नई दिल्ली. भारतीय रेलवे अपनी यात्री ट्रेनों को आधुनिक बनाने के बड़े मिशन पर लगातार काम कर रहा है, जिसके तहत पुराने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) कोचों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर उनकी जगह अत्याधुनिक लिंक हॉफमैन बुश (LHB) कोच लगाए जा रहे हैं। इसी क्रम में, मध्य रेलवे ने घोषणा की है कि वह अपनी 16 प्रमुख ट्रेनों में जल्द ही इन आधुनिक एलएचबी कोचों को शामिल करने जा रहा है। यह कदम यात्रियों को न केवल बेहतर सुरक्षा और आरामदायक यात्रा का अनुभव देगा, बल्कि इन ट्रेनों की परिचालन गति (Operational Speed) को भी बढ़ाने में मदद करेगा।एलएचबी कोच जर्मन तकनीक पर आधारित हैं और इन्हें भारत में निर्मित किया जाता है। ये स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं, जो इन्हें हल्का और टिकाऊ बनाते हैं। इन आधुनिक कोचों की सबसे बड़ी खासियत इनकी उन्नत सुरक्षा विशेषताएँ हैं, जिनमें एंटी-क्लाइंबिंग डिवाइस शामिल हैं। यह डिवाइस ट्रेन दुर्घटना की स्थिति में कोचों को एक-दूसरे पर चढ़ने से रोकती है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इसके अलावा, एलएचबी कोच फायर-रिटार्डेंट सामग्री से बने होते हैं, जो आग लगने की घटनाओं में क्षति को कम करने में सहायक होते हैं।
पुराने आईसीएफ कोचों की अधिकतम परिचालन गति लगभग 140 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि एलएचबी कोचों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की उच्च परिचालन गति के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इनकी डिज़ाइन गति 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। इस उच्च गति क्षमता के कारण, लंबी दूरी की यात्राओं में समय की बचत होने की उम्मीद है, साथ ही ये कोच बेहतर सस्पेंशन के कारण यात्रियों को कम झटके वाली और शांत यात्रा का अनुभव प्रदान करते हैं।
मध्य रेलवे द्वारा जिन 16 ट्रेनों में इन आधुनिक एलएचबी कोचों को शामिल करने की योजना बनाई गई है, उनमें लंबी दूरी की महत्वपूर्ण एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें शामिल हैं, जो महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख राज्यों को जोड़ती हैं। इस उन्नयन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्रियों को सुरक्षित, तेज और आरामदायक यात्रा सुविधा मिले। रेल मंत्रालय ने पिछले कुछ वर्षों में एलएचबी कोचों के उत्पादन में काफी वृद्धि की है ताकि पूरे भारतीय रेलवे नेटवर्क में पुराने रोलिंग स्टॉक को जल्दी से बदला जा सके। मध्य रेलवे का यह कदम इस व्यापक राष्ट्रीय लक्ष्य का हिस्सा है। इस बदलाव से लाखों यात्रियों को सीधा फायदा होगा और रेलवे की दक्षता में भी सुधार आएगा।
आम जनता के दृष्टिकोण से, एलएचबी कोचों की मुख्य विशेषताएँ और फायदे निम्नलिखित हैं:
1. सुरक्षा में अभूतपूर्व सुधार
एलएचबी कोचों को आईसीएफ कोचों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित माना जाता है।
-
एंटी-क्लाइंबिंग सुविधा: यह सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषता है। दुर्घटना या टक्कर की स्थिति में, एलएचबी कोचों में ये डिवाइस कोचों को एक-दूसरे पर चढ़ने (Telescoping) से रोकते हैं। इससे जान-माल के नुकसान की आशंका काफी कम हो जाती है।
-
फायर-रिटार्डेंट सामग्री: इन कोचों में आग प्रतिरोधी सामग्री (Fire-retardant materials) का उपयोग किया जाता है। यदि आग लगने की घटना होती है, तो आग फैलने की गति धीमी हो जाती है, जिससे यात्रियों को बाहर निकलने के लिए अधिक समय मिल जाता है।
2. उच्च गति और समय की बचत
तेज़ परिचालन: एलएचबी कोचों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पर चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि पुराने आईसीएफ कोच 140 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा तक ही सुरक्षित होते हैं। उच्च गति क्षमता के कारण, लंबी दूरी की यात्राओं में लगने वाला समय कम हो जाता है।
