जबलपुर में 50 परिवारों के पास कई आधार कार्ड, पनागर में तंबू लगाकर सरकारी जमीन पर किए कब्जे हटाए गए

जबलपुर में 50 परिवारों के पास कई आधार कार्ड, पनागर में तंबू लगाकर सरकारी जमीन पर किए कब्जे हटाए गए

प्रेषित समय :15:44:35 PM / Tue, Dec 2nd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. एमपी के जबलपुर में बरेला स्थित ग्राम हिनोतिया में शासकीय जमीन पर कब्जा करके रह रहे 50 से अधिक परिवारों के पास कई आधार कार्ड है. इस बात का खुलासा एसआईआर सर्वे में हुआ है. हिन्दू संगठनों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर आज सरकारी जमीन से कब्जा हटाया गया.

हिंदू संगठनों का आरोप है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी सरकारी जमीन पर कब्जा कर यहां रह रहे हैं. इतना ही नहीं सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं. इधरए जिन्हें प्रशासन ने सरकारी जमीन से बेदखल किया है. उनका कहना है कि वह घुमंतू बंजारा हैं, न कि रोहिंग्या. करीब 10 दिन पहले हिंदू संगठनों को पता चला कि जबलपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर बरेला के ग्राम हिनोतिया में कुछ लोग बाहर से आकर बस गए हैं. इन लोगों ने तंबू लगाए हैं, कार रखी है.

मौके पर जाकर जब उनसे बात की तो भाषा अलग थी. डेरे में रखे आधार कार्ड देखे तो एक व्यक्ति के कार्ड तीन जगह से बने हुए थे. संगठन ने बरेला थाने में शिकायत पत्र सौंपते हुए मांग की कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले रोहिंग्या, बांग्लादेशी हैं, उन्हें फौरन हटाया जाए. मौके पर पहुंचकर प्रशासन और पुलिस की टीम ने जांच की तो पता चला कि ये घुमंतू बंजारा प्रजाति के लोग हैं, जो कि हमेशा घूमते रहते हैं. बीते कुछ सालों से हिनोतिया गांव में ही बस गए थे.

बताया जा रहा है कि इन लोगों ने गांव में ही रहकर काम करना शुरू कर दिया था, कुछ तो ग्राम पंचायत से ठेका लेकर काम कर रहे थे. प्रशासन ने जांच में पाया कि गांव के बाहर जिस जमीन पर इन लोगों ने कब्जा कर तंबू लगाए थे वो सरकारी है. प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर आज से उन्हें सरकारी जमीन से बेदखल करने की कार्रवाई की है. विहिप के प्रचार प्रमुख सुमित सिंह ठाकुर का कहना है कि इनके दस्तावेजों की भी जांच होनी चाहिए.

कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जिन लोगों ने जमीन पर कब्जा किया था वह जमीन शासकीय थी. इसलिए उन्हें पहले नोटिस दिया गया और उसके बाद भी जब इन लोगों ने स्वयं ही जमीन खाली नहीं की तो उन्हें हटा दिया गया. कलेक्टर ने कहा कि कुछ लोगों का यह भी आरोप था कि यह लोग रोहिंग्या, बांग्लादेशी है, इसकी भी जांच कराई जा रही है. फिलहाल शासकीय जमीन को खाली करवा दिया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-