एसएस राजामौली की नई फिल्म वाराणसी 1300 करोड़ के रिकॉर्ड बजट के साथ भारतीय सिनेमा में नया इतिहास रचने को तैयार

एसएस राजामौली की नई फिल्म वाराणसी 1300 करोड़ के रिकॉर्ड बजट के साथ भारतीय सिनेमा में नया इतिहास रचने को तैयार

प्रेषित समय :21:42:23 PM / Tue, Nov 18th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भारतीय सिनेमा को वैश्विक पटल पर नई पहचान दिलाने वाले निर्देशक एसएस राजामौली एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। उनकी आगामी फिल्म वाराणसी, जिसमें महेश बाबू, प्रियंका चोपड़ा और पृथ्वीराज मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे, टीज़र रिलीज़ होते ही पूरी दुनिया में सनसनी बन गई है। सोशल मीडिया से लेकर फिल्म जगत तक इस फिल्म के विज़ुअल स्केल, शूटिंग स्टाइल और महेश बाबू के नए अवतार को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। टीज़र आने के बाद दर्शकों की जिज्ञासा बढ़ी कि आखिर इतनी भव्यता वाली इस फिल्म के पीछे कितना निवेश हुआ है। अब एक विशेष खुलासा सामने आया है—वाराणसी का बजट है 1300 करोड़ रुपये, और यह आंकड़ा भी फिल्म की भव्यता के मुकाबले ‘कम’ बताया जा रहा है।

फिल्म से जुड़े बेहद विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि निर्माताओं ने वाराणसी के निर्माण के लिए 1300 करोड़ रुपये अलग रखे हैं। इसमें प्रिंट और पब्लिसिटी (पीएंडपी) का खर्च शामिल नहीं है, यानी रिलीज़ के आसपास होने वाला प्रचार खर्च इससे अलग होगा। ट्रेड विशेषज्ञों के अनुसार, आज जब भारत में A6 और रामायण जैसी परियोजनाएँ 1500 से 2000 करोड़ के बजट में बन रही हैं, ऐसे में राजामौली का 1300 करोड़ में उनसे भी अधिक भव्य फिल्म तैयार करना अपने आप में चौंकाने वाला है। एक ट्रेड सूत्र ने कहा, “1300 करोड़ रुपये राजामौली की कल्पना के सामने छोटा बजट है। वह जिस पैमाने पर फिल्म बनाते हैं, उसमें हर फ्रेम दर्शकों को हैरान कर देता है। उन्होंने जिस दक्षता और व्यवस्थित तरीके से इस फिल्म को डिज़ाइन किया है, उसके कारण यह बजट भी चमत्कारिक परिणाम देगा।”

सूत्रों के अनुसार, राजामौली ने फिल्म की लगभग हर बड़ी सीक्वेंस को पहले कागज पर और फिर प्री-विजुअलाइज़ेशन (प्री-विज) के जरिए विस्तार से तैयार किया है। पूरी यूनिट को बताया गया है कि किस दृश्य की शूटिंग कैसे होगी, किस टेक्नीक से किस एंगल को कैप्चर करना है, और कौन-से सीजी कार्य बाद में किए जाएंगे। इससे शूटिंग के दौरान समय और संसाधनों की भारी बचत हुई है। राजामौली अपने सेट पर प्रयोगधर्मी निर्देशक नहीं माने जाते। वे हर शॉट और हर छोटी चीज़ पहले ही तय कर लेते हैं, और फिर उसी योजना को सेट पर लागू करते हैं। यही अनुशासन उनके प्रोजेक्ट्स को विशाल बनाने के बावजूद बजट को नियंत्रित रखता है।

फिल्म के लिए आयोजित ग्लोबट्रॉटर इवेंट भी सुर्खियों में है। यह इवेंट देश में अब तक हुए सबसे बड़े प्रमोशनल आयोजनों में से एक रहा। सूत्रों के अनुसार, अकेले इस कार्यक्रम में 20 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें पूरी टीम की भव्य प्रस्तुति, तकनीकी सेटअप, विशेष प्रभाव और विशाल मंच व्यवस्था शामिल थी। ऐसा माना जा रहा है कि यह इवेंट आगामी महीनों में होने वाले और भी बड़े कार्यक्रमों की बस शुरुआत थी, क्योंकि राजामौली इस फिल्म को एक ग्लोबल मोशन इवेंट की तरह स्थापित करना चाहते हैं।

