हांगकांग में विनाशकारी आग में 65 की मौत, सैकड़ों लापता होने से सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठा सबसे बड़ा सवाल

हांगकांग में विनाशकारी आग में 65 की मौत, सैकड़ों लापता होने से सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठा सबसे बड़ा सवाल

प्रेषित समय :20:01:44 PM / Thu, Nov 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

हांगकांग में एक हाई-राइज़ आवासीय परिसर में बुधवार को लगी भीषण आग ने शहर को पिछले दो दशकों की सबसे भयावह त्रासदी का सामना करने पर मजबूर कर दिया. ताई पो जिले के वांग फुक कोर्ट में लगी इस आग ने देखते ही देखते सात टावरों को अपनी चपेट में ले लिया और अब तक कम से कम 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. वहीं 300 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि अग्निशमन दल 20 घंटे से अधिक समय बाद भी आग पर पूरी तरह काबू पाने के लिए संघर्ष कर रहा है. यह हादसा न सिर्फ शहर के पुराने बुनियादी ढांचे पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा रहा है, बल्कि इसने सरकारी निगरानी, निर्माण मानकों और सुरक्षा उपायों में खामियों को भी उजागर कर दिया है.

अग्निशामकों ने बताया कि आग की शुरुआत परिसर के बाहरी हिस्से में लगे बांस के स्कैफोल्ड से हुई, जिसका उपयोग मरम्मत कार्यों के दौरान किया जा रहा था. इसके ऊपर लगी निर्माण नेटिंग और प्लास्टिक शीटिंग ने आग को और भयंकर रूप दे दिया. यह सामग्री आग प्रतिरोधक नहीं थी और मानकों पर खरी भी नहीं उतरती थी. जैसे-जैसे आग ऊपर चढ़कर फ़्लोरों और मेज़ोनॉट तक पहुंची, स्थिति तेजी से नियंत्रण से बाहर हो गई. सात टावरों तक फैल चुकी लपटों ने हजारों की आबादी वाले इस आवासीय परिसर को एक खतरनाक जाल में बदल दिया जिसमें लोग बचाव के रास्ते खोजते रह गए.

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह आग पिछले 17 वर्षों में हांगकांग में हुई सबसे भयंकर घटना है. इससे पहले वर्ष 1996 में कोलून के एक व्यावसायिक भवन में आग लगने से 41 लोगों की जान गई थी. लेकिन इस बार हालात कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण इसलिए बने क्योंकि घनी आबादी वाला यह परिसर सरकारी सब्सिडी पर बने पुराने भवनों में शामिल है, जिसमें 1980 के दशक के बाद से मरम्मत और रखरखाव का काम लगातार चल रहा था. शहर की योजना और बुनियादी ढांचे में मौजूद खामियां इस बड़ी त्रासदी का प्रमुख कारण बनकर सामने आई हैं.

स्थानीय मीडिया और अधिकारियों की जांच में पता चला कि जिस निर्माण कंपनी को भवन की मरम्मत का काम सौंपा गया था, उसने घटिया गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया था. सुरक्षा सचिव क्रिस टैंग ने कहा कि सुरक्षा नेटिंग और प्लास्टिक शीटिंग जैसी चीजें मानक आग-प्रतिरोधी स्तर से बहुत नीचे थीं, जिसके कारण आग तेजी से फैल गई और बुझाना मुश्किल हो गया. पुलिस को जांच के दौरान यह भी पता चला कि परिसर के एक टावर की कुछ खिड़कियों को फोम जैसी सामग्री से सील कर दिया गया था, जिससे न तो धुआं बाहर निकल पा रहा था और न ही लोग आसानी से बाहर आ पा रहे थे. यह फोम भी निर्माण कंपनी द्वारा ही लगाया गया था.

हांगकांग पुलिस अधीक्षक आइलीन चुंग ने बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद निर्माण कंपनी के दो निदेशकों और एक इंजीनियरिंग कंसल्टेंट को गिरफ्तार किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने मरम्मत कार्यों में लापरवाही बरती और ऐसे निर्माण सामग्री का उपयोग किया जो आग के खतरे को बढ़ाती है. पुलिस का कहना है कि लापरवाही इतनी गंभीर थी कि इसे ‘मानव वध के बराबर अपराध’ माना जा सकता है.

आग से प्रभावित हुए लगभग 4,600 निवासियों में भय, गुस्सा और निराशा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. कई लोगों ने बताया कि भवन में लगे फायर अलार्म ठीक से नहीं बजे, जिसके कारण लोग समय रहते चेतावनी नहीं पा सके. कुछ निवासियों का कहना है कि उन्होंने मरम्मत कार्यों के दौरान किए जा रहे बदलावों को लेकर पहले भी शिकायतें की थीं, लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया गया. जबकि कुछ अन्य निवासियों ने यह भी बताया कि परिसर के निकासी द्वारों तक पहुंचने में कई बाधाएं थीं, जिससे स्थिति और पेचीदा हो गई.

स्थानीय लोगों के गुस्से की वजह सिर्फ आग नहीं है, बल्कि यह भावना भी है कि इस त्रासदी को रोका जा सकता था. वर्षों से शहर में बढ़ती निर्माण गतिविधियों, पुराने भवनों में मरम्मत के नाम पर हो रहे असंगठित कार्यों और उचित निगरानी की कमी की वजह से ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. पारंपरिक बांस स्कैफोल्ड का उपयोग हांगकांग में दशकों से होता आया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक निर्माण कार्यों में इसके उपयोग का दायरा सीमित होना चाहिए, खासकर ऊंची इमारतों में जहां आग का खतरा अधिक होता है.

आग से उठते धुएं और धधकती लपटों की तस्वीरों ने शहर में दहशत और दुख का माहौल पैदा कर दिया है. कई लोग अपने परिजनों की तलाश में अस्पतालों और राहत केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं. सरकार ने प्रभावित लोगों को रातभर अस्थायी आश्रयों में ठहराने की व्यवस्था की, लेकिन स्थानीय लोग अभी भी अपने खोए हुए प्रियजनों की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं.

हांगकांग के मुख्य कार्यकारी जॉन ली ने कहा है कि सरकार एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स बनाएगी जो इस घटना की विस्तृत जांच करेगी. उन्होंने कहा कि अब हर उस हाउसिंग एस्टेट की सुरक्षा जांच की जाएगी जो मरम्मत या नवीनीकरण के दौर से गुजर रहा है. वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में स्कैफोल्डिंग और निर्माण सामग्री का उपयोग सुरक्षा मानकों के अनुरूप ही किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी या कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इस त्रासदी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि किसी भी शहर की सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ आधुनिक इमारतों और तकनीक पर निर्भर नहीं होती, बल्कि उचित निगरानी, मानकों का पालन और पारदर्शिता पर भी आधारित होती है. हांगकांग जैसे विकसित और व्यस्त शहर में यह घटना चेतावनी है कि लापरवाही का कोई भी उफ़ान हजारों ज़िंदगियाँ निगल सकता है. आने वाले दिनों में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, कई और चौंकाने वाले पहलू सामने आ सकते हैं और उम्मीद है कि यह त्रासदी शहर को सुरक्षा सुधारों की ओर मजबूती से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-