हाईकोर्ट की बहू को नसीहट, अनुकम्पा नियुक्ति मिलने पर जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती, सास-ससुर की देखभाल नहीं की तो छोडऩा होगी नौकरी

हाईकोर्ट की बहू को नसीहट, अनुकम्पा नियुक्ति मिलने पर जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती, सास-ससुर की देखभाल नहीं की तो छोडऩा होगी नौकरी

प्रेषित समय :15:29:11 PM / Thu, Dec 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने अनुकम्पा नियुक्ति पर लगी बहू को सास-ससुर की देखभाल न करने पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अनुकंपा नियुक्ति परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए दी जाती है. इसलिए इससे जुड़ी जिम्मेदारियों से बचा नहीं जा सकता. यदि सास-ससुर की देखभाल नहीं की तो नौकरी छोडऩा होगी.

भोपाल के गोविंदपुरा निवासी बुजुर्ग दंपती प्रमोद श्रीवास्तव उम्र 72 वर्ष व रंजना 65 वर्ष ने 2020 में बेटे प्राचीर की मौत के बाद सहमति देकर बहू प्रियंका माथुर को अनुकंपा नियुक्ति दिलाई थी. लेकिन प्रियंका कुछ समय बाद घरेलू हिंसा का हवाला देते हुए घर छोड़ गई. सास-ससुर की देखभाल से इनकार कर दिया. प्रियंका रेलवे में तृतीय श्रेणी कर्मचारी है.

चार साल तक अपनी बचत और सहयोगियों पर निर्भर रहकर गुजारा करने के बाद दंपती ने गोविंदपुरा एसडीएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. एसडीएम रवि श्रीवास्तव ने 19 मई 2025 को माता-पिता भरण पोषण एक्ट के तहत प्रियंका को सास-ससुर की देखभाल का आदेश दिया.

यह एक्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूरे देश में लागू है.  एसडीएम के आदेश को चुनौती देते हुए प्रियंका हाईकोर्ट पहुंचीं. चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई में कहा कि अनुकंपा नियुक्ति ली है तो जिम्मेदारी निभानी होगी.

यदि देखभाल नहीं कर सकतीं तो नौकरी छोड़ दें, ताकि परिवार का कोई अन्य सदस्य यह दायित्व संभाल सके. कोर्ट ने बुजुर्ग दंपति को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने के निर्देश दिए हैं. जबकि बहू को अगली सुनवाई में स्वयं उपस्थित रहना होगा. अगली सुनवाई 8 जनवरी को तय की गई है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-