जबलपुर नगर निगम में टैक्स वसूली पर घमासान, मेयर बोले कांग्रेस कर रही गुमराह

जबलपुर नगर निगम में टैक्स वसूली पर घमासान, मेयर बोले कांग्रेस कर रही गुमराह

प्रेषित समय :15:20:03 PM / Wed, Dec 3rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. नगर निगम में संपत्ति कर (प्रॉपर्टी टैक्स) के आकलन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंच गई हैं। नगर निगम द्वारा टैक्स के सही मूल्यांकन (असेसमेंट) के लिए एक निजी कंपनी की मदद लेने की तैयारी ने कांग्रेस को सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने का एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। विपक्ष का आरोप है कि यदि टैक्स वसूली निजी हाथों में गई तो आम जनता का उत्पीड़न बढ़ेगा और उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वहीं, महापौर जगत बहादुर सिंह 'अन्नू' ने कांग्रेस के आरोपों को बेतुका बताते हुए स्पष्ट किया है कि निगम केवल सर्वे करवा रहा है, वसूली नहीं, और कांग्रेस बेवजह जनता को गुमराह कर रही है।

जबलपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने सोमवार को कांग्रेस पार्षद दल की बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि महापौर और काउंसिल ने एक नया तरीका निकाला है, जिसके तहत प्राइवेट कंपनी के लोग आम जनता से टैक्स वसूली करेंगे। मिश्रा के अनुसार, नेपियर टाउन, राइट टाउन, सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड, भवानी प्रसाद तिवारी वार्ड और दयानंद सरस्वती वार्ड की संपत्तियों का टैक्स वसूलने के लिए निजी कंपनियों को ठेका देने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और मेयर व काउंसिल ने इस पर मुहर भी लगा दी है। उनका दावा है कि निजी वसूली से जनता को परेशानी होगी, इसलिए कांग्रेस इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ 3 दिसंबर से सड़कों पर उतरकर आंदोलन शुरू करेगी। पहले नगर निगम परिसर में प्रदर्शन किया जाएगा और यदि फैसला वापस नहीं लिया गया तो यह आंदोलन शहर की सड़कों तक फैलेगा।

उधर, महापौर जगत बहादुर सिंह 'अन्नू' ने नेता प्रतिपक्ष के बयान पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार और बेतुके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम जोन नंबर-13 में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्राइवेट कंपनी से केवल घर-घर जाकर प्रॉपर्टी का अवलोकन (ऑब्जरवेशन) करवा रहा है। कंपनी के लोग इन वार्डों की संपत्तियों की नाप-जोख करेंगे और यह पता करेंगे कि संपत्ति का उपयोग व्यक्तिगत है या व्यावसायिक। महापौर का दावा है कि टैक्स वसूलने का काम निजी हाथों में नहीं दिया जा रहा है और नाप-जोख करने वाली संस्था के साथ नगर निगम के कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के कई अन्य नगर निगम भी यह प्रक्रिया पहले ही अपना चुके हैं।

महापौर ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार सभी नगर निगमों को स्वावलंबी बनाने पर जोर दे रही है। जबलपुर नगर निगम ने टैक्स की दरें भी नहीं बढ़ाई हैं, ऐसे में निगम के खजाने में वृद्धि के लिए कोई दूसरा तरीका तो निकालना ही होगा। उनका कहना है कि यह केवल एक पायलट प्रोजेक्ट है, और अगर इसमें सफलता मिली तभी इसे दूसरे क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। महापौर का दावा है कि इस सही सर्वे से नगर निगम के खजाने में दो गुने तक की बढ़ोतरी हो सकती है और साथ ही टैक्स जमा करने में आने वाली अनियमितताएं भी खत्म होंगी, क्योंकि कई संपत्तियों के जीआईएस सर्वे की मैचिंग न होने से लोगों को समस्या होती है, जो इस नई प्रक्रिया से दूर हो जाएगी। जनता अब उत्सुकता से देख रही है कि निगम का सर्वे सफल होता है या कांग्रेस का आंदोलन।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-