बॉलीवुड की ग्लैमर क्वीन मलाइका अरोड़ा हमेशा अपने स्टाइल, फिटनेस और बेबाकी के लिए जानी जाती हैं, लेकिन इस बार वह अपनी निजी ज़िंदगी को लेकर एक गंभीर टिप्पणी के कारण सुर्खियों में हैं। समाज में तलाक, रिश्ते और डेटिंग को लेकर महिलाओं के प्रति बने दोहरे मानकों पर उन्होंने जो बात कही है, उसने बड़े बहस को जन्म दे दिया है। हाल ही में एक इवेंट में बोलते हुए मलाइका ने कहा कि आज भी महिलाओं का जीवन उनके अपने चुनावों से ज़्यादा समाज की सोच से संचालित होता है। खासकर रिश्तों के मामलों में समाज पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग पैमाने तय कर देता है। और यही वे दोहरे मापदंड हैं, जिनकी वह लंबे समय से शिकार रही हैं।
मलाइका का नाम इस समय एक 17 साल छोटे हीरा व्यापारी के साथ जोड़ा जा रहा है, और इसी वजह से वह अचानक फिर चर्चा में आ गईं। लेकिन जिस तरह की अफवाहें, टिप्पणियां और आलोचनाएं उन पर की जा रही हैं, उसी पर जवाब देते हुए उन्होंने दृढ़ लहजे में कहा कि समाज पुरुषों के मामले में उदार और महिलाओं के चुनाव को लेकर कठोर हो जाता है। उन्होंने कहा कि “आधी उम्र की लड़की से शादी करना तो सही माना जाता है, लेकिन अगर कोई महिला अपने से छोटे पुरुष को डेट करे तो उस पर सवाल उठने लगते हैं।” यह बात कहीं न कहीं उस सामाजिक मानसिकता की ओर इशारा करती है जो आज के दौर में भी आधुनिकता और बराबरी का दावा तो करती है, लेकिन व्यवहार में पुरानी रूढ़ियों का बोझ ढोती है।
इवेंट में बातचीत के दौरान मलाइका ने अपनी निजी जिंदगी पर पड़े समाजिक दबाव पर भी खुलकर बात की। उन्होंने याद किया कि कैसे अरबाज खान से तलाक के बाद उन्हें लगातार ‘जज’ किया गया, जबकि पुरुषों के लिए यह स्थिति बहुत अलग होती है। उन्होंने कहा कि “पुरुष अगर तलाक ले ले, आगे बढ़ जाए, या अपनी आधी उम्र की किसी से शादी कर ले, समाज उसे वाहवाही देता है। लोग कहते हैं—‘क्या मर्द है!’ लेकिन अगर महिला आगे बढ़ने का फैसला करे, रिश्ते बदल ले या अपने लिए नई जिंदगी चुने, तो वही लोग सवाल पूछने लगते हैं।” उनका यह बयान न सिर्फ व्यक्तिगत अनुभव दर्शाता है बल्कि उस सामूहिक सोच पर भी प्रहार करता है, जो आज भी महिला की स्वायत्तता को स्वीकार करने में असहज महसूस करती है।
मलाइका का करियर और निजी जीवन हमेशा मीडिया की नजरों में रहा है। अरबाज खान के साथ शादी, उनका लगभग दो दशक लंबा वैवाहिक सफर और फिर अलग होने का फैसला—इन सब पर खूब चर्चा हुई। 2017 में जब उनका तलाक हुआ, तब भी लोगों ने तमाम तरह की बातें कीं। फिर जब उन्होंने अर्जुन कपूर को डेट करना शुरू किया, तो उनकी उम्र और रिश्ता सबसे बड़ा मुद्दा बना दिया गया। सोशल मीडिया पर भी उन्हें लगातार ट्रोल किया गया, जबकि पुरुष अभिनेताओं को अक्सर उम्र के फर्क के बावजूद तारीफ ही मिलती रही। समाज की इस दोहरी प्रतिक्रिया पर उन्होंने जो टिप्पणी की, वह आज की पीढ़ी खासकर महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण संदेश देती है।
कहते हैं कि महिलाएं मजबूत हों या स्वतंत्र, लेकिन उनके फैसलों को समाज अब भी पुरुषों जितना सहजता से नहीं ले पाता। मलाइका ने इसी दर्द को उजागर किया। उन्होंने कहा कि “आपको लगातार मजबूत होने के लिए आंका जाता है। हर फैसले पर सवाल खड़े किए जाते हैं। अगर आपने अपनी खुशी चुनने की हिम्मत दिखाई, तो लोग पूछने लगते हैं—क्यों किया, कैसे किया, क्या समझ नहीं थी?” यह सवाल केवल मलाइका के लिए नहीं हैं, बल्कि हर उस महिला के लिए हैं जो अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना चाहती है।
दिलचस्प बात यह है कि इसी समय अरबाज खान की दूसरी शादी और बेटी के जन्म को लेकर जहां लोगों ने खुशी जताई, वहीं मलाइका को उनके नए रिश्ते की अफवाहों के कारण ट्रोल होना पड़ा। यह द्वंद्व आज के समाज की सोच की गहरी असमानता को दर्शाता है। तलाक के बाद दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं; अरबाज ने 2023 में शूरा खान से शादी की और 2025 में बेटी का स्वागत किया। लेकिन जब बात मलाइका के रिश्तों की आती है, तो अचानक नजरे, सवाल और विवाद बढ़ जाते हैं। यही असमानता बार-बार चर्चा और आलोचना का मुद्दा बन जाती है।
उनकी टिप्पणी ने यह साबित किया कि ग्लैमर की चमक के पीछे भी महिलाओं को उसी सामाजिक मानसिकता से जूझना पड़ता है, जिससे आम महिलाएँ जूझती हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि उनके मामले में यह सब सार्वजनिक हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि “जिंदगी में कुछ पुरुषों ने मुझे बेहतर इंसान बनने में मदद की है, लेकिन समाज को महिलाओं के चुनाव को स्वीकार करना सीखना होगा। जब तक सोच नहीं बदलेगी, तब तक महिलाएँ असली मायनों में आजाद महसूस नहीं करेंगी।”
मलाइका अरोड़ा की यह बेबाकी, उनकी बातों का साहस और अनुभव से निकली सच्चाई ने फिर एक बार यह बहस छेड़ दी है कि क्या हम सच में समानता की ओर बढ़ रहे हैं या सिर्फ दिखावे की आधुनिकता जी रहे हैं। उनके बयान आज की युवतियों, कामकाजी महिलाओं और उन तमाम लोगों के लिए आईना हैं, जो अपने फैसले लेने से पहले समाज की राय से डरते हैं। उन्होंने यह भी साबित किया कि महिला चाहे कितनी भी सफल, स्वतंत्र या प्रगतिशील क्यों न हो, उसे अब भी अपने चुनावों को लेकर समाज को जवाब देना पड़ता है। और यह उम्मीद जागती है कि शायद ऐसे मुद्दों पर खुलकर बात करने से धीरे-धीरे सोच में बदलाव आएगा।
उनकी बातों की गूंज सोशल मीडिया से लेकर समाज की बातचीत तक महसूस हो रही है। लोग इस बारे में गंभीरता से सोचने को मजबूर हुए हैं कि रिश्तों, उम्र और फैसलों के आधार पर महिला को अब भी क्यों टोका जाता है, जबकि पुरुष को सम्मान दिया जाता है। मलाइका ने इस सवाल को उठाया है—अब जवाब समाज को देना है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

