलवामा का निवासी था और फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर था.

  • अल-फलाह यूनिवर्सिटी कनेक्शन: जांच एजेंसियों ने पहले ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. मुज़म्मिल शकील गनई और डॉ. शाहीन शाहिद सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है. डॉ. मुजम्मिल के किराए के घर से लगभग 3000 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ भी बरामद किया गया था.

  • दूसरा वाहन जब्त: आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने उमर उन नबी का एक और वाहन भी जब्त किया है, जिसकी जांच साक्ष्य जुटाने के लिए की जा रही है.

  • बहु-राज्यीय और विदेशी कनेक्शन: एनआईए अब तक 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है. जांच कई राज्यों तक फैल चुकी है और इसमें कई अंतरराज्यीय नेटवर्क और विदेशी कनेक्शन मिले हैं. सूत्रों के अनुसार, लगभग आठ संदिग्धों ने चार जगहों पर एक साथ धमाके करने की योजना बनाई थी, और वे स्विस एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप 'थ्रीमा' का उपयोग कर रहे थे.

एनआईए दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस सहित विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि इस हमले के पीछे की बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके और शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके. अमीर राशिद अली की गिरफ्तारी इस आतंकी मॉड्यूल को बेनकाब करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है.

एनआईए ने रविवार को बताया, "अमीर राशिद अली, जिसके नाम पर हमले में इस्तेमाल की गई कार पंजीकृत थी, को दिल्ली पुलिस से मामला अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए द्वारा चलाए गए एक बड़े तलाशी अभियान के बाद दिल्ली में गिरफ्तार किया गया." गिरफ्तार किया गया अमीर राशिद अली जम्मू-कश्मीर के पंपोर के सांबूरा का रहने वाला है.

केंद्रीय एजेंसी एनआईए ने एक बयान में कहा, "एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपी ने कथित 'आत्मघाती हमलावर', उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकवादी हमला करने की साजिश रची थी." यह गिरफ्तारी दिल्ली कार विस्फोट मामले में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.

एनआईए ने अमीर राशिद अली को दिल्ली से गिरफ्तार किया है, जिसके नाम पर विस्फोट में इस्तेमाल हुई हुंडई आई20 कार पंजीकृत थी. सूत्रों के मुताबिक, अमीर राशिद अली कथित तौर पर कार की खरीद में सुविधा प्रदान करने के लिए दिल्ली आया था. यह हुंडई आई20 कार विस्फोट से पहले पुरानी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके में महत्वपूर्ण चौराहों पर कई सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई थी. 10 नवंबर की शाम को एक व्यस्त चौराहे पर विस्फोटक फट गया था.

एनआईए की फोरेंसिक जांच ने पहले ही दुर्भाग्यपूर्ण कार के मृतक ड्राइवर की पहचान उमर उन नबी के रूप में स्थापित कर दी थी. नबी पुलवामा जिले का रहने वाला था और फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत था.

इससे पहले शनिवार को, दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के अल फलाह विश्वविद्यालय के दो डॉक्टरों सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया था, जो इस आतंकी मॉड्यूल मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सामने आया है. पुलिस ने खुलासा किया था कि संदिग्ध ने हमले को अंजाम देने के बाद नूंह भागने की कोशिश की थी और बचने के लिए कई फोन का इस्तेमाल किया था.

एनआईए ने आगे कहा कि वह इस बम विस्फोट के पीछे की बड़ी साजिश को बेनकाब करने और मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के लिए कई सुरागों का पीछा कर रही है. एजेंसी इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि यह कार कब और कैसे खरीदी गई थी, और उमर उन नबी तथा अमीर राशिद अली के बीच क्या संबंध थे. इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या इन दोनों के तार किसी बड़े आतंकी संगठन से जुड़े हुए हैं या यह किसी स्थानीय मॉड्यूल का काम था. अल फलाह विश्वविद्यालय की भूमिका भी जांच के दायरे में है, क्योंकि विस्फोट में शामिल मुख्य संदिग्ध वहीं कार्यरत था, और विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है.

गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि यह हमला सुनियोजित था और विस्फोट को अंजाम देने के लिए कार की खरीद से लेकर विस्फोट के स्थान तक हर कदम पर साजिश रची गई थी. एनआईए जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां और खुलासे होने की उम्मीद कर रही है क्योंकि वह इस खूनी हमले के पीछे के मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए अपने जांच के दायरे को बढ़ा रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-