Forbes 30 Under 30, 2026 की सूची में भारतीय मूल के AI संस्थापकों का दबदबा, भविष्य को नया आकार दे रहे छह युवा उद्यमी

Forbes 30 Under 30, 2026 की सूची में भारतीय मूल के AI संस्थापकों का दबदबा, भविष्य को नया आकार दे रहे छह युवा उद्यमी

प्रेषित समय :22:26:49 PM / Thu, Dec 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में आई अभूतपूर्व तेज़ी ने वैश्विक स्तर पर तकनीक के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। इस बदलाव को स्वीकार करते हुए, प्रतिष्ठित Forbes पत्रिका ने अपनी वार्षिक '30 अंडर 30' (30 Under 30) सूची 2026 में AI के लिए एक अलग श्रेणी बनाई है। इस सूची में भारतीय मूल के छह युवा AI संस्थापक छाए हुए हैं, जो अपनी नवोन्मेषी कंपनियों के माध्यम से तकनीकी सीमाओं को फिर से परिभाषित कर रहे हैं।

ये भारतीय-अमेरिकी उद्यमी अपनी कंपनियों के साथ मिलकर वित्त, डेटा विश्लेषण, अनुपालन (कॉम्प्लायंस) और ग्राहक सहायता जैसे जटिल क्षेत्रों में क्रांति ला रहे हैं। ये संस्थापक न केवल तकनीक में अपनी जड़ों को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक स्टार्टअप इकोसिस्टम में भी अपनी पहचान बना रहे हैं।

यहाँ 2026 की फोर्ब्स 30 अंडर 30 सूची में जगह बनाने वाले भारतीय मूल के संस्थापकों का पूरा विवरण दिया गया है:

1. समीर दत्ता और कुणाल तंगड़ी: को-फाउंडर्स, Farsight

एमआईटी कंप्यूटर साइंस के पूर्व छात्र समीर दत्ता और कुणाल तंगड़ी ने सह-संस्थापक नूह फ़ारो के साथ मिलकर Farsight की स्थापना की। उनकी कंपनी एक ऐसा शक्तिशाली टूल तैयार कर रही है जो जटिल एक्सेल मॉडल, पिच डेक और अनुसंधान संक्षिप्त विवरणों को वित्त घरानों द्वारा पसंद किए जाने वाले सटीक प्रारूपों में, केवल कुछ ही सेकंडों में तैयार करने में सक्षम है। यह टूल विशेष रूप से निवेश बैंकों और निजी इक्विटी संस्थाओं के लिए बनाया गया है। Farsight ने पहले ही लगभग 30 वित्तीय संस्थानों से प्रतिबद्धताएँ हासिल कर ली हैं, जो उनके समाधान की बाज़ार में उच्च मांग को दर्शाती है।

2. अदित अब्राहम और रौनक चौधरी: को-फाउंडर्स, Reducto

स्नातक डिग्री हासिल करने वाले अदित अब्राहम और रौनक चौधरी ने अपनी कंपनी का नाम लोकप्रिय हैरी पॉटर मंत्र से प्रेरित होकर Reducto रखा। उनकी कंपनी का काम संरचित (स्ट्रक्चर्ड) नहीं किए गए कागज़ातों में छिपे डेटा के भंडार को तोड़ना और उसकी व्याख्या करना है। अब तक, Reducto 250 मिलियन से अधिक पृष्ठों को स्कैन कर चुका है, और Vanta तथा Airtable जैसी फर्मों को अपनी सेवाएँ दे रहा है। AI के इस दमदार स्टार्टअप ने अब तक 100 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश जुटा लिया है और पिछले अक्टूबर में इसका मूल्यांकन 600 मिलियन डॉलर आँका गया था।

3. फिनसम सैमसन: को-फाउंडर, Accordance

फिनसम सैमसन ने 2024 में अपने पूर्व स्टैनफोर्ड सहकर्मी डेविड यू के साथ मिलकर Accordance लॉन्च किया। उनकी कंपनी एक ऐसे AI फ्रेमवर्क का बीड़ा उठा रही है जो जटिल कर (टैक्स) और अकाउंटिंग की मुश्किलों को हल करने में माहिर है, जिसे पारंपरिक सॉफ्टवेयर भी समझने में नाकाम रहते हैं। यह फर्म पहले ही वेंचर्स, जनरल कैटेलिस्ट, सिकोइया और एंथ्रोपिक जैसे बड़े निवेशकों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक का सीड कैपिटल (प्रारंभिक पूंजी) जुटा चुकी है।

4. अद्विथ चेलिकानी: को-फाउंडर, Pylon

अद्विथ चेलिकानी ने रॉबर्ट एंग और मार्टी कौसास के साथ मिलकर Pylon की स्थापना की। यह कंपनी B2B टीमों की सहायता करती है ताकि वे Slack, Microsoft Teams, ईमेल, इन-ऐप मैसेजिंग, टिकट पोर्टल्स और कम्युनिटी फोरम जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म पर क्लाइंट की चिंताओं को ट्रैक कर सकें और उनका समाधान कर सकें। इस उद्यम के 750 से अधिक B2B ग्राहक हैं, जिनमें ElevenLabs, Together.ai और Linear जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

5. निखिल गुप्ता: को-फाउंडर, Vapi

निखिल गुप्ता ने जॉर्डन डीयर्सली के साथ मिलकर Vapi की शुरुआत की। हालाँकि, शुरुआत में उनका विचार AI काउंसलर बनाने का था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना ध्यान बदल लिया। अब Vapi डेवलपर्स को ऐसे किट प्रदान करता है जिससे वे वॉयस-ड्रिवन AI एजेंटों को तैयार और रोल आउट कर सकें। ये एजेंट न्यूनतम देरी के साथ तरल और मानव-जैसी बातचीत करने में सक्षम होते हैं। Vapi का ध्यान वॉयस इंटरफेस को अधिक सहज और त्वरित बनाने पर केंद्रित है।

6. करुण कौशिक: को-फाउंडर, Delve

करुण कौशिक ने एमआईटी की छात्रावास से Delve की शुरुआत सेलाइन कोकालर के साथ की। शुरू में कंपनी ने एक मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन टूल पर काम किया, लेकिन बाद में उन्होंने अनुपालन (कॉम्प्लायंस) वर्कफ़्लो को सुव्यवस्थित करने की ओर रुख किया। AI का लाभ उठाते हुए, Delve SOC 2 और HIPAA जैसे सुरक्षा मानकों को प्राप्त करने के मार्ग को आसान बनाता है। Delve के अब 500 से अधिक उद्यम ग्राहक हैं, जिनमें AI कोडिंग प्लेटफॉर्म Lovable भी शामिल है। हाल ही में कंपनी ने इनसाइट पार्टनर्स के नेतृत्व में 32 मिलियन डॉलर का फंडिंग राउंड पूरा किया, जिससे उनका मूल्यांकन 300 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया है।

इन छह संस्थापकों की सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारतीय मूल के युवा उद्यमी वैश्विक तकनीकी नवाचार के केंद्र में हैं और वे AI के माध्यम से जटिल व्यावसायिक समस्याओं का समाधान खोज रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में प्रौद्योगिकी और व्यापार की दुनिया को बदल कर रख देंगे।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-