फिल्म वाराणसी की शूटिंग कई लोकेशनों पर जारी है, जिनमें भारतीय धार्मिक-सांस्कृतिक परंपरा को दिखाने वाले क्षेत्र भी शामिल होंगे। महेश बाबू पहली बार इस स्तर की एक्शन-एडवेंचर फिल्म में नजर आएंगे। सूत्रों के अनुसार, उनका किरदार एक साहसी ग्लोबल एक्सप्लोरर की तरह होगा, लेकिन कहानी पूरी तरह भारतीय जड़ों से जुड़ी रहेगी। प्रियंका चोपड़ा की इस फिल्म में वापसी भी दर्शकों को रोमांचित कर रही है, क्योंकि वह लंबे समय बाद किसी बड़े भारतीय प्रोजेक्ट का हिस्सा बनी हैं। पृथ्वीराज का किरदार भी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, जिन्हें राजामौली स्क्रीन पर एक नए अंदाज में पेश करने वाले हैं।

ट्रेड एनालिस्टों का कहना है कि 1300 करोड़ का यह प्रोजेक्ट भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर बनने जा रहा है। बाहुबली और RRR जैसी वैश्विक सफलताओं के बाद राजामौली के काम को लेकर न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया भर में उत्सुकता रहती है। उनकी फिल्मों में तकनीक, विजुअल इफेक्ट्स, ध्वनि-डिज़ाइन और चरित्र-निर्माण का अलग ही स्तर देखा जाता है। यही वजह है कि उनकी अगली फिल्म की हर जानकारी लगातार सुर्खियाँ बनाती है। इस बजट का खुलासा होने के बाद फिल्म के लिए उत्साह और भी बढ़ गया है।

निर्माताओं का दावा है कि वाराणसी में तकनीकी नवाचार का ऐसा प्रयोग किया जा रहा है जो अभी तक भारतीय फिल्मों में नहीं देखा गया। उच्च गुणवत्ता वाले CGI, उन्नत मोशन-कैप्चर तकनीक, रियल और वर्चुअल लोकेशनों का कॉम्बिनेशन और हॉलीवुड-स्तर के स्टंट इस फिल्म को खास बनाने वाले हैं। अनुमान है कि फिल्म का 60 प्रतिशत हिस्सा वीएफएक्स-ड्रिवन होगा, लेकिन राजामौली की खासियत यही है कि वे तकनीक को कहानी के भीतर ऐसे पिरो देते हैं कि दर्शक तकनीक नहीं, केवल भावनाएँ देखते हैं।

इस फिल्म के विशाल बजट का एक बड़ा हिस्सा उन दृश्यों में खर्च किया जाएगा, जिनमें भौगोलिक, पौराणिक और आध्यात्मिक तत्वों का मिश्रण होगा। कहा जा रहा है कि फिल्म में कुछ दृश्य ऐसे होंगे जो पहली बार भारतीय सिनेमा में इतने बड़े पैमाने पर शूट किए जाएंगे। फिल्म की टीम ने अनेक विदेशी तकनीकी विशेषज्ञों और एक्शन डिजाइनरों को भी जोड़ा है, ताकि हर दृश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतर सके।

वाराणसी की रिलीज़ 2027 में तय की गई है, और राजामौली की फिल्मों की नज़रों से देखें तो यह तारीख भी एक बड़े सिनेमाई आयोजन की तरह होगी। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि फिल्म की रिलीज़ पर भी करोड़ों रुपये खर्च होंगे और राजामौली इसे 100 से ज्यादा देशों में एक साथ रिलीज़ करते हुए एक ग्लोबल इवेंट बनाने की योजना तैयार कर रहे हैं।

कुल मिलाकर वाराणसी सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की नई महत्वाकांक्षा का प्रतीक बनकर उभर रही है। 1300 करोड़ के इस बजट ने साबित कर दिया है कि राजामौली न सिर्फ अपनी फिल्मों के पैमाने को बढ़ाते जा रहे हैं, बल्कि भारतीय सिनेमा को दुनिया की सबसे बड़ी फिल्मों की श्रेणी में ले जाने के लिए लगातार सीमाएँ धकेल रहे हैं।
अब दर्शकों को बस 2027 का इंतजार है, जब वे बड़े पर्दे पर इस ऐतिहासिक सिनेमा अनुभव का साक्षी बनेंगे।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-