अनिल मिश्र/रांची
झारखंड की राजधानी रांची स्थित झारखंड उच्च न्यायालय के एक महत्वपूर्ण आदेश के बाद, रोज वैली चिटफंड घोटाले की जांच ने अब रफ्तार पकड़ ली है. सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) रांची की टीम कल, गुरुवार 11 दिसंबर को, खूंटी जिले में जांच के लिए पहुंचेगी, जिससे इस बड़े घोटाले के पीड़ितों में न्याय की उम्मीद जग उठी है. यह खबर पूरे प्रदेश में उन हजारों लोगों के बीच उत्सुकता और जिज्ञासा बढ़ा रही है, जिन्होंने बेहतर रिटर्न के लालच में अपनी गाढ़ी कमाई इस धोखेबाज कंपनी के हवाले कर दी थी.
सीबीआई की टीम, जो कि हाईकोर्ट द्वारा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में दिए गए विशेष आदेशों के आलोक में कार्रवाई कर रही है, शुक्रवार 12 दिसंबर तक खूंटी सर्किट हाउस में रुकेगी. इस दौरान सीबीआई का मुख्य फोकस रोज वैली ग्रुप के खिलाफ जांच कार्रवाई को आगे बढ़ाना रहेगा और यह पता लगाना होगा कि झारखंड में कंपनी का जाल कितना गहरा था और कितने लोगों को ठगा गया.
यह बात गौरतलब है कि रोज वैली ग्रुप ने देश के विभिन्न राज्यों के भोले-भाले लोगों को कम समय में बेहतर मुनाफे का लालच देकर बड़े पैमाने पर निवेश कराया था. यह एक सुनियोजित वित्तीय धोखाधड़ी थी, जिसके बाद यह ग्रुप लोगों का जमा किया हुआ एक बड़ी राशि लेकर फरार हो गया. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और जांच एजेंसियों के अनुसार, इस कंपनी ने लोगों का कुल 1078 करोड़ रुपये लेकर चंपत हो गई थी.
ठग कंपनी, रोज वैली होटल एंड इंटरटेनमेंट लिमिटेड ने झारखंड के लोगों को भी नहीं बख्शा. राज्य के कई जिलों में आकर्षक रिटर्न और दोगुने मुनाफे का झांसा देकर भारी मात्रा में निवेश कराया गया था. अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गंवाने वाले ये लोग लंबे समय से न्याय की आस लगाए हुए थे और अब हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीबीआई की सीधी कार्रवाई से उन्हें एक बड़ी राहत मिली है.
इस महत्वपूर्ण जांच के दौरान, ठगी के शिकार लोग सीबीआई अधिकारियों से मिलकर रोज वैली में किए गए अपने निवेश से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकेंगे. यह पीड़ितों के लिए एक सीधा मौका है कि वे अपने नुकसान और कंपनी की धोखाधड़ी के बारे में जांच एजेंसी को विस्तृत जानकारी दें.
सर्किट हाउस में अपने प्रवास के दौरान, सीबीआई की टीम उन सभी लोगों के दस्तावेजों को स्वीकार करेगी जिन्होंने रोज वैली होटल एंड इंटरटेनमेंट लिमिटेड में निवेश किया था. पीड़ितों को चाहिए कि वे अपने निवेश से संबंधित सभी प्रमाण, जमा रसीदें, कंपनी द्वारा जारी किए गए बॉन्ड या पॉलिसी दस्तावेज और किसी भी तरह के संवाद या समझौते के कागजात सीबीआई अधिकारियों को सौंपें. ये दस्तावेज जांच को मजबूती देने और कंपनी के अधिकारियों पर शिकंजा कसने में निर्णायक साबित होंगे.
सीबीआई की यह कार्रवाई दर्शाती है कि उच्च न्यायालय इस बड़े वित्तीय घोटाले की गंभीरता को पहचानता है और पीड़ित निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. खूंटी में टीम की मौजूदगी से न केवल रोज वैली बल्कि राज्य में सक्रिय अन्य चिटफंड कंपनियों के खिलाफ भी एक सख्त संदेश जाएगा कि कानून से बचना आसान नहीं होगा.
खूंटी और आसपास के जिलों के लोग, जिन्होंने इस धोखेबाज कंपनी में पैसा लगाया था, अब बड़ी उत्सुकता से कल का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें. उम्मीद है कि सीबीआई की यह जांच झारखंड के उन हजारों लोगों को उनका पैसा वापस दिलाने की दिशा में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिनका भरोसा इन चिटफंड कंपनियों ने तोड़ा है. सीबीआई की टीम इस मामले में कंपनी के स्थानीय एजेंटों, संपत्तियों और वित्तीय लेनदेन की तह तक जाकर जांच करेगी ताकि धोखाधड़ी के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

