पड़ेगी कड़ाके की ठंड, जबलपुर में शीतलहर का खतरा बढ़ा, फरवरी तक ठंड जारी रहने की चेतावनी

पड़ेगी कड़ाके की ठंड, जबलपुर में शीतलहर का खतरा बढ़ा, फरवरी तक ठंड जारी रहने की चेतावनी

प्रेषित समय :15:35:28 PM / Thu, Dec 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. दिसंबर की शुरुआत के साथ ही मध्य प्रदेश में सर्दी इस कदर तेज़ हो चली है कि मौसम विशेषज्ञ इसे पिछले कई वर्षों की तुलना में अधिक गंभीर मान रहे हैं. जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी और बालाघाट सहित महाकौशल क्षेत्र में तापमान लगातार गिरावट दर्ज कर रहा है, जबकि शहर में सुबह–शाम घना कोहरा और ठंडी हवाओं का असर अब साफ दिखने लगा है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान और नीचे जा सकता है तथा कई इलाकों में शीतलहर (Cold Wave) के हालात बनने की पूरी संभावना है.

स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार, पिछले 48 घंटों में रात का तापमान सामान्य से 3–5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया. जबलपुर में पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने की संभावना जताई जा रही है, जबकि अधिकतम तापमान भी 22–24 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड हो रहा है. यह गिरावट दिसंबर के शुरुआती सप्ताह में सामान्य से कहीं अधिक मानी जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी उत्तरी हवाओं के तेज होते ही अगले सप्ताह से शीतलहर का असर ज़्यादा महसूस होगा.

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार पश्चिमी विक्षोभों की गतिविधियाँ बढ़ने से ठंड की अवधि लंबी रहेगी. पिछले दो वर्षों की तुलना में इस बार दिसंबर और जनवरी अधिक ठंडे हो सकते हैं. विभाग ने आशंका जताई है कि फरवरी के मध्य तक भी शीतलहर की घटनाएँ बनी रह सकती हैं. सामान्यतः फरवरी में गर्माहट लौटने लगती है, लेकिन इस बार मौसम का मिजाज़ बदला–बदला दिख रहा है.

जबलपुर में सुबह से ही धुंध के कारण दृश्यता कम हो रही है. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर यात्रियों को आवाजाही में दिक्कतें हुई हैं. शहर के आउटर क्षेत्रों—खमरिया, भेड़ाघाट, तिलहरी और झंडा चौक की ओर सुबह के समय दृश्यता 50 से 100 मीटर तक सीमित देखी गई. प्रशासन ने वाहनों की हेडलाइट्स ऑन रखकर चलने, गति सीमित रखने और कोहरे में अत्यधिक सावधानी बरतने की अपील की है. यातायात पुलिस ने भी शहर के मुख्य चौराहों पर गश्त बढ़ा दी है.

ठंड बढ़ने से जनजीवन पर असर साफ देखा जा रहा है. बाजारों में गर्म कपड़ों की खरीद बढ़ गई है, वहीं चाय–कॉफी और सूप की दुकानों पर पहले से अधिक भीड़ जुट रही है. अस्पतालों में भी सर्दी–जुकाम, खांसी और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है. डॉक्टरों ने बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा व हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि तापमान तेजी से गिरने पर शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, इसलिए नियमित गर्म पानी पिएँ, ठंड में बाहर निकलने से पहले सिर–कान ढकें और सुबह की एक्सरसाइज धूप निकलने के बाद ही करें.

दूसरी ओर, किसानों के लिए यह ठंड अच्छी और बुरी दोनों मानी जा रही है. गेहूँ, चना, लहसुन और आलू जैसी रबी फसलों को ठंड फायदेमंद होती है, लेकिन अत्यधिक पाला पड़ने पर नुकसान भी हो सकता है. कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों को खेतों में हल्की सिंचाई करने, पाले से बचाव के लिए रात में धुआँ करने और फसलों पर समय–समय पर नजर रखने की सलाह दी है. मौसम विभाग ने कहा है कि यदि तापमान 5 डिग्री से नीचे गया, तो कई इलाकों में पाला पड़ सकता है, जिसका सीधा असर रबी फसलों पर हो सकता है.

शहर के स्थानीय क्षेत्रों में भी ठंड का असर अलग–अलग रूप में देखने को मिल रहा है. ग्वारीघाट और संग्राम सागर के किनारे सुबह का धुंध भरा नज़ारा पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, लेकिन नाविकों ने बताया कि घने कोहरे की वजह से सुबह की नाव यात्राएँ देर से शुरू करनी पड़ रही हैं. स्कूलों में बच्चों के आने–जाने के समय माता–पिता एहतियात बरत रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि तापमान और गिरा तो जिला प्रशासन स्कूलों के समय में बदलाव कर सकता है.

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 72 घंटे अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे. यदि उत्तरी हवाएँ इसी गति से चलती रहीं, तो प्रदेश में शीतलहर के हालात और तेज हो जाएंगे. जबलपुर सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों में पारा 8 डिग्री के आसपास पहुँचने की संभावना है. विभाग ने अगले कुछ दिनों में ठंड से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है और लोगों से आग्रह किया है कि रात्रि में अनावश्यक बाहर न निकलें, खासकर बच्चे और बुजुर्ग.

ठंड के इस शुरुआती दौर ने ही लोगों को अपने रोजमर्रा के कार्यक्रमों में बदलाव करने पर मजबूर कर दिया है. मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर का यह रुझान बताता है कि आने वाले सप्ताहों में ठंड और अधिक कड़े रूप में दिख सकती है. जबलपुर के निवासियों के लिए यह सर्द दिसंबर आने वाले कई दिनों तक सुर्खियों में रहेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-