जबलपुर. भारतीय रेल मंत्रालय, जो आमतौर पर ट्रेनों के संचालन और पटरियों के विस्तार से जुड़ी खबरों के लिए जाना जाता है, आज डिजिटल जागरूकता के एक ऐसे सामाजिक मुद्दे के साथ सामने आया है जिसने वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को छू लिया है. रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक विशेष एडवाइजरी जारी की है, जिसमें देश के बुजुर्गों को सुरक्षित और जिम्मेदारी से सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया है. मंत्रालय ने इस पहल के माध्यम से यह रेखांकित किया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म बुजुर्गों को उनके परिवार और दोस्तों से जुड़े रहने, शारीरिक दूरी को पाटने और अकेलेपन की भावना को दूर करने में एक शक्तिशाली सहायक बन सकता है. यह खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है क्योंकि यह केवल कनेक्टिविटी की बात नहीं करती, बल्कि बुजुर्गों की डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देती है.
रेल मंत्रालय ने अपने आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट साझा करते हुए डिजिटल जागरूकता के बढ़ते महत्व की ओर ध्यान आकर्षित किया. मंत्रालय ने कहा कि सही मार्गदर्शन और ऑनलाइन सुरक्षा की आदतों के साथ, सोशल मीडिया बुजुर्ग उपयोगकर्ताओं को सूचित रखने, जुड़े रहने और रोजमर्रा की जिंदगी में सक्रिय रूप से शामिल रहने में मदद कर सकता है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अधिकांश परिवार अब छोटे हो रहे हैं और युवा सदस्य आजीविका या शिक्षा के लिए दूर शहरों या विदेशों में रह रहे हैं. ऐसे में, तकनीक बुजुर्गों के लिए एक भावनात्मक सेतु का काम कर सकती है. मंत्रालय ने सलाह दी है कि बुनियादी स्मार्टफोन कौशल सीखना वरिष्ठ नागरिकों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में बहुत मदद कर सकता है. वीडियो कॉल जैसी सरल सुविधाएं उन्हें परिवार और दोस्तों के साथ नियमित संपर्क में रहने, भौतिक दूरी को पाटने और अकेलेपन की भावनाओं को प्रभावी ढंग से कम करने में सहायता करती हैं. यह पहल दिखाती है कि सरकार अब केवल भौतिक कनेक्टिविटी (ट्रेनें) पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक कनेक्टिविटी पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है.
मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों को अपनी यादें ऑनलाइन साझा करने और अपनी रुचि-आधारित समूहों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया. उसका मानना है कि ऐसी गतिविधियां सार्थक बातचीत को बढ़ावा दे सकती हैं और उन्हें सामाजिक रूप से सक्रिय रख सकती हैं. कई बुजुर्ग, जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद समाज से कटा हुआ महसूस करते हैं, उनके लिए ये ऑनलाइन समूह नए दोस्त बनाने और पुरानी रुचियों को फिर से जगाने का माध्यम बन सकते हैं. उदाहरण के लिए, गार्डनिंग, धार्मिक ग्रंथों, या पाक कला से जुड़े समूह उन्हें व्यस्त और उत्साहित रख सकते हैं. हालांकि, इन लाभों को रेखांकित करते हुए, रेलवे मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल दुनिया में सतर्क रहने की भी याद दिलाई है, क्योंकि ऑनलाइन फ्रॉड और दुरुपयोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें बुजुर्ग सबसे आसान शिकार होते हैं. उन्हें विशेष रूप से सलाह दी गई है कि वे अपने गोपनीयता सेटिंग्स को हमेशा ऑन रखें और अज्ञात उपयोगकर्ताओं से आने वाली फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से बचें. ये सरल कदम उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी और व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग से बचाने में मदद कर सकते हैं.
इस पूरी पहल का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि मंत्रालय ने ऑनलाइन नेविगेशन को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों से एक विशेष हेल्पलाइन नंबर 14567 का उपयोग करने का आग्रह किया है. यह हेल्पलाइन डिजिटल जागरूकता और सुरक्षित ऑनलाइन अभ्यासों पर मार्गदर्शन प्रदान करती है. यह सुनिश्चित करती है कि बुजुर्ग उपयोगकर्ता अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को जोखिम में डाले बिना प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग कर सकें. इस हेल्पलाइन की जानकारी देना यह दर्शाता है कि रेल मंत्रालय का यह प्रयास केवल एक सोशल मीडिया पोस्ट नहीं है, बल्कि एक संरचित समर्थन प्रणाली की ओर इशारा करता है. यह कदम यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है कि वरिष्ठ नागरिक डिजिटल रूप से सशक्त बनें, जिससे वे न केवल ट्रेन टिकट ऑनलाइन बुक कर सकें या अपने यात्रा की जानकारी प्राप्त कर सकें, बल्कि एक स्वस्थ और जुड़े हुए सामाजिक जीवन का भी आनंद ले सकें. रेल मंत्रालय द्वारा दी गई यह डिजिटल सुरक्षा सलाह पूरे देश के बुजुर्गों के लिए एक आवश्यक संदेश है, जिसे अब अन्य सरकारी विभागों और सामाजिक संगठनों द्वारा भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

