मोदी कैबिनेट बैठक में चार बड़े फैसले, रेयर अर्थ मैग्नेट विनिर्माण को बढ़ावा देगा भारत

मोदी कैबिनेट बैठक में चार बड़े फैसले, रेयर अर्थ मैग्नेट विनिर्माण को बढ़ावा देगा भारत

प्रेषित समय :18:19:16 PM / Wed, Nov 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आज बुधवार 26 नवंबर को बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कुल ?19,919 करोड़ रुपये की चार बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन चार परियोजनाओं में रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम भी शामिल है.

इसके तहत तहत आने वाले 7 सालों में 7,280 करोड़ रुपये की रेयर अर्थ की खोज की जाएगी. इस स्कीम का मकसद इंपोर्ट पर निर्भरता कम करना और हाई-टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन में भारत की क्षमताओं को बढ़ाना है.

रेयर अर्थ मैग्नेट विनिर्माण योजना शामिल

भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा, इस पहल का मकसद भारत में 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष इंटीग्रेटेड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (आरईपीएम) मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करना है, जिससे आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और भारत ग्लोबल आरईपीएम मार्केट में एक अहम खिलाड़ी के तौर पर उभरेगा. मंत्रालय ने आगे कहा, आरईपीएम सबसे मज़बूत तरह के परमानेंट मैग्नेट में से एक हैं जो इलेक्ट्रिक गाडिय़ों, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस और डिफेंस एप्लीकेशन के लिए जरूरी हैं.

आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर सरकार का जोर

यह स्कीम इंटीग्रेटेड आरईपीएम मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बनाने में मदद करेगी, जिसमें रेयर अर्थ ऑक्साइड को मेटल में, मेटल को एलॉय में और एलॉय को फिनिश्ड आरईपीएम में बदलना शामिल है. इस स्कीम में ग्लोबल कॉम्पिटिटिव बिडिंग प्रोसेस के ज़रिए पांच बेनिफिशियरी को टोटल कैपेसिटी देने का प्लान है. हर बेनिफिशियरी को 1,200 एमटीपीए तक की कैपेसिटी दी जाएगी.

ग्लोबल रेयर अर्थ मैग्नेट सप्लाई चेन पर चीन का दबदबा

वर्तमान समय में चीन ग्लोबल रेयर अर्थ मैग्नेट सप्लाई चेन पर हावी है. उसने एक बेहद कड़े लाइसेंसिंग सिस्टम के जरिए जियोपॉलिटिकल पॉलिसी के टूल के तौर पर अपने कंट्रोल का इस्तेमाल किया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ओडिशा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गोवा और गुजरात के कोस्टलाइन पर रेयर अर्थ डिपॉजिट हैं, गुजरात और महाराष्ट्र के पहाड़ी इलाकों में भी ऐसा ही है. परमानेंट मैग्नेट हल्के और भारी रेयर अर्थ के कॉम्बिनेशन से बनाए जाएंगे. इन मिनरल को माइन, प्रोसेस और रिफाइन करना मुश्किल है.

ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर भारत काम करेगा

मंत्री ने कहा, ट्रेड डील में भी रेयर अर्थ्स का जियोपॉलिटिकल और स्ट्रेटेजिक महत्व है. नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन को भी हाल ही में दुनिया भर से मटेरियल सोर्स करने की मंज़ूरी दी गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत आरईपीएम प्रोग्राम के जरिए ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर काम करेगा. ऑस्ट्रेलिया के पास रेयर अर्थ्स के बड़े भंडार हैं जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ है, जबकि जापानी प्रमुख टेक डेवलप कर रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-