-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* विनायक चतुर्थी - 24 नवम्बर 2025, सोमवार
* चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 23 नवम्बर 2025 को 07:24 पीएम बजे
* चतुर्थी तिथि समाप्त - 24 नवम्बर 2025 को 09:22 पीएम बजे
विनायक चतुर्थी के अवसर पर श्री गणेश की आराधना जीवन में विजय की पताका फहराती है.
इस दिन सच्चे मन से भगवान श्री गणेश की पूजा करें, लडुअन का भोग लगाएं, श्रीगणेशकृपा की कामना के साथ दुब अर्पित करें, सामथ्र्य के अनुसार व्रत करें और संभव हो तो दान-पुण्य करें, कथा सुने..जीवन सफल हो जाएगा.
श्रीगणेश पूजा में शुद्ध भावना का विशेष महत्व है, इसलिए पवित्र मन से प्रार्थना करें, श्रीगणेश की शुभदृष्टि जीवनी की सारी बाधाएं दूर करेगी.
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय.
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते..
विघ्नों को दूर करनेवाले, वरदान देनेवाले, देवताओं के प्रिय, बड़े उदरवाले, सर्वजगत की रक्षा करनेवाले, हाथी सदृश्य मुखवाले, वेद और यज्ञ के आभुषण, देवी पार्वती के पुत्र, ऐसे हैं गणों के स्वामी श्रीगणेश, आपको नमस्कार हो, नमस्कार हो!
जब हम कोई कार्य करते हैं तो उसका उद्देश्य होता है- विजय. जीवन में व्यक्ति हर समय विजय प्राप्त करने केे लिए प्रयास करता है लेकिन विघ्न, विजय की राह में बाधा बनते हैं...विनायक की आराधना समस्त विघ्नों को समाप्त करती है और इसका सबसे अच्छा अवसर होता है हर माह की विनायक चतुर्थी.
हर माह में शुक्ल पक्ष की, अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि पूर्णिमा के बाद आने वाली यानी कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ठी चतुर्थी कहते हैं.
विनायक चतुर्थी का पूजा-पर्व भगवान श्रीगणेश को समर्पित है. विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने होता है लेकिन सबसे मुख्य विनायक चतुर्थी का व्रत भाद्रपद के महीने में होता है.
संपूर्ण विश्व में इसे गणेश चतुर्थी यानी भगवान गणेशजी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग - 21 नवम्बर 2025
शक सम्वत 1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना मार्गशीर्ष, पूर्णिमान्त महीना मार्गशीर्ष, वार शुक्रवार, पक्ष शुक्ल, तिथि प्रतिपदा - 02:47 पीएम तक, नक्षत्रअनुराधा - 01:56 पीएम तक, योग अतिगण्ड - 10:44 एएम तक, करण बव - 02:47 पीएम तक, द्वितीय करण बालव - 04:00 एएम (22 नवम्बर 2025) तक, सूर्य राशि वृश्चिक, चन्द्र राशि वृश्चिक, राहुकाल 11:00 एएम से 12:21 पीएम, अभिजित मुहूर्त 11:59 एएम से 12:43 पीएम
दैनिक चौघड़िया - 21 नवम्बर 2025
* दिन का चौघड़िया
चर - 06:55 से 08:17
लाभ - 08:17 से 09:38
अमृत - 09:38 से 11:00
काल - 11:00 से 12:21
शुभ - 12:21 से 01:42
रोग - 01:42 से 03:04
उद्वेग - 03:04 से 04:25
चर - 04:25 से 05:47
* रात्रि का चौघड़िया
रोग - 05:47 से 07:25
काल - 07:25 से 09:04
लाभ - 09:04 से 10:43
उद्वेग - 10:43 से 12:21
शुभ - 12:21 से 02:00
अमृत - 02:00 से 03:39
चर - 03:39 से 05:17
रोग - 05:17 से 06:56
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
AajKaDin: 21 नवम्बर 2025, नायक बनाएगी विनायक चतुर्थी!
प्रेषित समय :21:06:48 PM / Thu, Nov 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

