जबलपुर. किसानों की धान कटाई के बाद धान खरीदी और उसके रखरखाव को लेकर प्रशासन और वेयरहाउस संचालकों के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है. वेयरहाउस संचालकों का दावा है कि सरकार पर उनका पिछले 3-4 साल से लगभग 400 से 450 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है.
वेयरहाउस संगठन के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने बताया कि जिले भर में लगभग 426 से 430 वेयरहाउस संचालक हैं. उन्होंने कहा कि बकाया भुगतान न होने के कारण आधे से ज्यादा वेयरहाउस खाली पड़े हैं. इन वेयर हाउसों में मूंगए धानए चना और गेहूं जैसे विभिन्न जिंसों का भंडारण किया जाता थाए जिनका भुगतान लंबित है. शर्मा ने बताया कि पिछली बार कलेक्टर दीपक सक्सेना ने उन्हें विश्वास में लिया था और हर हफ्ते बैठक तथा स्कू टनी का आश्वासन दिया था.
इस पर विश्वास कर कुछ संचालकों ने भंडारण किया था. लेकिन इस बार वे पूर्णत: असहयोग कर रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से कहा है कि वे उनके गोदाम मुफ्त में ले लेंए लेकिन वे भंडारण नहीं करेंगे. यदि प्रशासन अधिग्रहण करता है तो वे इसके लिए भी तैयार हैं. इस मामले पर जबलपुर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि वेयरहाउस संचालकों के भुगतान का मुद्दा सुलझा लिया गया है और बकाया राशि पर भी काम चल रहा है.
कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि एक महीने के भीतर भुगतान किया जा सकता है. धान खरीदी लक्ष्य पर कलेक्टर सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष के समान ही इस वर्ष भी लक्ष्य रहेगाए उतने ही रजिस्ट्रेशन और रकबा है. उन्होंने बताया कि भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई हैण्उन्होंने विश्वास दिलाया कि धान खरीदी में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी. प्रशासन के पास वेयरहाउस अधिग्रहण का विकल्प भी है और यदि जरूरत पड़ी तो अधिग्रहण किया जाएगा.
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