नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कम्पनियों के लिए नियमों में बदलाव और इंटरमीडियरी जवाबदेही पर नए दिशा निर्देशों का ऐलान कर दिया है. साथ ही सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉम्र्स के लिए भी नई गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं.
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. जिसमें रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सोशल मीडिया पर गलत भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन अब सरकार सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री को मंजूरी नहीं देगी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने देखा है कि लोग अब हिंसा फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब सोशल मीडिया की तीन स्तर पर निगरानी होगी. कंपनियों को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी, जो शिकायतों का निपटारा करेगा. कंपनियों को महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट 24 घंटों के अंदर हटाने होंगे. कंपनियों को नियमों का पालन करने पर हर महीने सरकार को रिपोर्ट देनी होगी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिसने पहले आपत्तिजनक पोस्ट डाली, उसके बारे में सरकार को बताना पड़ेगा. तीन महीनों के अंदर नियमों का पालन करना होगा.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सभी मीडिया प्लेटफॉम्र्स के लिए अब एक नियम हो. हमें ओटीटी प्लेटफॉम्र्स के लिए नियम बनाने को लेकर हर दिन सैकड़ों पत्र मिल रहे हैं. जावेड़कर ने कहा कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पत्नी की हत्या कर तीनों बच्चों को डिनर कराने ले गया युवक, सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली भगवान का शुक्रिया..!
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आखिर सोशल मीडिया के लिए जरूरी कानून-कायदे क्यों नहीं है?
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