SC में तारीख पे तारीख पर लगेगा ब्रेक, 1 दिसंबर से स्वत: लिस्ट होंगी नई याचिकाएं, केस लिस्टिंग प्रक्रिया में बड़े सुधार

SC में तारीख पे तारीख पर लगेगा ब्रेक, 1 दिसंबर से स्वत: लिस्ट होंगी नई याचिकाएं, केस लिस्टिंग प्रक्रिया में बड़े सुधार

प्रेषित समय :10:17:35 AM / Sun, Nov 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली को तेज़, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट में मामलों की लिस्टिंग प्रणाली में व्यापक बदलाव करने का ऐलान किया है. 1 दिसंबर से यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी. नई व्यवस्था के तहत सभी नई याचिकाएँ स्वत: लिस्ट होंगी, जिससे वकीलों और पक्षकारों द्वारा कोर्ट में मेंशनिंग करने की आवश्यकता लगभग समाप्त हो जाएगी.

जानें क्या होंगे प्रमुख बदलाव :-

व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों को मिलेगी प्राथमिकता- व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों—जैसे कि तत्काल अंतरिम राहत की मांग करने वाली याचिकाएँ—को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी. ऐसे मामलों में, त्रुटियाँ दूर होने और सत्यापन पूर्ण होने के बाद, मामले दो कार्य-दिवसों के भीतर सूचीबद्ध कर दिए जाएंगे.

जमानत याचिकाओं के त्वरित निपटान के लिए नई व्यवस्था- जमानत से जुड़ी याचिकाओं के शीघ्र निस्तारण के लिए अब याचिकाकर्ता को केंद्र/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के संबंधित नोडल अधिकारी या स्टैंडिंग काउंसिल को अग्रिम प्रति उपलब्ध करानी होगी. इससे सुनवाई प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है.

अत्यावश्यक मामलों के लिए विशेष समय-खिड़की- ऐसे मामलों में जिन्हें निर्धारित तिथि तक प्रतीक्षा नहीं कराया जा सकता—जैसे अग्रिम जमानत, मृत्यु-दंड, हैबियस कॉर्पस, बेदखली/उजाडऩे या ढहाने से जुड़े मामले—उन्हें सुबह 10:00 बजे से 10:30 बजे के बीच मेंशन किया जा सकेगा.

सीनियर काउंसिल को मौखिक मेंशनिंग की अनुमति नहीं- अब सीनियर काउंसिल को मौखिक मेंशनिंग की अनुमति नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट युवा वकीलों को अवसर देने की दिशा में जूनियर वकीलों को मेंशनिंग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.

पुराने मामलों के लिए स्थगन-पत्र नहीं माने जाएंगे -लंबे समय से लंबित नियमित सुनवाई वाले मामलों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में स्थगन-पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे. वहीं इसे लेकर कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि नई व्यवस्था से कोर्ट में रोज़ाना होने वाली भीड़भाड़ और मेंशनिंग की अनिश्चितता में कमी आएगी. इससे आम द्यद्बह्लद्बद्दड्डठ्ठह्लह्य को भी राहत मिलेगी, जो अपने मामलों की लिस्टिंग के लिए लंबे समय तक इंतजार करने को मजबूर रहते थे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-