अमेरिका अपने नियम कानून से चलेगा, भारत को भी घुसपैठियों से ऐसे ही निपटना होगा

संसद से सड़क तक  विपक्ष ने अपना गोल पोस्ट फिर से बदल लिया है. कल तक महाकुंभ में भगदड़ हादसे पर जमीन-आसमान एक किये विपक्षी नेताओं की जमात अब अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को वहां से भारत भेजे जाने पर सियासत तलाशने लगा है. संसद के बजट सत्र में महाकुंभ हादसे को पीछे ढकेल कर विपक्ष अब लगातार अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के निर्वासन को मुद्दा बनाने लगे हैं.संसद के बाहर हो-हल्ला तो बाहर धरना दिया जा रहा है. लोकसभा में विपक्षी सांसद हंगामा करते हुए इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है. विपक्ष के तमाम सांसद संसद भवन परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं. लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर हंगामा देखने को मिल रहा है. विपक्ष के सांसदों ने प्रश्नकाल के दौरान भारतीयों के डिपोर्ट का मुद्दा उठाया. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई कहते हैं कि अमेरिका सरकार के इस रवैये से बेहद दुखी हूं. भारत और अमेरिका के बीच संबंध अच्छे हैं लेकिन उन्होंने जिस तरीके से 100 से ज्यादा भारतीयों को मिलिट्री प्लेन से भेजा है, वो पूरी तरह से अमानवीय है. विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री को इस पर अपनी बात रखनी चाहिए. विपक्ष ट्रम्प और मोदी के रिश्तों को लेकर भी तंज कस रहे है. लगता नहीं है कि यह सियासत जल्दी थम जायेगी. क्योंकि अभी अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे करीब 150 और भारतीयों को भी अमेरिका से निकाला जाना है. वैसे यह भी नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका में वैध तरीके से रह रहे करीब सात लाख भारतीय बिना भेदभाव के वहां अपना जीवनयापन कर रहे हैं. एक तरफ सिसासतदारों का एक धड़ा अमेरिका के रवैये की आलोचना करके मोदी सरकार को घेर रहा है तो वहीं कुछ बुद्धिजीवी पूछ रहे हैं भारत सरकार, अमेरिका से सबक लेकर कब यहां यह रहे गैर भारतीयों को देश से निकालेगी. एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत में करीब पांच करोड़ लोग अवैध रूप से रह रहे हैं,जिनके खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर तुष्टिकरण की सियासत के चलते कुछ राजनैतिक दलों के आकाओं द्वारा इन्हें उन्हें पाला पोसा जा रहा है. उनके आधार और पैन कार्ड बनवाये जा रहे हैं. वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराया जा रहा है. जबकि यह घुसपैठिये कई आपराधिक वारदातों में लिप्त मिल जाते हैं.
     विपक्ष को इस लिये सियासत चमकाने का मौका मिल गया क्योंकि अमेरिका से डिपोर्ट किए गए सभी भारतीयों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर अमेरिकी एयरक्राफ्ट में भारत लाया गया था. हालांकि अमेरिका सरकार की ओर से इस तरह क्यों किया गया, यह बड़ा सवाल है. भारत सरकार की ओर से  इस पूरे प्रकरण पर राज्यसभा में प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने संसद में कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. साल दर साल यह होता रहा है. इस तरह (यानी हाथ में हथकड़ी और पैरों में बेड़िया)ं डिपोटेशन करने का तरीका नया नहीं है. अमेरिका ने अपने नियमों के अनुसार कार्रवाई की. खैर, सियासत के बीच एयरक्राफ्ट से उतरने के बाद सभी भारतीयों को कस्टम व इमीग्रेशन चेकिंग के लिए भेज दिया गया. उक्त विभागों की ओर से सभी के दस्तावेजों और बैकग्राउंड की चेकिंग की जा रही है, ताकि पता चल सके कि जो भी अवैध तरीके से रह रहे थे, उनके खिलाफ भारत के किसी भी राज्य या शहर में कोई आपराधिक केस दर्ज है या नहीं. अगर किसी के खिलाफ इस तरह का कोई रिकार्ड पाया जाता है तो उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाएगा और कानून के मुताबिक बनती कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल जांच चल रही है.अमेरिका से भारत लाए गए 104 भारतीयों में गुजरात 33, हरियाणा के 34, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के तीन, उतर-प्रदेश-चंडीगढ़ के 2-2 लोग शामिल हैं. इनमें आठ से दस साल के कुछ बच्चे भी शामिल हैं. वहीं, अमेरिका सरकार की ओर से कुल 205 लोगों की लिस्ट जारी की गई थी. बाकी के लोग कब आएंगे, फिलहाल इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है.बहराल, अमेरिका से भारत लौट रहे अवैध प्रवासियों की पहली फ्लाइट चर्चा में जरूर है,इस पर सियासत भी खूब हो रही है, लेकिन इस वापसी के पीछे भारत को एक और बड़ा फायदा होने वाला है. पंजाब पुलिस ने लगभग 100 कुख्यात अपराधियों की पूरी हिस्ट्री तैयार कर ली है, जिनमें से 20 के अमेरिका में छिपे होने की आशंका है. अब यह संभावना बढ़ गई है कि अमेरिका से अपराधियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है.
    बता दें अमेरिका में भारत के कई मोस्ट वांटेड अपराधी छिपे हुए हैं. इनमें सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी अनमोल बिश्नोई (गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई), पुलिस प्रतिष्ठानों पर ग्रेनेड हमलों में शामिल हैप्पी पासिया, ड्रग तस्कर सरवन भोला, और गोपी नवांशहरिया जैसे नाम शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक, सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू भी पंजाब में हिंसा फैलाने और अवैध प्रवास को बढ़ावा देने में शामिल हैं, ऐसे में उसके तैयार किए गए गुर्गे भी इस वापसी में शामिल हो सकते हैं. इस लिहाज से अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की शुरुआत इस दिशा में भी मददगार साबित हो सकती है.अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर विमान सी-17 बुधवार को अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. विमान ठीक 2 बजकर 15 मिनट पर अमृतसर एयरपोर्ट पर एविएशन क्लब की तरफ लैंड करवाया गया. इसमें 104 भारतीय सवार थे. सभी को हथकड़ी लगाकर अमेरिका सेना की देखरेख में भेजा गया है.इस विमान ने मंगलवार को अमेरिका के टेक्सास के सैन एंटोनियो से उड़ान भरी थी, जोकि करीब 35 घंटे की उड़ान भरकर अमृतसर पहुंचा. वहीं, विमान पहुंचने से ठीक पहले भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकार भी एयरपोर्ट पर पहुंच गए. इनमें मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर, गृह विभाग, भारतीय सेना सहित कई अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हैं.
   उधर, 05 फरवरी को अमेरिकी विमान के अमृतसर पहुंचने के बाद एविएशन क्लब में ही अमेरिका से आए अधिकारियों और भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों की मीटिंग की गई. हालांकि मीटिंग किन मुद्दों पर रही, इस पर अभी किसी भी अधिकारी की ओर से पुष्टि नहीं की गई, लेकिन सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के अधिकारियों के समक्ष अवैध तौर पर आने वाले लोगों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है. साथ ही भविष्य में इस पर रोक लगाने के लिए कहा है. इसके अलावा जो एजेंट लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजने का काम कर रहा है. उन पर भी कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है
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