पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित गनकैरिज फैक्टरी द्वारा सेना के लिए बनाए गए धनुष तोप के 125 एमएम बमों के बारुद निकालकर तीन खोल चोरी कर लिए गए. खमरिया स्थित लांगप्रूफ रेज (एलपीआर) में हुई घटना से सनसनी फैल गई, बमों से बारुद निकालकर खोल चोरी किया जाना आसान काम नहीं है यह कोई एक्पर्ट ही कर सकता है. खमरिया पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है.
बताया जाता है कि भारतीय सेना के लिए पहुंचाने से पहले बम, बारुद का यहां पर परीक्षण किया जाता है, इसके बाद भी उन्हे भेजा जाता है, यहां पर आम आदमी का आना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, यहां पर सैन्य बलों द्वारा सुरक्षा की जाती है, इसके बाद भी एलपीआर की प्रयोगशाला में करीब पांच दिन पहले अज्ञात तत्व अंदर घुसे और धनुष तोप के लिए तैयार किए गए 125 एमएम के बमों से बारुद निकालकर खोखे चोरी कर लिए गए, बमों का बारुद निकालकर खोखे चोरी किए जाने की खबर से फैक्टरी प्रबंधन से लेकर सैन्य अधिकारियों में हड़कम्प मच गया, देखा तो बारुद फैला और खोखे गायब थे. पहले तो प्रबंधन अपने स्तर पर जांच में जुटा रहा, लेकिन बाद में यह खबर चर्चा का विषय बनी तो थाना पुलिस को सूचना दी गई, पुलिस ने जांच की तो पाया कि तीनों बमों के खोखे गायब है. एलपीआर की प्रयोगशाला में जिस तरह से खिड़की की ग्रिल तोड़कर अंदर घुसे चोरों ने वारदात को अंजाम दिया है, उससे एलपीआर की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए है, आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा को भेदकर चोर अंदर घुसे और बमों से बारुद निकालकर खोखे चोरी कर ले गए.
एक खोखे की कीमत दो से ढाई लाख रुपए-
ऐसा भी कहा जा रहा है कि 125 एमएम के इस बम के एक खोखे की कीमत दो से ढाई लाख रुपए के लगभग बताई जा रही है, जिसमें कई कीमती धातुएं मिलाकर बनाया जाता है, हालांकि इस घटना के बाद से फैक्टरी प्रबंधन भी चुप्पी साधे हुए है.
कोई एक्सपर्ट ही निकाल सकता है बमों से बारुद-
सूत्रों की माने तो धनुष तोप के लिए बनाए गए 125 एमएम के इन बमों को खोलकर बारुद निकालना आसान काम नहीं है, यह कोई एक्पर्ट ही कर सकता है, इस बात तो यह भी चर्चा है कि अंदर का भी कोई आदमी मिला हुआ होगा, जिसने चोरों की मदद करते हुए बमों से बारुद निकाला होगा.
एलपीआर में टेस्टिंग के वक्त आसपास घूमते है कबाड़ी-
लम्बे समय से यह बात भी चर्चाओं में है कि जब भारतीय सेना को पहुचाएं जाने वाले बमों की एलपीआर में टेस्टिंग की जाती है तो बमों के साथ ताबां, पीतल भी टूटकर दूर दूर तक गिरता है, जिसे उठाने के लिए आसपास गांव के कबाड़ी सुबह से बैठ जाते है, जो टुकड़ों में बिखरे तांबा व पीतल को बेचकर रुपया कमाते है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में ग्राहकों को बेचा जा रहा था कीड़े लगा नमकीन, क्राइम ब्रांच की टीम के छापे से खुलासा, देखें वीडियो
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