सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, समय रैना समेत 5 कॉमेडियन को दिव्यांगों के लिए इवेंट आयोजित करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, समय रैना समेत 5 कॉमेडियन को दिव्यांगों के लिए इवेंट आयोजित करने का निर्देश

प्रेषित समय :18:32:28 PM / Thu, Nov 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. लोकप्रिय कॉमेडी शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ (India's Got Latent) के एक एपिसोड में कॉमेडियन समय रैना द्वारा की गई एक टिप्पणी ने उन्हें बड़ी कानूनी मुसीबत में डाल दिया है। दो महीने के एसएमए (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी) मरीज और उसके 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की आवश्यकता पर की गई उनकी कथित 'असंवेदनशील' टिप्पणी पर देश की सर्वोच्च अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में 'क्योर एसएमए फाउंडेशन' (Cure SMA Foundation) की याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसके तहत समय रैना और चार अन्य जाने-माने कंटेंट क्रिएटर्स को अब दिव्यांगजनों के लिए नियमित रूप से चैरिटी इवेंट्स और जागरूकता अभियान आयोजित करने होंगे।

कोर्ट के इस निर्देश ने देश के कॉमेडी और कंटेंट क्रिएशन जगत में एक नई बहस छेड़ दी है, जहां क्रिएटिव स्वतंत्रता और सामाजिक संवेदनशीलता के बीच की रेखा पर सवाल उठ रहे हैं।

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब 'इंडियाज गॉट लैटेंट' के एक एपिसोड में समय रैना ने एसएमए (Spinal Muscular Atrophy) के महंगे इलाज, विशेष रूप से जीन थेरेपी 'ज़ोलजेन्स्मा' (Zolgensma) की एकमुश्त 16 करोड़ रुपये की लागत का संदर्भ दिया। उन्होंने कथित तौर पर इस विषय पर एक ऐसा मज़ाक किया, जिसमें उन्होंने यह कल्पना की कि अगर अचानक पति के बैंक खाते में 16 करोड़ रुपये आ जाएं तो एक माँ की प्रतिक्रिया कैसी होगी। इस टिप्पणी को क्योर एसएमए फाउंडेशन ने असंवेदनशील मानते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्होंने एसएमए रोगियों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए समय रैना और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

गुरुवार को सुनवाई करते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने समय रैना के साथ-साथ चार अन्य प्रसिद्ध कॉमेडियन और कंटेंट क्रिएटर्स – विपुल गोयल, सोनाली ठक्कर, बलराज परमजीत सिंह घई और निशांत जगदीश तंवर – को संयुक्त रूप से निर्देश दिया। कोर्ट ने इन सभी को दिव्यांग व्यक्तियों, जिनमें एसएमए से पीड़ित व्यक्ति भी शामिल हैं, के लिए हर महीने दो फंडरेज़िंग इवेंट आयोजित करने में मदद करने को कहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने अपनी टिप्पणी में स्पष्ट किया कि यह निर्देश किसी सजा के तौर पर नहीं, बल्कि एक 'सामाजिक दायित्व' के रूप में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि अगली सुनवाई से पहले ऐसे कुछ यादगार इवेंट्स आयोजित किए जाएंगे। यह एक सामाजिक बोझ है जो हम आप (कॉमेडियन) पर डाल रहे हैं, कोई दंडात्मक बोझ नहीं। आप सभी समाज में अच्छी जगह स्थापित हैं। यदि आप इतने लोकप्रिय हो गए हैं, तो इसे दूसरों (दिव्यांगों) के साथ साझा करें।"

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने केवल फंडरेज़िंग तक ही सीमित रहने का निर्देश नहीं दिया है, बल्कि इन सभी कंटेंट क्रिएटर्स को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कोर्ट ने उन्हें दिव्यांग व्यक्तियों की सफलता की कहानियों को प्रमुखता से उजागर करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि पांचों कॉमेडियन को अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को शामिल करना चाहिए और उन्हें सक्रिय रूप से बढ़ावा देना चाहिए। इसका उद्देश्य समय पर चिकित्सा उपचार का समर्थन करने के लिए धन जुटाने के प्रयासों को बढ़ावा देना है।

कोर्ट ने यह उम्मीद भी जताई है कि समय रैना और अन्य कॉमेडियन अगली बार कोर्ट में पेश होने से पहले कम से कम एक या दो ऐसे चैरिटी इवेंट का आयोजन जरूर करेंगे।

एसएमए यानी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है जो एसएमएन1 (Survival Motor Neuron Gene 1) जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है। क्योर एसएमए के अनुसार, यह जीन मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नसों के लिए महत्वपूर्ण प्रोटीन का उत्पादन करता है। एसएमए रोगियों में इस प्रोटीन के कम उत्पादन से मांसपेशियों का कार्य बाधित होता है और मांसपेशियों में प्रगतिशील कमजोरी आती है।

इस फैसले को सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रिया मिल रही है। एक ओर, एसएमए फाउंडेशन और सामाजिक कार्यकर्ता इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जो कंटेंट क्रिएटर्स को उनकी सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास कराता है। वहीं, दूसरी ओर, कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक तरह का अंकुश मान रहे हैं। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश ने कॉमेडी और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच के रिश्ते को एक बार फिर से परिभाषित कर दिया है, और अब सबकी निगाहें इन पांचों कॉमेडियन पर टिकी हैं कि वे इस सामाजिक दायित्व को किस प्रकार निभाते हैं।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-