-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* अन्वाधान - 20 नवम्बर 2025, बृहस्पतिवार
* इष्टि - 21 नवम्बर 2025, शुक्रवार
* धर्मधारणा के अनुसार- अन्वधान और इष्टि अनिवार्य पर्व हैं.
* अन्वधान के दिन- एक दिन का उपवास रखा जाता हैं और इष्ट के दिन यज्ञ करते हैं.
* इस दिन भगवान श्रीविष्णु के भक्त उनका आह्वान करते हैं और व्रत कर उनकी पूजा करते हैं.
* धर्मग्रंथों में भगवान श्रीविष्णु का एक नाम यज्ञ है, इष्टि के दिन इन्हीं भगवान श्रीविष्णु के निमित्त यज्ञ किया जाता है.
* इस दिन प्रातःकाल पवित्र स्नान आदि करके साफ, स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र धारण करें पूजा का संकल्प करें.
* भगवान श्रीविष्णु तथा श्रीलक्ष्मी की पूजा करें तथा श्रीविष्णु के महामंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, मंत्र से हवन करें.
* यथाशक्ति दान-पुण्य करें.
* यह पर्व भौतिक सुख और अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करनेवाला है, दुर्भाग्य दूर करके समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करनेवाला है!
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग - 19 नवम्बर 2025
शक सम्वत 1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना कार्तिक, पूर्णिमान्त महीना मार्गशीर्ष, वार बुधवार, पक्ष कृष्ण, तिथि चतुर्दशी - 09:43 एएम तक, नक्षत्र स्वाती - 07:59 एएम तक, योग सौभाग्य - 09:01 एएम तक, करण शकुनि - 09:43 एएम तक, द्वितीय करण चतुष्पाद - 11:00 पीएम तक, सूर्य राशि वृश्चिक, चन्द्र राशि तुला - 04:14 एएम (20 नवम्बर 2025) तक, राहुकाल 12:20 पीएम से 01:42 पीएम
दैनिक चौघड़िया - 19 नवम्बर 2025
* दिन का चौघड़िया
लाभ - 06:54 से 08:15
अमृत - 08:15 से 09:37
काल - 09:37 से 10:59
शुभ - 10:59 से 12:20
रोग - 12:20 से 01:42
उद्वेग - 01:42 से 03:04
चर - 03:04 से 04:25
लाभ - 04:25 से 05:47
* रात्रि का चौघड़िया
उद्वेग - 05:47 से 07:26
शुभ - 07:26 से 09:04
अमृत - 09:04 से 10:42
चर - 10:42 से 12:21
रोग - 12:21 से 01:59
काल - 01:59 से 03:38
लाभ - 03:38 से 05:16
उद्वेग - 05:16 से 06:55
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
AajKaDin:19 नवम्बर 2025, अन्वधान और इष्टिः भौतिक सुख और अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करनेवाला पर्व!
प्रेषित समय :21:59:00 PM / Tue, Nov 18th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

