जबलपुर.पुराने शहर की गलियों में मंगलवार की सुबह उथल-पुथल भरी रही, जब नगर निगम आयुक्त आर.पी. अहिरवार के निर्देशन में प्रशासनिक टीम ने अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई शुरू की। वर्षों से विवादों में घिरे और शहर के मुख्य मार्गों पर कब्जा जमाए बैठी संरचनाओं पर आखिरकार बुलडोजर चल गया। 40 साल पुराने बारातघरों समेत कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हुई इस कार्रवाई ने पूरे शहर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया और सोशल मीडिया पर भी यह घटनाक्रम तेजी से सुर्खियाँ बटोरता रहा। पुराने शहर के लोग इस कार्रवाई को व्यवस्था सुधार का कड़ा संकेत मानते दिखे, वहीं लंबे समय से अतिक्रमण के कारण परेशान स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली।
नगर निगम का कहना है कि यह कार्रवाई केवल अतिक्रमण हटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि शहर को व्यवस्थित, स्वच्छ और आधुनिक स्वरूप देने की बड़ी योजना का हिस्सा है। बारातघरों को हटाने के साथ ही आसपास मौजूद अन्य अवैध हिस्सों को भी चिन्हित किया गया है, और आने वाले दिनों में शहर के विभिन्न इलाकों में इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी। निगम आयुक्त आर.पी. अहिरवार ने स्पष्ट किया कि अतिक्रमण किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह वर्षों पुराना क्यों न हो और चाहे उससे संबंधित लोग कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों। कई रसूखदारों के बारातघरों के ढहने से प्रशासनिक सख्ती का संदेश और भी स्पष्ट होता है।
इस बीच, नगर निगम की आंतरिक व्यवस्थाओं को लेकर भी बड़े स्तर पर समीक्षा की गई। महापौर श्री अन्नू ने आज निगम के पाँच प्रमुख विभागों—स्वास्थ्य, उद्यान, प्रकाश, लोककर्म और भवन शाखा—की लगभग पाँच घंटे लंबी बैठक ली। बैठक में महापौर ने साफ कर दिया कि जबलपुर शहर की सफाई व्यवस्था किसी भी दशा में कमजोर नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सफाई मित्रों और मशीनरी संसाधनों की उपलब्धता पर्याप्त है, अब ज़रूरत इन्हें बेहतर तरीके से संचालित करने की है। महापौर ने बीटवार सफाई प्लानिंग को अनिवार्य बताते हुए निर्देश दिए कि हर बीट में मानव बल और मशीनरी का उपयोग संतुलित और प्रभावी हो, ताकि शहर में कोई भी स्थान गंदगी के ढेर का प्रतीक न बने।
उन्होंने चेतावनी दी कि शहर में कहीं भी कचरे के ढेर मिलने पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही नाइट स्वीपिंग व्यवस्था को भी और अधिक मजबूत और व्यापक करने का निर्देश दिया गया, ताकि देर रात और सुबह के समय शहर में स्वच्छता का मानक लगातार बना रहे। महापौर ने कहा कि जबलपुर तेजी से बढ़ रहा शहर है, और इस विकास के साथ स्वच्छता की जिम्मेदारी भी समान रूप से बढ़ती है।
बैठक में नगर निगम की आय बढ़ाने को लेकर भी गहन चर्चा हुई। महापौर ने राजस्व और बाजार विभाग के अधिकारियों के साथ योजनाबद्ध तरीके से काम करने के निर्देश दिए ताकि दुकानों के किराये की नियमित वसूली और नए बाजार से संबंधित मामलों में भी तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि नगर निगम की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए राजस्व में मजबूती जरूरी है और इसके लिए सभी स्तरों पर प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए।
भवन शाखा को भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। महापौर ने कहा कि नागरिकों के लिए नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी या बाधा स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने भवन शाखा को सभी लंबित प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए, ताकि शहर में निर्माण गतिविधियाँ सुचारू रूप से आगे बढ़ सकें और नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।
बैठक का एक बड़ा हिस्सा सिटी ब्यूटीफिकेशन योजना पर केंद्रित रहा। महापौर ने कहा कि आने वाले तीन महीनों में शहर के सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों का ऐतिहासिक रूप से कायाकल्प किया जाएगा। आकर्षक और थीम आधारित एंट्री प्वाइंट तैयार किए जाएंगे जो संस्कारधानी के गौरव, संस्कृति और परंपराओं की झलक प्रस्तुत करें। प्रकाश, उद्यान, लोककर्म और स्वास्थ्य विभागों को आपसी समन्वय के साथ इस कार्य को प्राथमिकता पर पूरा करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि शहर की खूबसूरती बढ़ाना केवल सौंदर्यीकरण का कार्य नहीं, बल्कि नागरिकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने की जिम्मेदारी भी है।
इस व्यापक अभियान में एक ओर जहाँ अतिक्रमण हटाने की सख्त कार्रवाई से संदेश गया कि शहर में अव्यवस्था अब किसी भी रूप में स्वीकार नहीं की जाएगी, वहीं दूसरी ओर महापौर द्वारा की गई लंबी समीक्षा बैठक ने यह स्पष्ट किया कि शहर की सफाई, स्वच्छता, राजस्व प्रबंधन और सौंदर्यीकरण को लेकर निगम अब पूरी सक्रियता से कार्य करेगा। प्रशासन और निगम दोनों स्तरों पर एक साथ हो रही इन कार्रवाइयों ने नागरिकों में उम्मीद जगाई है कि आने वाले महीनों में जबलपुर न केवल स्वच्छता में नई पहचान स्थापित करेगा, बल्कि शहर के प्रवेश द्वारों से लेकर उसका मध्य क्षेत्र तक एक नए, आकर्षक और सुगठित रूप में दिखाई देगा।
अतिक्रमण हटाने की आज की कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया कि प्रशासन की प्राथमिकता अब शहर को जाम, अव्यवस्था और भीड़भाड़ से मुक्त करना है। जबकि महापौर की बैठक ने यह संकेत दिया कि जबलपुर आने वाले दिनों में कई बड़े परिवर्तनों का साक्षी बनेगा। नागरिक अब भू-सख्ती और सुधारों के इस नए दौर को उत्सुकता से देख रहे हैं, जहाँ 40 साल पुराने ढाँचों का गिरना केवल शुरुआत भर माना जा रहा है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

