जबलपुर. शहर में आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संभावित अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नगर निगम ने गुरुवार को एक बड़ी पहल की. निगमायुक्त रामप्रकाश अहिरवार के निर्देश पर गठित पांच जांच दलों ने शहर के भीड़भाड़ वाले और व्यापारिक क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों और प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया.
जांच के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं. नगर निगम की प्रारंभिक कार्रवाई में सुहागी क्षेत्र के तीन मंजिला गोदाम और उसके प्रतिष्ठान को तुरंत सील कर दिया गया, जबकि बड़ा फुहारा स्थित रूपाली शो-रूम, रूपाली कलेक्शन और लक्ष्मी एम्पोरियम के व्यापारिक लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई.
जांच दल ने बड़ा फुहारा, गौरीघाट, करमेता, सुहागी और राइट टाउन स्टेडियम के बाजार क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया. इस दौरान फायर सेफ्टी, बिजली की सुरक्षा और भवन का सही उपयोग विशेष तौर पर देखा गया. बड़े पैमाने पर यह पाया गया कि इन प्रतिष्ठानों में दुकानों के साथ-साथ गोदाम और छोटे-छोटे कारखाने संचालित हो रहे थे, जो भवन के मूल उद्देश्य और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है.
बड़ा फुहारा के तीन प्रमुख शो-रूम – रूपाली शो-रूम, रूपाली कलेक्शन और लक्ष्मी एम्पोरियम – में फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं पाए गए. इसके बाद निगमायुक्त ने इन तीनों प्रतिष्ठानों के व्यापारिक लाइसेंस तुरंत निरस्त करने के निर्देश दिए और भवन नक्शे की भी विस्तृत जांच कराने का आदेश दिया.
सुहागी के मॉं शारदा टेंट हाउस का तीन मंजिला गोदाम सील
इसी तरह, सुहागी क्षेत्र में स्थित मॉं शारदा टेंट हाउस का तीन मंजिला गोदाम भी लापरवाही का उदाहरण बना. गोदाम में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं थे और बिजली की लाइनें खुली मिलीं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ था. नगर निगम ने इसे तुरंत सील कर दिया और मुख्य टेंट हाउस प्रतिष्ठान पर भी कार्रवाई शुरू कर दी.
निगमायुक्त की अपील और आगे की कार्रवाई
नगर निगमायुक्त रामप्रकाश अहिरवार ने शहर के सभी प्रतिष्ठान संचालकों और भवन स्वामियों से अपील की है कि वे आमजनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और फायर सेफ्टी मानकों का कड़ाई से पालन करें. उन्होंने चेतावनी दी कि अनियमितताएं या गलत प्रयोजन पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जांच दल ने बाजारों का निरीक्षण करते हुए न सिर्फ कठोर कार्रवाई की, बल्कि प्रतिष्ठान संचालकों को सुरक्षा नियमों के पालन और जागरूकता के लिए समझाइश भी दी. निगमायुक्त ने कहा कि यह कदम केवल सजा देने के लिए नहीं, बल्कि शहरवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
शहरवासियों की प्रतिक्रिया
शहर के नागरिक और व्यवसायी भी इस पहल को समय की मांग मान रहे हैं. बड़े बाजारों में भीड़ और वाणिज्यिक गतिविधियों के बीच फायर सेफ्टी की अनदेखी भविष्य में बड़े हादसे को आमंत्रण दे सकती थी. अब नगर निगम की यह पहल स्पष्ट संदेश देती है कि सुरक्षा नियम केवल कागजों में नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में लागू होने चाहिए.
नगर निगम की इस कार्रवाई से यह भी साबित होता है कि सुरक्षा केवल नियम नहीं, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है. शहर के प्रतिष्ठान संचालकों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके यहां आने वाले लोग सुरक्षित और संरक्षित रहें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

