संवाददाता/पटना. बिहार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज व्यवस्था के दावों के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जो व्यवस्था की विडंबना और जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है. गया जिले के टिकारी प्रखंड अंतर्गत पंचानपुर बाजार के समीप शिवनगर गांव के ग्रामीणों ने अपनी मेहनत और जनसहयोग से जिस पुलिया का निर्माण आवागमन सुगम बनाने के लिए किया था, आज वही पुलिया स्थानीय राजनीति और आपसी रंजिश की भेंट चढ़ने की कगार पर है. टिकारी प्रखंड मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव के निवासियों ने अब अपनी इस अमूल्य धरोहर को टूटने से बचाने के लिए बिहार विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार के द्वार पर दस्तक दी है और न्याय की गुहार लगाई है.
पूरा मामला शिवनगर पंचायत के मुखिया सुबोध कुमार सिंह के कथित अड़ियल रवैये और पूर्वाग्रह से जुड़ा हुआ है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस स्थान पर पुलिया निर्माण के लिए मुखिया से कई बार लिखित और मौखिक अनुरोध किया गया था, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल नहीं हुआ. जब थक-हारकर ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा किया और श्रमदान के माध्यम से स्वयं ही पुलिया खड़ी कर ली, तो यह जनहित का कार्य मुखिया महोदय को नागवार गुजरने लगा. ग्रामीणों के अनुसार, मुखिया अब इस पुलिया को अवैध और अतिक्रमण करार देकर तुड़वाने पर उतारू हैं. इसके लिए टिकारी अंचल कार्यालय और अंचल अधिकारी पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है ताकि प्रशासन इस जननिर्मित संरचना को ध्वस्त कर दे.
ग्रामीणों ने विधानसभा अध्यक्ष को दिए अपने आवेदन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि मुखिया केवल इसलिए इस पुलिया को हटाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ग्रामीणों ने उन्हें वोट नहीं दिया था. पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर एक जनहितकारी निर्माण को ढहाने की कोशिश करना न केवल अनैतिक है बल्कि सरकार की 'सात निश्चय' योजना की मूल भावना के भी विपरीत है. गौरतलब है कि बिहार सरकार का संकल्प है कि हर गांव, टोला और बसावट को पक्की सड़क और पुल-पुलिया से जोड़ा जाए. ऐसे में जब जनता खुद आगे बढ़कर सरकारी खजाने पर बोझ डाले बिना विकास कार्य कर रही है, तब एक जनप्रतिनिधि द्वारा उसे रुकवाने का प्रयास क्षेत्र में चर्चा और आक्रोश का विषय बना हुआ है.
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार के साथ-साथ ग्रामीणों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आवेदन की प्रतिलिपि बिहार सरकार के मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग और लघु सिंचाई विभाग के मंत्रियों को भी भेजी है. ग्रामीणों का तर्क है कि यदि अंचल कार्यालय ने मुखिया के दबाव में आकर इस पुलिया को तोड़ा, तो यह न केवल ग्रामीणों के श्रम का अपमान होगा बल्कि आवागमन का एकमात्र सहारा भी छीन जाएगा. शिवनगर और पंचानपुर बाजार के बीच का यह संपर्क मार्ग हजारों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा है. अब देखना यह होगा कि राजधानी पटना से चली यह गुहार गया के टिकारी प्रखंड में क्या रंग लाती है और प्रशासन जनसहयोग की इस मिसाल को सुरक्षा प्रदान करता है या राजनीतिक दबाव के आगे झुक जाता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

