नई दिल्ली. साल 2025 में भी दुनिया भर में बड़े पैमाने पर छंटनी की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है, और अब इस लिस्ट में दुनिया की सबसे बड़ी और टेक जगत की दिग्गज कंपनी एप्पल इंक. (Apple Inc.) का नाम भी जुड़ गया है। ब्लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल ने अमेरिका में दर्जनों सेल्स वर्कर्स को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह छंटनी ऐसे समय में हुई है जब कंपनी लगातार रिकॉर्ड तोड़ रेवेन्यू हासिल कर रही है और दिसंबर तिमाही में उसकी कमाई करीब 140 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
यह छंटनी मुख्य रूप से एप्पल के सेल्स डिवीज़न पर केंद्रित है। कंपनी ने इन कटौतियों की पुष्टि करते हुए कहा कि वह अपने बिज़नेस, सरकारों और स्कूलों को प्रोडक्ट देने के तरीके की 'समीक्षा' कर रही है और उसे बेहतर बनाना चाहती है। एप्पल के एक प्रवक्ता ने जॉब कट की पुष्टि करते हुए बताया कि कंपनी अपने सेल्स डिवीज़न में "फेरबदल" कर रही है। प्रवक्ता ने कहा, "ज्यादा कस्टमर्स से जुड़ने के लिए, हम अपनी सेल्स टीम में कुछ बदलाव कर रहे हैं, जिससे कुछ रोल्स पर असर पड़ेगा। हालांकि, हम हायरिंग जारी रखे हुए हैं, और प्रभावित कर्मचारी कंपनी के भीतर नए रोल्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।"
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस छंटनी का असर उन कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा पड़ा है जो बड़े कस्टमर्स के लिए काम करते थे। प्रभावित होने वालों में स्कूल, सरकारी एजेंसी और बड़े बिज़नेस में काम करने वाले अकाउंट मैनेजर और एप्पल के ब्रीफिंग सेंटर के कर्मचारी शामिल हैं। ये कर्मचारी मुख्य रूप से बड़े क्लाइंट्स के लिए संस्थागत मीटिंग्स और प्रोडक्ट डेमोंस्ट्रेशन का काम संभालते थे। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ हफ़्तों पहले ही एप्पल ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में अपनी सेल्स टीम से भी लगभग 20 रोल्स कम कर दिए थे।
यह घटनाक्रम इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि एप्पल कंपनी लगातार सफल प्रोडक्ट लॉन्च कर रही है और वित्तीय रूप से मजबूत स्थिति में है। इसके बावजूद, छंटनी का होना यह संकेत देता है कि कंपनी संभवतः बिक्री और वितरण की अपनी पारंपरिक रणनीति में बड़े संरचनात्मक बदलाव कर रही है, जिसमें अधिक दक्षता और ऑटोमेशन को प्राथमिकता दी जा रही है।
एक और गंभीर पहलू यह है कि जिन कर्मचारियों पर इस जॉब कट का असर पड़ा है, उनमें से कई ऐसे भी हैं जो 20-30 सालों से कंपनी का हिस्सा थे। अनुभवी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाना यह दर्शाता है कि यह केवल प्रदर्शन आधारित कटौती नहीं है, बल्कि एक व्यापक संगठनात्मक पुनर्गठन है। इसके अलावा, सरकारी एजेंसियों के साथ काम कर रही सेल्स टीम भी प्रभावित हुई है, जिसके लिए अमेरिकी सरकार के शटडाउन को भी एक आंशिक कारण माना जा रहा है।
एप्पल की यह छंटनी गूगल, अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट जैसी अन्य टेक दिग्गजों द्वारा की गई बड़ी कटौतियों के बाद हुई है, जो दर्शाती है कि 2025 में भी वैश्विक स्तर पर तकनीकी कंपनियों में लागत घटाने और दक्षता बढ़ाने का दबाव जारी है। विश्लेषकों का मानना है कि एप्पल, जो अपनी सप्लाई चेन और वितरण नेटवर्क में अत्यंत सावधानी बरतने के लिए जानी जाती है, यह छंटनी कर रही है ताकि अपने रिकॉर्ड-ब्रेकिंग रेवेन्यू को बनाए रखने के लिए अनावश्यक खर्चों को कम किया जा सके और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को मजबूत किया जा सके।
हालांकि कंपनी ने प्रभावित कर्मचारियों को आंतरिक रूप से अन्य भूमिकाओं के लिए आवेदन करने का विकल्प दिया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि सेल्स और अकाउंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में एप्पल का ध्यान अब अधिक केंद्रित और डिजिटल समाधानों की ओर शिफ्ट हो रहा है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