3. यात्रा में बेहतर आराम
एलएचबी कोच यात्रियों को शांत और आरामदायक यात्रा प्रदान करते हैं:
-
बेहतर सस्पेंशन: इन कोचों में अत्याधुनिक सस्पेंशन प्रणाली (Suspension System) होती है, जिसके कारण यात्रा के दौरान झटके और शोर कम होता है। इससे यात्रियों को शांत और सुखद यात्रा का अनुभव मिलता है।
-
अधिक जगह: एलएचबी कोच आईसीएफ कोचों की तुलना में थोड़े लंबे होते हैं, जिससे प्रति कोच अधिक यात्रियों को बैठने की जगह मिलती है।
4. तकनीकी और संरचनात्मक लाभ
स्टेनलेस स्टील निर्माण: ये कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं, जो इन्हें मजबूत, जंग प्रतिरोधी (Corrosion Resistant) और हल्के बनाते हैं। हल्का होने से ट्रेन को खींचने में कम ऊर्जा लगती है।
-
डिस्क ब्रेक प्रणाली: एलएचबी कोचों में डिस्क ब्रेक प्रणाली होती है, जो उच्च गति पर भी अधिक कुशल ब्रेकिंग सुनिश्चित करती है, जिससे ट्रेन को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
इन 16 ट्रेनों की पूरी सूची जल्द ही मध्य रेलवे द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी की जाएगी, जिसके बाद कोचों को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा।
सूची और समय सारणी :
-
14 जनवरी 2026 से ट्रेन संख्या 22157 (सीएसएमटी – चेन्नई एक्सप्रेस) में एलएचबी कोच शामिल किए जाएँगे, जिसके बाद 17 जनवरी 2026 से ट्रेन संख्या 22158 (चेन्नई – सीएसएमटी एक्सप्रेस) में भी ये कोच लगने शुरू हो जाएंगे।
-
पुणे को गुजरात से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों में भी यह बदलाव हो रहा है। ट्रेन संख्या 11088 (पुणे – वेरावल एक्सप्रेस) में 15 जनवरी 2026 से और ट्रेन संख्या 11087 (वेरावल – पुणे एक्सप्रेस) में 17 जनवरी 2026 से एलएचबी कोच लगेंगे।
-
18 जनवरी 2026 से ट्रेन संख्या 11090 (पुणे – भगत की कोठी एक्सप्रेस) और 20 जनवरी 2026 से ट्रेन संख्या 11089 (भगत की कोठी – पुणे एक्सप्रेस) में भी यात्री एलएचबी कोचों का अनुभव कर सकेंगे।
-
पुणे से भुज के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या 11092 (पुणे – भुज एक्सप्रेस) में 19 जनवरी 2026 से और ट्रेन संख्या 11091 (भुज – पुणे एक्सप्रेस) में 21 जनवरी 2026 से एलएचबी कोच लगेंगे।
-
पुणे और अहमदाबाद के बीच की प्रीमियम सेवा में भी सुरक्षा बढ़ेगी। ट्रेन संख्या 22186 (पुणे – अहमदाबाद एक्सप्रेस) में 21 जनवरी 2026 से और ट्रेन संख्या 22185 (अहमदाबाद – पुणे एक्सप्रेस) में 22 जनवरी 2026 से यह परिवर्तन प्रभावी होगा।
-
कोल्हापुर से नागपुर को जोड़ने वाली ट्रेन संख्या 11404 (कोल्हापुर – नागपुर एक्सप्रेस) में 19 जनवरी 2026 से और ट्रेन संख्या 11403 (नागपुर – कोल्हापुर एक्सप्रेस) में 20 जनवरी 2026 से एलएचबी कोचों की शुरुआत होगी।
-
कोल्हापुर से हज़रत निज़ामुद्दीन जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेन संख्या 12147 (कोल्हापुर – हज़रत निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस) में 20 जनवरी 2026 से और वापसी में ट्रेन संख्या 12148 (हज़रत निज़ामुद्दीन – कोल्हापुर एक्सप्रेस) में 22 जनवरी 2026 से नए कोच लगाए जाएंगे।
-
अंत में, कोल्हापुर – अहमदाबाद रूट की ट्रेन संख्या 11050 (कोल्हापुर – अहमदाबाद एक्सप्रेस) में 24 जनवरी 2026 से और ट्रेन संख्या 11049 (अहमदाबाद – कोल्हापुर एक्सप्रेस) में 25 जनवरी 2026 से एलएचबी कोचों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
मध्य रेलवे का यह बड़ा बदलाव जनवरी 2026 के अंत तक इन सभी 16 महत्वपूर्ण ट्रेनों को अत्याधुनिक, सुरक्षित और उच्च गति वाले रोलिंग स्टॉक से लैस कर देगा, जिससे यात्रियों को यात्रा का बेहतर अनुभव मिलेगा।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

