पूर्व सीएम राबड़ी देवी को खाली करना होगा 10 सर्कुलर रोड बंगला नई सरकार के आदेश के बाद आवंटन बदला

पूर्व सीएम राबड़ी देवी को खाली करना होगा 10 सर्कुलर रोड बंगला नई सरकार के आदेश के बाद आवंटन बदला

प्रेषित समय :22:08:00 PM / Tue, Nov 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पटना.बिहार की राजनीति में एक बड़ा प्रशासनिक घटनाक्रम मंगलवार को सामने आया, जब पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी को उनके लंबे समय से आवास रहे 10 सर्कुलर रोड के सरकारी बंगले को खाली करने का आदेश जारी किया गया। करीब दो दशकों से राबड़ी देवी और लालू प्रसाद का राजनीतिक और निजी ठिकाना बने इस बंगले को अब नए आवंटन के तहत बदल दिया गया है। भवन निर्माण विभाग ने उन्हें 39 हार्डिंग रोड का नया आवास उपलब्ध कराया है, जो आम तौर पर मंत्रियों और उच्च पदाधिकारियों के लिए आरक्षित एक विस्तृत परिसर है। यह आदेश नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई पहली कैबिनेट बैठक के दिन ही जारी किया गया, जिससे इस कदम को राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव और एस्टेट ऑफिसर शिव रंजन द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि नया बंगला राबड़ी देवी को उनके नेता प्रतिपक्ष के संवैधानिक पद के आधार पर आवंटित किया गया है। 10 सर्कुलर रोड का बंगला राबड़ी देवी को तब आवंटित हुआ था जब उन्होंने नवंबर 2005 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और 1 ऐन मार्ग का आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास नीतीश कुमार को सौंपा था। तब से यह संपत्ति राजद की राजनीति का केंद्र रही है, जहां अनेक महत्वपूर्ण बैठकें, रणनीतिक चर्चाएं और राजनीतिक गतिविधियां होती रही हैं। यह घर केवल राबड़ी देवी का नहीं बल्कि लालू प्रसाद और पूरे राजद नेतृत्व का मुख्य ठिकाना माना जाता रहा है।

राजद ने इस पूरे विकास पर अभी संयमित प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन का कहना है कि अभी तक उन्हें आवास खाली करने या स्थानांतरित होने का कोई आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि पार्टी आधिकारिक आदेश आने के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया देगी। यह रुख संकेत देता है कि राजद इस मुद्दे को संवेदनशील मानते हुए सावधानी के साथ आगे बढ़ना चाहता है, खासकर तब जब हाल के चुनावों के परिणाम विपक्ष के लिए अनुकूल नहीं रहे।

इस आवासीय फेरबदल की पृष्ठभूमि में 2019 का वह महत्वपूर्ण पटना हाई कोर्ट का फैसला भी है, जिसने पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवनभर सरकारी आवास देने की व्यवस्था को अवैध करार दिया था। अदालत ने इसे जनता के धन का दुरुपयोग बताते हुए राज्य सरकार और पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर उनके सरकारी आवास खाली कराने का आदेश दिया था। इस फैसले से सत्यप्रसाद सिंह, जगन्नाथ मिश्रा, जीतन राम मांझी और राबड़ी देवी सहित कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले छोड़ने पड़े थे। इसके बाद सरकार ने राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष के पद के आधार पर 10 सर्कुलर रोड का आवास पुनः आवंटित किया था, जिसके चलते वह वहां अब तक रह रही थीं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आवास से संबंधित यह निर्णय नए प्रशासन के उस आत्मविश्वास का हिस्सा है, जिसे हाल ही में संपन्न हुए 2025 बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने मजबूत किया है। एनडीए गठबंधन ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एक बार फिर 200 से अधिक सीटों का ऐतिहासिक आंकड़ा पार किया और राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ को और मजबूत किया। यह परिणाम 2010 के बाद दूसरी बार है जब गठबंधन ने इतनी बड़ी जीत दर्ज की है। चुनावी जीत के साथ ही नीतीश कुमार ने पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, भले ही पिछले कुछ वर्षों में उनका राजनीतिक पटल पर कई बार गठबंधन और दिशा बदलने का इतिहास रहा हो। नई सरकार ने प्रशासनिक लंबित मामलों को सुलझाने के संकेत दिए हैं और आवास आवंटन का मुद्दा भी इसी क्रम में देखा जा रहा है।

राबड़ी देवी को बंगला बदलने के आदेश का समय ऐसे दौर में आया है जब परिवार की कानूनी चुनौतियाँ भी जारी हैं। राबड़ी देवी, लालू प्रसाद और उनके पुत्र तेजस्वी यादव के खिलाफ चल रहे आईआरसीटीसी होटल घोटाले मामले में हाल ही में आरोप तय किए गए हैं। तीनों ने आरोपों से इंकार किया है, लेकिन मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों दृष्टियों से परिवार को लगातार सुर्खियों में बनाए हुए है। ऐसे में आवास में बदलाव के इस फैसले के राजनीतिक प्रभावों को टालना मुश्किल है।

बताया जा रहा है कि 39 हार्डिंग रोड का नया बंगला लगभग तीन एकड़ में फैला एक विशाल परिसर है, जो सुरक्षा, पार्किंग और बैठक व्यवस्था जैसी सुविधाओं से लैस है। भवन निर्माण मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस आवंटन की पुष्टि करते हुए कहा कि यह आवास उच्च श्रेणी के पदाधिकारियों के लिए निर्धारित है और राबड़ी देवी को उनके वर्तमान संवैधानिक दर्जे के अनुरूप दिया गया है। इस बयान से सरकार की ओर से संकेत मिलता है कि इस निर्णय को पूरी तरह प्रशासनिक और नियमों के अनुरूप बताया जा रहा है।

वहीं राजनीतिक हलकों में इस बदलाव को सत्ता संतुलन और शक्ति केंद्रों के पुनर्गठन के रूप में भी देखा जा रहा है। अतीत में कई बार देखा गया है कि सरकारी आवासों को लेकर हुए बदलाव प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से राजनीतिक संदेश देते रहे हैं। चूंकि 10 सर्कुलर रोड लंबे समय से राजद की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है, इसलिए इससे जुड़े किसी भी परिवर्तन को पार्टी की सांगठनिक गतिशीलता पर असर डालने वाला माना जा रहा है।

इसके अलावा, विपक्षी खेमे पर इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी चर्चा में है, खासकर ऐसे समय में जब चुनावी हार के बाद पार्टी पहले से ही दबाव की स्थिति में है। यह भी देखा जाना होगा कि राबड़ी देवी और लालू प्रसाद नए आवास में जाने को किस तरह लेते हैं और राजद इस बदलाव को राजनीतिक रूप से किस तरह पेश करता है।

कुल मिलाकर, 10 सर्कुलर रोड से 39 हार्डिंग रोड तक की यह यात्रा केवल आवास परिवर्तन भर नहीं बल्कि बिहार की बदलती राजनीतिक धारा, बदलते सत्ता समीकरण और प्रशासनिक पुनर्संतुलन का एक प्रतीकात्मक संकेत है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि राबड़ी देवी कब तक स्थानांतरण करती हैं और यह परिवर्तन विपक्षी राजनीति के भविष्य को किस हद तक प्रभावित करेगा।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-