शपथ के बाद नीतीश का बड़ा संकल्प बिहार अब विकास की दौड़ में सबसे आगे बढ़ने को तैयार

शपथ के बाद नीतीश का बड़ा संकल्प बिहार अब विकास की दौड़ में सबसे आगे बढ़ने को तैयार

प्रेषित समय :21:35:40 PM / Thu, Nov 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

 पटना. बिहार की राजनीति में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर राज्य की बागडोर एक बार फिर संभाली। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित एनडीए शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति ने इस समारोह को और अधिक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बना दिया। नीतीश कुमार के साथ एनडीए के पाँच घटक दलों से आने वाले 26 मंत्रियों ने भी शपथ ली।

शपथ ग्रहण के तुरंत बाद नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लोगों के नाम एक संदेश जारी करते हुए राज्यवासियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे बिहार के लिए “एक नए संकल्प का क्षण” बताते हुए कहा कि जनता के विश्वास और सहयोग के बल पर एनडीए सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार केंद्र के सहयोग से बिहार को “भारत के सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने” की दिशा में तेजी से काम करेगी। नीतीश ने यह भी कहा कि चुनाव में लगातार पांचवीं जीत और सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का सम्मान उन्होंने जनता की सेवा के संकल्प के प्रति समर्पित किया है।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने राजनीतिक संदेश को और अधिक सशक्त किया। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी मौजूदगी न केवल बिहार सरकार के लिए सम्मान है, बल्कि आगे के विकास एजेंडे के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता का संकेत भी देती है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का भी स्वागत और आभार जताया, जो एनडीए गठबंधन के भीतर एकता और तालमेल को रेखांकित करता है।

नवगठित मंत्रिमंडल में भाजपा नेताओं सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर जिम्मेदारी संभाली। इस शपथ ग्रहण से यह स्पष्ट संदेश गया कि भाजपा और जदयू के बीच सत्ता का समीकरण संतुलित रहेगा और एनडीए सरकार स्थिरता और सहयोगी रूप से आगे बढ़ने का प्रयास करेगी। बिहार में सरकार गठन के दौरान सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में कई अटकलें थीं, परंतु शपथ ग्रहण के बाद गठबंधन की मजबूती का संकेत सामने आया।

नीतीश कुमार ने अपने संदेश में बिहार के विकास मॉडल की रूपरेखा भी दोहराई। उन्होंने कहा कि राज्य में चल रही सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बुनियादी ढाँचे की योजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा, उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर तैयार किए जाएंगे। उन्होंने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि बिहार की नई यात्रा तभी सफल होगी जब लोग सरकार के विकास प्रयासों का हिस्सा बनेंगे।

गांधी मैदान में आयोजित यह शपथ ग्रहण समारोह न केवल अपने आकार और उपस्थिति के कारण चर्चा में रहा, बल्कि इसलिए भी कि यह नीतीश कुमार की परिवर्तनकारी राजनीतिक यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पड़ाव था। एक दशक से अधिक समय तक सत्ता में बने रहना और जनता के बीच लगातार प्रभाव बनाए रखना बिहार की राजनीति में असाधारण माना जाता है। यही वजह है कि इस शपथ ग्रहण के राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव दूरगामी माने जा रहे हैं।

एनडीए सरकार के गठन के साथ अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नए मंत्रिमंडल की प्राथमिकताएं क्या होंगी और वे चुनावी वादों तथा विकास योजनाओं को किस तरह आगे बढ़ाते हैं। फिलहाल बिहार के लोग आशा और अपेक्षा के बीच नई सरकार की दिशा पर नजरें टिकाए हुए हैं। नीतीश कुमार के नए संकल्प और प्रधानमंत्री मोदी के साथ दिखी राजनीतिक एकजुटता इस बात के संकेत दे रही है कि आने वाले समय में बिहार विकास की नई गति पकड़ने की कोशिश करेगा।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-