सिहोरा मनसकरा बाईपास पर अवैध वसूली ने ली ड्राइवर की जान, गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

सिहोरा मनसकरा बाईपास पर अवैध वसूली ने ली ड्राइवर की जान, गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

प्रेषित समय :19:48:07 PM / Tue, Dec 2nd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. सिहोरा-मनसकरा फोरलेन बाईपास पर चल रही अवैध वसूली ने मंगलवार तड़के एक ट्रक ड्राइवर की जान ले ली, जिसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. इस घटना ने उस विस्फोटक स्थिति को जन्म दे दिया है, जिसकी शिकायतें लंबे समय से भारी वाहन चालकों और परिवहन संघों द्वारा की जा रही थीं. यह पूरा मामला आरटीओ चेकिंग के नाम पर चल रही जबरन उगाही से जुड़ा हुआ है, जहां दिन-रात ट्रकों को रोककर अवैध वसूली की जाती है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कथित चेकिंग सुबह 2 से 3 बजे के बीच भी बदस्तूर जारी रहती है, जब अंधेरे का फायदा उठाकर संगठित गिरोह सक्रिय रहता है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस "चेकिंग" में पुलिस या परिवहन विभाग (RTO) के अधिकारी नहीं, बल्कि सादी और कभी-कभी निजी वर्दीधारी लोग बिना किसी नेमप्लेट या पहचान के खड़े होकर वाहनों को रोकते हैं और चालकों से पैसे ऐंठते हैं. यह पूरी प्रक्रिया गैर-कानूनी तरीके से बाईपास पर चलती है, जो लंबे रूट के ड्राइवरों के लिए एक खुली लूट बन चुकी थी. सूत्रों ने बताया कि ड्राइवर की मौत इसी अवैध वसूली के दौरान हुई अचानक हुई झड़प या किसी तनावपूर्ण स्थिति के कारण हुई है, हालांकि पुलिस ने अभी तक मृत्यु के सटीक कारणों और वसूली में शामिल लोगों की पहचान का खुलासा नहीं किया है, लेकिन गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना यह स्पष्ट करता है कि यह एक सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि आपराधिक कृत्य का परिणाम है.

इस घटना के बाद परिवहन उद्योग से जुड़े लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की है. ट्रक चालकों का कहना है कि यह वसूली रैकेट इतना संगठित है कि यदि कोई ड्राइवर पैसे देने से इनकार करता है, तो उसे धमकाया जाता है, मारपीट की जाती है और अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है. बाईपास पर रात के अंधेरे में होने वाली इस अवैध गतिविधि को स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता या मिलीभगत से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे आम जनता और ड्राइवरों में तीव्र रोष और निराशा है.

इस हाई-प्रोफाइल मामले ने न केवल एक ड्राइवर की जान ली है, बल्कि राज्य के परिवहन गलियारों पर चल रहे भ्रष्टाचार के काले धंधे को भी उजागर कर दिया है. पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और दोषियों की पहचान के लिए विशेष टीम गठित की है. यह जांच अब इस बात पर केंद्रित होगी कि आरटीओ चेकिंग के नाम पर प्राइवेट लोग कौन थे, उन्हें किसने संरक्षण दिया था और इस वसूली रैकेट में कौन-कौन से सरकारी कर्मचारी या अधिकारी शामिल हैं. जनता की उत्सुकता अब इस बात को लेकर बढ़ गई है कि क्या पुलिस इस वसूली सिंडिकेट की जड़ तक पहुंच पाएगी और क्या भविष्य में सिहोरा-मनसकरा बाईपास पर ड्राइवर बिना डर के यात्रा कर पाएंगे? मामले की गंभीरता को देखते हुए, जल्द ही बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-