हाईकोर्ट एमएससी नर्सिंग प्रवेश पर सख्त, काउंसिल की लापरवाही पर सवाल, 15 दिसंबर को नर्सिंग काउंसिल को व्यक्तिगत रूप से होना होगा पेश

हाईकोर्ट एमएससी नर्सिंग प्रवेश पर सख्त, काउंसिल की लापरवाही पर सवाल, 15 दिसंबर को नर्सिंग काउंसिल को व्यक्तिगत रूप से होना होगा पेश

प्रेषित समय :15:57:09 PM / Sun, Dec 14th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. एमपी में एमएससी नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया एक बार फिर न्यायिक जांच के घेरे में आ गई है. प्रवेश से जुड़ी अनियमितताओं, वेबसाइट के बंद होने व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के कथित उल्लंघन को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इस मामले में एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल को 15 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दी है तो एमएससी नर्सिंग को इससे अलग क्यों रखा गया. अदालत ने इसे गंभीर विषय मानते हुए काउंसिल और भारतीय नर्सिंग परिषद से जवाब तलब किया है. इस पूरे मामले ने प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा की पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.

मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार लंबे समय से सवाल उठाते आ रहे हैं. इससे पहले भी उन्हें प्रवेश परीक्षा देने से रोका गया था. लेकिन हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद वे परीक्षा में शामिल हो सके. अब एक बार फिर एमएससी नर्सिंग की प्रवेश प्रक्रिया में कथित गड़बडिय़ों को लेकर उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी. रवि परमार का आरोप है कि काउंसिल की मनमानी और अस्पष्ट निर्णयों के कारण योग्य अभ्यर्थियों को बार.बार परेशान किया जा रहा है.

हाईकोर्ट में रवि परमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय में रवि परमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने मजबूती से पक्ष रखा और एमएससी नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं की ओर न्यायालय का ध्यान दिलाया. सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि पोस्ट बीएससी और एमएससी नर्सिंग की काउंसलिंग के लिए काउंसिल ने समय-सारणी तो जारी कर दी हैए लेकिन संबंधित वेबसाइट पूरी तरह से गैर.कार्यशील है. इससे हजारों पात्र अभ्यर्थियों को न तो सही जानकारी मिल पा रही है और न ही वे आवेदन या काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर पा रहे हैं.

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने अदालत को बताया कि दिसंबर 2025 में मध्यप्रदेश नर्स पंजीकरण परिषद के रजिस्ट्रार कार्यालय ने भारतीय नर्सिंग परिषद को एसएलपी क्रमांक 29570/2025 के संबंध में पत्र भेजा था. इस पत्र में उल्लेख है कि 3 दिसंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों के प्रवेश में कोई बाधा उत्पन्न न की जाए. हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल से जुड़े अधिकारी और अधिवक्ता 15 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित हों. अदालत ने यह भी कहा कि यदि एमएससी नर्सिंग में प्रवेश की समय-सीमा नहीं बढ़ाई गई है. तो इसके पीछे का कारण स्पष्ट किया जाए.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-