जबलपुर. जबलपुर के बहुचर्चित देह व्यापार रैकेट मामले में एक सनसनीखेज मोड़ आ गया है, जहाँ मुख्य आरोपियों के कथित साथी अब पीड़िता को खुलेआम धमकी दे रहे हैं। इसी डर और जान के खतरे के बीच पीड़िता ने मंगलवार सुबह 9 बजे सीधे पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाई है। यह मामला शहर के राजनीतिक गलियारों और आम जनता के बीच जून 2025 से ही सुर्खियों में बना हुआ है, जब पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष अतुल चौरसिया और उसके करीबी सहयोगी शीतल दुबे पर अतिथि इन होटल में देह व्यापार का अवैध अड्डा संचालित करने का गंभीर आरोप लगा था। युवती की शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों हाई-प्रोफाइल आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन अब जेल से बाहर उनके गुर्गों द्वारा किया जा रहा दबाव पीड़िता के लिए एक नई चुनौती बन गया है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पीड़िता को लगातार केस वापस लेने के लिए डराया जा रहा है और ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने, यहाँ तक कि जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही हैं। यह घटनाक्रम न केवल कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश है, बल्कि पीड़िता के साहस और सुरक्षा पर भी सीधा हमला है। इस पूरे प्रकरण में पुलिस की शुरुआती कार्रवाई की सराहना हुई थी, लेकिन अब आरोपियों के साथियों की यह बेखौफ हरकतें कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं। पीड़िता ने एसपी कार्यालय में अपनी पूरी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उसे डर है कि यदि इन लोगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो उसकी जान को खतरा हो सकता है और वह न्याय की लड़ाई नहीं लड़ पाएगी। जनता में इस बात को लेकर तीव्र जिज्ञासा है कि आखिर किस आधार पर आरोपी पक्ष इतना हावी होकर पीड़िता को भयभीत कर रहा है, और क्या उन्हें किसी राजनीतिक या बाहरी ताकत का संरक्षण प्राप्त है?
जबलपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीड़िता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उसे तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने और धमकी देने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, पुलिस यह सुनिश्चित करने के प्रयास में जुटी है कि गवाहों और पीड़ितों को बिना किसी डर के न्याय मिल सके। पूर्व भाजपा नेता का नाम सामने आने के कारण यह केस पहले से ही हाई-प्रोफाइल बन चुका था, और अब धमकियों के इस नए पहलू ने सार्वजनिक और मीडिया की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है। शहर की जनता इस पूरे घटनाक्रम पर बारीक नज़र रखे हुए है, और उम्मीद कर रही है कि पुलिस जल्द ही धमकी देने वाले इन तत्वों को बेनकाब कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुँचाएगी, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और कानून का राज स्थापित रहे। इस बीच, विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर भाजपा नेतृत्व की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं, जिससे मामला राजनीतिक रंग भी लेता जा रहा है।
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